दाऊद ने अपनी आंखें ऊपर उठाईं। उसने यह देखा, ‘लोगों का संहार करनेवाला दूत आकाश और पृथ्वी के मध्य खड़ा है। उसके हाथ में तलवार है, जो यरूशलेम नगर से ऊपर उठी हुई है।’ तब दाऊद और धर्मवृद्धों ने पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए टाट के वस्त्र पहिने। वे मुँह के बल भूमि पर गिरे।
अत: मैं उठा, और मैदान की ओर गया, और देखो, प्रभु का तेज वहां प्रकट हुआ; वह उस तेज के समान था जो मैंने कबार नदी के तट पर देखा था। तब मैं भूमि पर मुंह के बल गिर पड़ा।
अब मैंने एक दर्शन देखा। यह उसी दर्शन के समान था जो मैंने उस समय देखा था जब परमेश्वर का तेज नगर का विनाश करने आया था। यह दर्शन कबार नदी के तट पर देखे गए दर्शन के समान था। यह दर्शन देख कर मैं श्रद्धा और भक्ति से मुंह के बल भूमि पर गिर पड़ा।
अत: गब्रिएल मेरे समीप आया, जहाँ मैं खड़ा था। जब वह मेरे समीप आया तब मैं डर गया और भूमि पर मुंह के बल गिर पड़ा। उसने मुझसे कहा, “ओ मानव, जो दर्शन तूने देखा है उसका अर्थ समझ। यह दर्शन युगान्त के विषय में है।”
प्रभु के सम्मुख से आग निकली और उसने अग्निबलि एवं वेदी की चर्बी को भस्म कर दिया। यह देखकर लोगों ने जय-जयकार किया। उन्होंने मुँह के बल गिरकर वन्दना की।
वह बोल ही रहा था कि उन सब पर एक चमकीला बादल छा गया और उस बादल में से यह वाणी सुनाई पड़ी, “यह मेरा प्रिय पुत्र है। मैं इस पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ। इसकी बात सुनो।”
हम सब भूमि पर गिर पड़े और मुझे इब्रानी भाषा में एक आवाज सुनाई दी। कोई मुझ से कह रहा था, ‘शाऊल! शाऊल! तू मुझे क्यों सता रहा है? अंकुश पर लात मारना तेरे लिए कठिन है।’
जब अग्नि की लपट वेदी से निकलकर आकाश की ओर उठी, तब प्रभु का दूत उस वेदी की लपट में होकर ऊपर चला गया। मानोह और उसकी पत्नी यह देखते रहे। उन्होंने भय से भूमि पर गिरकर वन्दना की।