मत्ती 12:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसने परमेश्वर के भवन में प्रवेश किया और अपने साथियों के साथ भेंट की रोटियाँ खायीं, जिनका खाना उसके और उसके साथियों के लिए मना था। भेंट की रोटियाँ केवल पुरोहित खा सकते थे। पवित्र बाइबल उसने परमेश्वर के घर में घुसकर परमेश्वर को चढ़ाई पवित्र रोटियाँ कैसे खाई थीं? यद्यपि उसको और उसके साथियों को उनका खाना मूसा की व्यवस्था के विरुद्ध था। उनको केवल याजक ही खा सकते थे। Hindi Holy Bible वह क्योंकर परमेश्वर के घर में गया, और भेंट की रोटियां खाईं, जिन्हें खाना न तो उसे और उसके साथियों को, पर केवल याजकों को उचित था? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह कैसे परमेश्वर के घर में गया, और भेंट की रोटियाँ खाईं, जिन्हें खाना न तो उसे और न उसके साथियों को पर केवल याजकों को उचित था? नवीन हिंदी बाइबल वह किस प्रकार परमेश्वर के भवन में गया, और उन्होंने भेंट की रोटियाँ खाईं, जिन्हें खाना न तो उसके लिए और न ही उसके साथियों के लिए, पर केवल याजकों के लिए उचित था? सरल हिन्दी बाइबल कैसे उन्होंने परमेश्वर के भवन में प्रवेश किया और दावीद और उनके साथियों ने भेंट की वह रोटी खाई, जिसे पुरोहितों के अलावा किसी का भी खाना व्यवस्था के अनुसार न था? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह कैसे परमेश्वर के घर में गया, और भेंट की रोटियाँ खाई, जिन्हें खाना न तो उसे और न उसके साथियों को, पर केवल याजकों को उचित था? |
मूसा ने हारून और उसके पुत्रों से कहा, ‘मिलन-शिविर के द्वार पर माँस उबालो, और वहीं बैठकर उसको एवं अभिषेक-बलि की टोकरी की रोटियों को खाओ, जैसा मैंने आदेश दिया था, “हारून और उसके पुत्र उसको खाएँगे” ।
येशु ने उनसे कहा, “क्या तुम लोगों ने यह नहीं पढ़ा कि जब दाऊद और उसके साथियों को भूख लगी, तो दाऊद ने क्या किया था?
“अथवा क्या तुम लोगों ने मूसा की व्यवस्था में यह नहीं पढ़ा कि पुरोहित विश्राम के दिन मन्दिर में विश्राम के नियम का उल्लंघन करने पर भी दोषी नहीं होते?
उसने महापुरोहित एबयातर के समय परमेश्वर के भवन में प्रवेश कर भेंट की रोटियाँ खायीं और अपने साथियों को भी खिलायीं। पुरोहितों को छोड़ किसी और को उन्हें खाने की आज्ञा तो नहीं थी।”
उसने परमेश्वर के भवन में जा कर भेंट की रोटियाँ उठा लीं, उन्हें स्वयं खाया तथा अपने साथियों को भी खिलाया। केवल पुरोहितों को छोड़ किसी और को उन्हें खाने की आज्ञा तो नहीं है।”
एक शिविर खड़ा कर दिया गया। उसके अगले कक्ष में दीपाधार था, मेज थी और भेंट की रोटियाँ थीं। यह पवित्र-स्थान कहलाता था।
पुरोहित ने दाऊद को उत्तर दिया, ‘यहाँ मेरे पास साधारण रोटी नहीं है, वरन् यह पवित्र रोटी है। यदि आपके सैनिकों ने स्त्रियों से सहवास नहीं किया है तो वे यह रोटी खा सकते हैं।’
अत: पुरोहित ने उसे पवित्र रोटी दी। वहाँ इस भेंट की रोटी के अतिरिक्त और रोटी नहीं थी। यह भेंट की रोटी प्रभु के सम्मुख से हटाई गई थी। जब इसको हटाया गया तब उस दिन उसके स्थान पर ताजा रोटी रखी गई।