मत्ती 11:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) धन्य है वह, जो मेरे विषय में भ्रम में नहीं पड़ता।” पवित्र बाइबल वह धन्य हैं जो मुझे अपना सकता है।” Hindi Holy Bible और धन्य है वह, जो मेरे कारण ठोकर न खाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और धन्य है वह, जो मेरे कारण ठोकर न खाए।” नवीन हिंदी बाइबल और धन्य है वह जो मेरे कारण ठोकर नहीं खाता।” सरल हिन्दी बाइबल धन्य है वह, जिसका विश्वास मुझ पर से नहीं उठता.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और धन्य है वह, जो मेरे कारण ठोकर न खाए।” |
परन्तु उसकी जड़ गहरी नहीं होती और वह थोड़े ही दिन स्थिर रहता है। वचन के कारण कष्ट या अत्याचार आ पड़ने पर वह तुरन्त विचलित हो जाता है।
प्रलोभनों के कारण संसार को धिक्कार! प्रलोभन अनिवार्य है, किन्तु धिक्कार उस मनुष्य को, जो प्रलोभन का कारण बनता है!
उन दिनों बहुत-से विश्वासियों के विश्वास का पतन होगा! वे एक दूसरे को पकड़वाएँगे और एक दूसरे से घृणा करेंगे।
उस समय येशु ने शिष्यों से कहा, “आज रात को मेरे विषय में तुम सब के विश्वास का पतन होगा; क्योंकि धर्मग्रन्थ में यह लिखा है : ‘मैं चरवाहे को मारूँगा और झुण्ड की भेड़ें तितर-बितर हो जाएँगी’,
“यदि तुम्हारी दाहिनी आँख तुम्हारे लिए पाप का कारण बनती है, तो उसे निकाल कर फेंक दो। अच्छा यही है कि तुम्हारे अंगों में से एक नष्ट हो जाए, किन्तु तुम्हारा सारा शरीर नरक में न डाला जाए।
क्या यह वही बढ़ई नहीं है जो मरियम का पुत्र और याकूब, योसेस, यहूदा और शिमोन का भाई है? क्या इसकी बहिनें हमारे बीच नहीं रहती हैं?” इस प्रकार लोगों को येशु के विषय में भ्रम हो गया।
शिमोन ने उन्हें आशीर्वाद दिया और बालक की माता मरियम से यह कहा, “देखिए, यह बालक एक ऐसा चिह्न है जिसका लोग विरोध करेंगे। इस के कारण इस्राएल में बहुतों का पतन और उत्थान होगा
प्राकृत मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की शिक्षा स्वीकार नहीं करता। वह उसे मूर्खता मानता और उसे समझने में असमर्थ है, क्योंकि आत्मा की सहायता से ही उस शिक्षा की परख हो सकती है।
प्यारो! यदि मैं अब तक खतने का प्रचार करता होता, तो मुझ पर अब तक अत्याचार क्यों किया जा रहा है? यदि मैं ऐसा करता, तो क्रूस के कारण जो बाधा होती है, वह समाप्त हो जाती।
और यह भी लिखा है, “वह ऐसा पत्थर है जिससे लोगों को ठेस लगती है, ऐसी चट्टान है जिससे वे ठोकर खाते हैं।” वे वचन पर विश्वास करना नहीं चाहते, इसलिए वे ठोकर खा कर गिर जाते हैं। यही उनकी नियति है।