तब उसने लोगों से विचार-विमर्श किया, और कुछ गायकों को नियुक्त किया कि वे पवित्र वस्त्र पहिन कर प्रभु का स्तुति-गान करें, और जब सेना प्रस्थान करे तब वे उसके आगे-आगे यह गाएं : “प्रभु की स्तुति करो, क्योंकि उसकी करुणा सदा की है।”
भजन संहिता 18:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मृत्यु के पाश ने मुझे लपेट लिया। विनाश की प्रचंड धारा ने मुझ पर आक्रमण किया, पवित्र बाइबल मेरे शत्रुओं ने मुझे मारने का यत्न किया। मैं चारों ओर मृत्यु की रस्सियों से घिरा हूँ! मुझ को अधर्म की बाढ़ ने भयभीत कर दिया। Hindi Holy Bible मृत्यु की रस्सियों से मैं चारो ओर से घिर गया हूं, और अधर्म की बाढ़ ने मुझ को भयभीत कर दिया; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मृत्यु की रस्सियों से मैं चारों ओर घिर गया हूँ, और अधर्म की बाढ़ ने मुझ को भयभीत कर दिया; नवीन हिंदी बाइबल मृत्यु की रस्सियों ने मुझे चारों ओर से जकड़ लिया है, और विनाश की बाढ़ ने मुझे भयभीत कर दिया है। सरल हिन्दी बाइबल मृत्यु की लहरों में घिर चुका था; मुझ पर विध्वंस की तेज धारा का वार हो रहा था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मृत्यु की रस्सियों से मैं चारों ओर से घिर गया हूँ, और अधर्म की बाढ़ ने मुझ को भयभीत कर दिया; (भज. 116:3) |
तब उसने लोगों से विचार-विमर्श किया, और कुछ गायकों को नियुक्त किया कि वे पवित्र वस्त्र पहिन कर प्रभु का स्तुति-गान करें, और जब सेना प्रस्थान करे तब वे उसके आगे-आगे यह गाएं : “प्रभु की स्तुति करो, क्योंकि उसकी करुणा सदा की है।”
जब उन्होंने अपने प्रभु परमेश्वर का इस प्रकार स्तुति-गान किया, तब प्रभु ने यहूदा प्रदेश पर आक्रमण करने वाले अम्मोनी, मोआबी और सेईर के पहाड़ी देश के सैनिकों पर घात लगाकर प्रहार करने वालों को बैठा दिया। अत: वे बुरी तरह पराजित हो गए। उनमें फूट पड़ गई।
मृत्यु के पाश ने मुझे लपेटा था; मृतक-लोक के फन्दों ने मुझे फंसा लिया था; मुझे संकट और शोक सहना पड़ा।
कुत्तों ने मुझे घेर लिया है; कुकर्मियों की भीड़ ने चारों ओर घेरा डाला है; उन्होंने मेरे हाथ-पैर बेध डाले हैं।
वे घबरा गए। सन्त्रास और पीड़ा ने उन्हें दबा लिया। वे प्रसूता के समान छटपटा रहे हैं। वे मुंह बाए एक-दूसरे को ताक रहे हैं। उनके चेहरे क्रोध से जल रहे हैं।
येशु यह कह ही रहे थे कि बारहों में से एक, अर्थात् यूदस आ गया। उसके साथ तलवारें और लाठियाँ लिये एक बड़ी भीड़ थी, जिसे महापुरोहितों और समाज के धर्मवृद्धों ने भेजा था।
उस समय येशु ने भीड़ से कहा, “क्या तुम लोग मुझे डाकू समझते हो, जो तलवारें और लाठियाँ ले कर मुझे पकड़ने आए हो? मैं तो प्रतिदिन मन्दिर में बैठ कर शिक्षा दिया करता था, फिर भी तुम ने मुझे गिरफ्तार नहीं किया।
सारे शहर में खलबली मच गयी और लोग चारों ओर से दौड़ते हुए एकत्र हो गये। वे पौलुस को पकड़ कर मन्दिर के बाहर खींच लाये और मन्दिर के द्वार तुरन्त बन्द कर दिये गये।
और हम यह समझ रहे थे कि हमें प्राणदण्ड मिल चुका है। यह इसलिए हुआ कि हम अपने पर नहीं, बल्कि परमेश्वर पर भरोसा रखें, जो मृतकों को पुनर्जीवित करता है।