मैं प्रभु को पुकारता हूँ, जो सर्वथा स्तुति के योग्य है। मैं अपने शत्रुओं से मुक्त हुआ हूँ।
भजन संहिता 18:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं प्रभु को पुकारता हूँ, जो सर्वथा स्तुति के योग्य है। मैं अपने शत्रुओं से मुक्त हुआ हूँ। पवित्र बाइबल यहोवा को जो स्तुति के योग्य है, मैं पुकारुँगा और मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊँगा। Hindi Holy Bible मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा; इस प्रकार मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊंगा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं यहोवा को, जो स्तुति के योग्य है, पुकारूँगा; इस प्रकार मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊँगा। नवीन हिंदी बाइबल मैं यहोवा को, जो स्तुति के योग्य है, पुकारूँगा; और मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊँगा। सरल हिन्दी बाइबल मैं दोहाई याहवेह की देता हूं, सिर्फ वही स्तुति के योग्य हैं, और मैं शत्रुओं से छुटकारा पा लेता हूं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूँगा; इस प्रकार मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊँगा। |
मैं प्रभु को पुकारता हूँ, जो सर्वथा स्तुति के योग्य है। मैं अपने शत्रुओं से मुक्त हुआ हूँ।
तत्पश्चात् उपपुरोहित येशुअ, कदमीएल, बानी, हशबन्याह, शेरेब्याह, होदियाह, शबन्याह और पतहयाह ने कहा, ‘खड़े हो, और अपने प्रभु परमेश्वर को अनादि काल से अनंत काल तक धन्य कहो : हे प्रभु, तेरे महिमामय नाम को जो सब प्रकार की प्रशंसा और स्तुति से परे है, हम धन्य कहते हैं।’
धन्य है प्रभु मेरी चट्टान! वह युद्ध के लिए मेरे हाथों को, लड़ाई के लिए मेरी भुजा को प्रशििक्षत करता है।
मैं उच्च स्वर में तुझ-प्रभु को पुकारता हूं, और तू अपने पवित्र पर्वत से मुझे उत्तर देता है। सेलाह
ओ शत्रुओ! तुम कब तक एक ही मनुष्य पर आक्रमण करते रहोगे कि सब उसे मार डालो, जैसे झुकी दीवार को, गिरती भीत को?
लोगो, हर समय परमेश्वर पर ही भरोसा करो। उसके सम्मुख अपना हृदय उण्डेल दो, परमेश्वर ही हमारे लिए शरण-स्थल है। सेलाह
मेरे लिए आश्रय की चट्टान बन, और मुझे बचाने के लिए एक दृढ़ गढ़। क्योंकि प्रभु, तू ही मेरी चट्टान और मेरा गढ़ है।
जब वह मुझे पुकारेगा, मैं उसे उत्तर दूंगा; संकट में मैं उसके साथ रहूंगा; मैं उसे मुक्त करूंगा और उसे महिमान्वित करूंगा।
प्रभु से यह कह, “तू मेरा शरण-स्थल और गढ़ है, तू मेरा परमेश्वर है, तुझ पर मैं भरोसा करता हूँ।”
प्रभु महान है, वह स्तुति के अत्यन्त योग्य है; वह समस्त देवताओं से अधिक भक्ति-योग्य है।
हे प्रभु, तू ही मेरा बल और मेरा गढ़ है; संकट के समय मैं तेरी ही शरण में आता हूं। प्रभु, विश्व के कोने-कोने से, सब राष्ट्रों के लोग तेरे सम्मुख आएंगे, और यह कहेंगे : ‘निस्सन्देह, हमारे पूर्वजों को पैतृक अधिकार में असत्य के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला; उन्हें निस्सार वस्तुएं प्राप्त हुई जो मनुष्य को लाभ नहीं पहुंचातीं।
“हमारे प्रभु परमेश्वर! तू महिमा, सम्मान और सामर्थ्य का अधिकारी है; क्योंकि तूने समस्त विश्व की सृष्टि की। तेरी ही इच्छा से वह अस्तित्व में आया और उसकी सृष्टि हुई है।”