भजन संहिता 10:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह एकांत में घात लगाकर बैठता है, जैसे सिंह झाड़ी में। वह घात में बैठता है कि पीड़ित को दबोचे। जब वह पीड़ित को जाल में फंसा लेता है, तब उसे दबोचता है। पवित्र बाइबल दुष्ट जन सिंह के समान होते हैं जो उन पशुओं को पकड़ने की घात में रहते हैं। जिन्हें वे खा जायेंगे। दुष्ट जन दीन जनों पर प्रहार करते हैं। उनके बनाये गये जाल में असहाय दीन फँस जाते हैं। Hindi Holy Bible जैसा सिंह अपनी झाड़ी में वैसा ही वह भी छिपकर घात में बैठा करता है; वह दीन को पकड़ने के लिये घात लगाए रहता है, वह दीन को अपने जाल में फंसाकर घसीट लाता है, तब उसे पकड़ लेता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जैसा सिंह अपनी झाड़ी में वैसा ही वह भी छिपकर घात में बैठा करता है; वह दीन को पकड़ने के लिये घात लगाए रहता है, वह दीन को अपने जाल में फँसाकर घसीट लाता है, तब उसे पकड़ लेता है। नवीन हिंदी बाइबल जैसे सिंह झाड़ी में घात लगाए रहता है, वैसे ही वह छिपकर असहाय को पकड़ने के लिए घात लगाए रहता है; और जब असहाय मनुष्य उसके जाल में फँस जाता है, तो वह उसे पकड़ लेता है। सरल हिन्दी बाइबल वह प्रतीक्षा में घात लगाए हुए बैठा रहता है, जैसे झाड़ी में सिंह. घात में बैठे हुए उसका लक्ष्य होता है निर्धन-दुःखी, वह उसे अपने जाल में फंसा घसीटकर ले जाता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह सिंह के समान झाड़ी में छिपकर घात में बैठाता है; वह दीन को पकड़ने के लिये घात लगाता है, वह दीन को जाल में फँसाकर पकड़ लेता है। |
प्रभु दरिद्र के दाहिने हाथ पर खड़ा रहता है, ताकि वह उसको मृत्यु-दण्ड देने वालों के हाथ से बचाए।
प्रभु यह कहता है, “पीड़ित लुट गए, दरिद्र विलाप करते हैं। इस कारण अब मैं उठूंगा; मैं उसे सुरक्षित रखूंगा, जो सुरक्षा चाहता है।”
अहंकारियों ने मेरे लिए पाश बिछाया है, रस्सियों के साथ जाल बिछाया है, उन्होंने पथ के किनारे मेरे लिए फन्दे लगाए हैं। सेलाह
वे उस सिंह के सदृश हैं, जो फाड़ने को तैयार है, वे उन युवा सिंह जैसे हैं, जो गुप्त स्थान में घात लगाए है।
मेरी समस्त अस्थियाँ यह कहेंगी, “हे प्रभु! तुझ जैसा और कौन है?” तू पीड़ित व्यक्ति को महाबली से, दु:खी और दरिद्र को लुटेरों से मुक्त करता है।
पीड़ितों और दरिद्रों को धूल-धूसरित करने के लिए, सन्मार्ग पर चलने वालों को मार डालने के लिए, दुर्जनों ने तलवार खींची और धनुष ताने हैं।
वे मेरे प्राण के लिए घात लगाते हैं; शक्तिवान मेरे विरुद्ध एकत्र होते हैं। यद्यपि, हे प्रभु, मेरा कोई अपराध नहीं है। मैं ने कोई पाप नहीं किया है।
जो मनुष्य गरीब पर अत्याचार करता है, वह उसके सृजक का अपमान करता है; किन्तु दीन-दरिद्र पर दया करनेवाला उसके रचयिता का आदर करता है।
जो मनुष्य अपना धन बढ़ाने के लिए अथवा धनवानों को भेंट चढ़ाने के लिए गरीब पर अत्याचार करता है, वह स्वयं अभावग्रस्त होगा।
तुम किस उद्देश्य से लोगों को रौंदते हो, गरीबों को पीसते हो?’ स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, स्वामी की यह वाणी है।
धूर्त्त की धूर्त्तता बुरी होती है। वह दुष्टतापूर्ण कुचक्र रचता है: चाहे गरीब सच्चाई के मार्ग पर क्यों न हो, धूर्त्त उसको झूठी बातों से लूटता है।
मेरे निज लोगों में दुर्जन पाए जाते हैं। वे चिड़ीमार शिकारी की तरह फंदा लगा कर बैठते हैं। वे जाल बिछाते हैं, और लोगों का शिकार करते हैं।
‘देश के साधारण-जन भी शोषण-अन्याय करते और चोरी-डकैती करते हैं। उन्होंने गरीबों और दीन-दरिद्रों पर अत्याचार किया है। उन्होंने प्रवासियों को अन्यायपूर्वक लूटा है।
क्या सिंह बिना शिकार पाए जंगल में दहाड़ता है? क्या जवान सिंह भूखे पेट मांद में गुर्राता है?
पृथ्वी से भक्त उठ गए, मनुष्यों में सत्यनिष्ठ व्यक्ति नहीं रहे। सब लोग हत्या के उद्देश्य से घात लगाते हैं। हर आदमी अपने भाई के लिए जाल बिछाता है।
मछुआ उन सबको कांटे से ऊपर खींचता है, अपने जाल से उन्हें घसीटता है। वह महाजाल में उन्हें फंसाता है। तब वह आनन्दित और प्रसन्न होता है।
तूने उसके योद्धाओं के सिर अपने भाले से छेद दिए; जो हमें बिखेरने के लिए बवंडर-जैसे आए थे; जो गुप्त स्थानों में गरीब की हत्या के लिए हंसते हुए आए थे।
सुनो, चरवाहे छाती पीट रहे हैं; क्योंकि उनका वैभव धूल में मिल गया। सुनो, सिंह दहाड़ रहे हैं; क्योंकि यर्दन नदी का वन-प्रदेश उजड़ गया।
मजदूर, जो न चरवाहा है और न भेड़ों का मालिक, भेड़िये को आते देख भेड़ों को छोड़ कर भाग जाता है और भेड़िया उन्हें पकड़ता और तितर-बितर कर देता है।
आप उन लोगों की बात नहीं मानिए क्योंकि उनमें चालीस से अधिक व्यक्ति पौलुस की घात में बैठे हुए हैं। उन्होंने शपथ ली है कि वे तब तक न तो खायेंगे और न पियेंगे, जब तक वे पौलुस का वध न कर दें। वे अभी तैयार हैं, और आपके निर्णय की प्रतीक्षा में हैं।”