‘खरीद के दस्तावेज की दो प्रतियां थीं। उन में खरीद की शर्तें और नियम लिखे हुए थे। एक दस्तावेज मुहरबन्द था, और दूसरा खुला हुआ।
प्रेरितों के काम 26:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि आप यहूदियों की सब प्रथाओं तथा विवादों से विशेष रूप से परिचित हैं। मेरी प्रार्थना है कि आप धैर्यपूर्वक मेरी बात सुनें। पवित्र बाइबल विशेष रूप से यह इसलिये सत्य है कि तुझे सभी यहूदी प्रथाओं और उनके विवादों का ज्ञान है। इसलिये मैं तुझसे प्रार्थना करता हूँ कि धैर्य के साथ मेरी बात सुनी जाये। Hindi Holy Bible विशेष करके इसलिये कि तू यहूदियों के सब व्यवहारों और विवादों को जानता है, सो मैं बिनती करता हूं, धीरज से मेरी सुन ले। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) विशेष करके इसलिये कि तू यहूदियों के सब व्यवहारों और विवादों को जानता है। अत: मैं विनती करता हूँ, धीरज से मेरी सुन। नवीन हिंदी बाइबल विशेषकर इसलिए कि तू यहूदियों की सब रीतियों और विवादों से परिचित है। अतः मैं तुझसे विनती करता हूँ कि धीरज से मेरी सुन। सरल हिन्दी बाइबल विशेष रूप से इसलिये भी कि आप यहूदी प्रथाओं तथा समस्याओं को भली-भांति जानते हैं. इसलिये मैं आपसे विनती करता हूं कि आप मेरा पक्ष धीरज से सुनें. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 विशेष करके इसलिए कि तू यहूदियों के सब प्रथाओं और विवादों को जानता है। अतः मैं विनती करता हूँ, धीरज से मेरी सुन ले। |
‘खरीद के दस्तावेज की दो प्रतियां थीं। उन में खरीद की शर्तें और नियम लिखे हुए थे। एक दस्तावेज मुहरबन्द था, और दूसरा खुला हुआ।
उन्होंने आपके विषय में सुना है कि आप गैर-यहूदियों के बीच रहने वाले यहूदियों को यह शिक्षा देते हैं कि वे मूसा की शिक्षा को त्याग दें; क्योंकि आप उन से कहते हैं कि वे न तो अपने बच्चों का खतना करें और न पुरानी प्रथाओं का पालन करें।
राज्यपाल ने पौलुस को बोलने का संकेत किया, तो उन्होंने यह उत्तर दिया : “मैं यह जान कर प्रसन्नता के साथ अपनी सफाई दे रहा हूँ कि आप बहुत वर्षों से इस जाति के न्यायाधीश हैं।
मैं आपका अधिक समय नहीं लेना चाहता। मेरा नम्र निवेदन है कि आप हमारे दो शब्द सुनने की कृपा करें।
हमारे प्रभु सम्राट को इसके विषय में लिखने की कोई निश्चित सामग्री मेरे पास नहीं है; इसलिए मैंने इस आशा से आप लोगों के सामने और विशेष रूप से आप ही के सामने, हे महाराज अग्रिप्पा! इस व्यक्ति को उपस्थित किया है, कि इसकी जाँच के बाद मुझे कुछ लिखने का आधार मिल जाये।
“महाराज अग्रिप्पा! यहूदियों ने मुझ पर बहुत-से अभियोग लगाये हैं। इस सम्बन्ध में मैं आज आपके सामने अपनी सफ़ाई दे रहा हूँ; यह मैं अपना सौभाग्य मानता हूँ,
महाराज को इन बातों की जानकारी है, इसलिए मैं उनके सामने निस्संकोच बोल रहा हूं। मुझे निश्चय है कि इन बातों में एक भी इन से छिपी हुई नहीं है; क्योंकि यह घटना किसी अंधेरी कोठरी में नहीं घटी है।
इसी प्रतिज्ञा की पूर्ति के लिए हमारे बारह कुल उत्साह से दिन-रात परमेश्वर की उपासना करते हैं। महाराज! इसी आशा के सम्बन्ध में यहूदी अधिकारी मुझ पर अभियोग लगाते हैं।
तीन दिन के पश्चात् पौलुस ने प्रमुख यहूदियों को अपने पास बुलाया और उनके एकत्र हो जाने पर उनसे कहा, “भाइयो! मैंने न तो हमारी जाति के विरुद्ध कोई अपराध किया और न पूर्वजों कि प्रथाओं के विरुद्ध, फिर भी मुझे यरूशलेम में बन्दी बनाया गया और रोमियों के हवाले कर दिया गया है।
हमने इसे यह कहते सुना है कि येशु नासरी यह स्थान नष्ट कर देगा और मूसा के द्वारा दी गई प्रथाओं को बदल देगा।”
मुझे भले ही नबूवत करने का वरदान मिला हो, मैं सभी रहस्य जानता होऊं, मुझे समस्त ज्ञान प्राप्त हो गया हो, मेरा विश्वास इतना परिपूर्ण हो कि मैं पहाड़ों को हटा सकूँ; किन्तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है, तो मैं कुछ भी नहीं हूँ।
“जब वह अपने राज्य के सिंहासन पर बैठेगा तब इस व्यवस्था की पुस्तक से, अपने लिए एक पुस्तक में नकल कर लेगा। व्यवस्था की पुस्तक लेवीय पुरोहितों के पास होगी।