तब क्या मनुष्य उसके सम्मुख धार्मिक सिद्ध हो सकता है? नारी से उत्पन्न मानव कदापि पवित्र नहीं हो सकता है!
प्रेरितों के काम 16:30 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसने उन्हें बाहर ले जा कर कहा, “सज्जनो, मुक्ति प्राप्त करने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?” पवित्र बाइबल फिर वह उन्हें बाहर ले जा कर बोला, “महानुभावो, उद्धार पाने के लिये मुझे क्या करना चाहिये?” Hindi Holy Bible और उन्हें बाहर लाकर कहा, हे साहिबो, उद्धार पाने के लिये मैं क्या करूं? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और उन्हें बाहर लाकर कहा, “हे सज्जनो, उद्धार पाने के लिये मैं क्या करूँ?” नवीन हिंदी बाइबल और उन्हें बाहर लाकर कहने लगा, “सज्जनो, मुझे उद्धार पाने के लिए क्या करना चाहिए?” सरल हिन्दी बाइबल इसके बाद उन्हें बाहर लाकर उसने उनसे प्रश्न किया, “श्रीमन, मुझे क्या करना चाहिए कि मुझे उद्धार प्राप्त हो?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उन्हें बाहर लाकर कहा, “हे सज्जनों, उद्धार पाने के लिये मैं क्या करूँ?” |
तब क्या मनुष्य उसके सम्मुख धार्मिक सिद्ध हो सकता है? नारी से उत्पन्न मानव कदापि पवित्र नहीं हो सकता है!
जो मैं देख नहीं पाता, वह मुझे सिखा; यदि मैंने अधर्म किया है, तो मैं वह पुन: नहीं करूंगा” ?
जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूं, वह यह है : दुर्जनता के बन्धकों से मनुष्य को मुक्त करना, व्यक्ति की गरदन से जूआ उतारना, अत्याचार की गुलामी में कैद इन्सान को स्वतन्त्र करना, वस्तुत: हर प्रकार की गुलामी से मनुष्य को स्वतंत्र करना।
तब तू मुझ-प्रभु को संकट में पुकारेगा और वह तुझको उत्तर देगा। तू उसकी दुहाई देगा, और वह तुझसे कहेगा: ‘मैं प्रस्तुत हूं।’ यदि तू अपने मध्य से दूसरे को गुलाम बनाना, लोगों पर अंगुली उठाना, दुष्ट वचन बोलना दूर कर दे;
“मित्रो! आप यह क्या कर रहे हैं? हम भी तो आप लोगों के समान सुख-दु:ख भोगने वाले मनुष्य हैं। हम यह शुभ-समाचार देने आये हैं कि आप इन नि: सार वस्तुओं को छोड़ कर उस जीवन्त परमेश्वर की ओर अभिमुख हों, जिसने आकाश, पृथ्वी, समुद्र और उन में जो कुछ है, वह सब बनाया है।
वह पौलुस और हम लोगों के पीछे लग गई और चिल्लाने लगी, “ये लोग सर्वोच्च परमेश्वर के सेवक हैं और आप लोगों को मुक्ति का मार्ग बताते हैं।”
यह सुनकर वे मर्माहत हो गये और उन्होंने पतरस तथा अन्य प्रेरितों से पूछा, “भाइयो! हमें क्या करना चाहिए?”
मैंने कहा, ‘प्रभु! मुझे क्या करना चाहिए?’ प्रभु ने उत्तर दिया, ‘उठ और दमिश्क जा। जो भी कार्य तेरे करने के लिये निर्धारित किया गया है, वह सब तुझे वहाँ बताया जायेगा।’
जिसने दया नहीं दिखायी है, उसका न्याय दया के साथ नहीं किया जायेगा; किन्तु दया न्याय पर विजय पाती है।