प्रकाशितवाक्य 14:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैंने स्वर्ग में किसी को मुझ से यह कहते सुना, “लिखो : धन्य हैं वे मृतक, जो अब से प्रभु में विश्वास करते हुए मरते हैं!” आत्मा कहता है, “ऐसा ही हो, ताकि वे अपने परिश्रम के बाद विश्राम करें, क्योंकि उनके सत्कर्म उनके साथ जाते हैं।” पवित्र बाइबल फिर एक आकाशवाणी को मैंने यह कहते सुना, “इसे लिख अब से आगे वे ही लोग धन्य होगें जो प्रभु में स्थित हो कर मरे हैं।” आत्मा कहती है, “हाँ, यही ठीक है। उन्हें अपने परिश्रम से अब विश्राम मिलेगा क्योंकि उनके कर्म, उनके साथ हैं।” Hindi Holy Bible और मैं ने स्वर्ग से यह शब्द सुना, कि लिख; जो मुरदे प्रभु में मरते हैं, वे अब से धन्य हैं, आत्मा कहता है, हां क्योंकि वे अपने परिश्र्मों से विश्राम पाएंगे, और उन के कार्य उन के साथ हो लेते हैं॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर मैं ने स्वर्ग से यह शब्द सुना, “लिख: जो मृतक प्रभु में मरते हैं, वे अब से धन्य हैं।” आत्मा कहता है, “हाँ, क्योंकि वे अपने सारे परिश्रम से विश्राम पाएँगे, और उनके कार्य उनके साथ हो लेते हैं।” नवीन हिंदी बाइबल तब मैंने स्वर्ग से एक आवाज़ को यह कहते हुए सुना, “लिख : वे मृतक जो अब से प्रभु में मरते हैं, धन्य हैं!” आत्मा कहता है, “यह सच है, क्योंकि वे अपने परिश्रम से विश्राम पाएँगे, और उनके कार्य उनके साथ जाएँगे।” सरल हिन्दी बाइबल तब मुझे स्वर्ग से एक शब्द यह आज्ञा देता हुआ सुनाई दिया, “लिखो: धन्य होंगे वे मृत, अब से जिनकी मृत्यु प्रभु में होगी.” “सच है!” आत्मा ने पुष्टि की. “वे अपने सारे परिश्रम से विश्राम पाएंगे क्योंकि उनके भले काम उनके साथ हैं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और मैंने स्वर्ग से यह शब्द सुना, “लिख: जो मृतक प्रभु में मरते हैं, वे अब से धन्य हैं।” आत्मा कहता है, “हाँ, क्योंकि वे अपने परिश्रमों से विश्राम पाएँगे, और उनके कार्य उनके साथ हो लेते हैं।” |
प्रभु के द्वारा मुक्त किए गए लोग सियोन को लौटेंगे; वे हर्ष के गीत गाते हुए आएंगे। शाश्वत आनन्द से उनके मुख चमकते होंगे। उन्हें हर्ष और सुख प्राप्त होगा; उनके दु:ख और आहों का अन्त हो जाएगा।
दानिएल अब तू जा। अपने जीवन के अन्त-समय तक अपने मार्ग पर चलता रह और तुझे विश्राम प्राप्त होगा। युगांत में तुझे तेरा निर्धारित स्थान प्राप्त होगा।” ’
और देखो, स्वर्ग से वह वाणी सुनाई दी, “यह मेरा प्रिय पुत्र है। मैं इस पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ।”
अब्राहम ने उससे कहा, ‘पुत्र, याद करो कि तुम्हें जीवन में सुख-ही-सुख मिला था और लाजर को दु:ख-ही-दु:ख। अब उसे यहाँ सान्त्वना मिल रही है और तुम्हें यंत्रणा।
“इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, सांसारिक धन से अपने लिए मित्र बना लो, जिससे उसके समाप्त हो जाने पर वे शाश्वत निवास में तुम्हारा स्वागत करें।
यदि हम जीते रहते हैं, तो प्रभु के लिए जीते हैं और यदि मरते हैं, तो प्रभु के लिए मरते हैं। इस प्रकार हम चाहे जीते रहें या मर जायें, हम प्रभु के ही हैं।
किन्तु वास्तविकता यह है कि मसीह मृतकों में से जी उठे हैं। जो लोग मृत्यु में सो गये हैं, उन में से वह सब से पहले जी उठे।
मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप विश्वास में दृढ़ तथा अटल बने रहें। आप प्रभु के कार्य में निरंतर बढ़ते जाएं, और आप यह निश्चित जानिए कि प्रभु के लिए किया गया आप का परिश्रम व्यर्थ नहीं है।
हमें तो परमेश्वर पर पूरा भरोसा है। हम शरीर का घर छोड़ कर प्रभु के यहां बस जाना अधिक पसन्द करते हैं।
यदि मुझे आपके विश्वास-रूपी यज्ञ और जन-सेवा में अपने प्राण की आहुति भी देनी पड़ेगी, तो मैं आनन्दित होऊंगा और आप सब के साथ आनन्द मनाऊंगा।
हम तो विश्वास करते हैं कि येशु मर गये और फिर जी उठे। उसी तरह परमेश्वर मृतकों को येशु के द्वारा और उन्हीं के साथ ले आएगा।
क्योंकि जब आदेश दिया जायेगा और प्रधान स्वर्गदूत की वाणी तथा परमेश्वर की तुरही सुनाई पड़ेगी, तो प्रभु स्वयं स्वर्ग से उतरेंगे। जो मसीह में मर गए हैं, वे पहले जी उठेंगे।
मसीह हमारे लिए मरे, जिससे हम चाहे जीवित हों या मर गये हों, उन से संयुक्त हो कर जीवन बितायें।
इसी प्रकार, कुछ लोगों के सत्कर्म प्रकट हैं और यदि नहीं हैं, तो वे देर तक छिप भी नहीं सकते।
“तुम जो कुछ देख रहे हो, उसे पुस्तक में लिखो और उसे सात कलीसियाओं को भेज दो − इफ़िसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थुआतीरा, सरदीस, फिलदेलफिया, और लौदीकिया को।”
जब सात मेघगर्जन बोल चुके, तो मैं लिखने ही वाला था कि मैंने स्वर्ग से एक वाणी को यह कहते सुना, “सात मेघगर्जनों का सन्देश मुहरबन्द कर गुप्त रखो; उसे मत लिखो।”
सातवें स्वर्गदूत ने तुरही बजायी। इस पर स्वर्ग में वाणियाँ सुनाई पड़ीं, जो ऊंचे स्वर से कह रही थीं : “इस संसार का राज्य हमारे प्रभु और उसके मसीह का राज्य बन गया है। वह युग-युगों तक राज्य करेंगे।”
तब स्वर्ग में परमेश्वर का मन्दिर खुल गया और मन्दिर में परमेश्वर के विधान की मंजूषा दिखाई पड़ी। बिजलियाँ, वाणियाँ एवं मेघगर्जन उत्पन्न हुए, भूकम्प हुआ और भारी ओला-वृष्टि हुई।
सातवें स्वर्गदूत ने हवा पर अपना प्याला उँडेला और मन्दिर के सिंहासन में से एक गम्भीर वाणी यह कहते सुनाई पड़ी, “समाप्त हो गया है”।
स्वर्गदूत ने मुझ से कहा, “यह लिखो : धन्य हैं वे, जो मेमने के विवाह-भोज में निमन्त्रित हैं!” और उसने मुझ से यह भी कहा, “ये परमेश्वर के सत्य वचन हैं।”
“इफिसुस की कलीसिया के दूत को यह लिखो : “जो अपने दाहिने हाथ में सात तारों को धारण किये है और सोने के सात दीपाधारों के बीच घूम रहा है, उसका सन्देश इस प्रकार है :
“जिसके कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियओं से क्या कहता है। जो विजय प्राप्त करेगा, उसको मैं उस जीवन-वृक्ष का फल खाने के लिए दूंगा जो परमेश्वर की स्वर्ग-वाटिका के बीच में है।
धन्य और पवित्र वह है, जो पहले पुनरुत्थान में सहभागी है। ऐसे लोगों पर द्वितीय मृत्यु का कोई अधिकार नहीं है। वे परमेश्वर और मसीह के पुरोहित होंगे और उनके साथ एक हजार वर्ष तक राज्य करेंगे।
तब सिंहासन पर विराजमान व्यक्ति ने कहा, “देखो, मैं सब कुछ नया कर रहा हूँ।” इसके बाद उसने कहा, “ये बातें लिखो, क्योंकि ये विश्वसनीय और सत्य हैं।”
आत्मा तथा वधू, दोनों कहते हैं, “आइए।” जो सुनता है, वह उत्तर दे, “आइए।” जो प्यासा है, वह आये। जो चाहता है, वह उपहार में संजीवन जल ग्रहण करे।
उन में प्रत्येक को एक उजला वस्त्र दिया गया और उन से थोड़ा समय और धैर्य रखने को कहा गया, जब तक उनके साथी-सेवकों एवं भाई-बहिनों की संख्या पूरी न हो जाए, जो उनके समान मारे जानेवाले थे।