प्रकाशितवाक्य 11:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “राष्ट्र क्रुद्ध हो गये थे, किन्तु अब तेरा क्रोध आ गया है और वह समय भी जब मृतकों का न्याय किया जायेगा; जब तेरे सेवकों, तेरे नबियों और तेरे सन्तों को पुरस्कार दिया जायेगा और उन सब को भी, चाहे वे छोटे या बड़े हों, जो तेरे नाम पर श्रद्धा रखते हैं। और वह समय आ पहुँचा जब उन लोगों का विनाश किया जायेगा, जो पृथ्वी का विनाश करते हैं।” पवित्र बाइबल अन्य जातियाँ क्रोध में भरी थी किन्तु अब तेरा कोप प्रकट समय और न्याय का समय आ गया। उन सब ही के जो प्राण थे बिसारे। और समय आ गया कि तेरे सेवक प्रतिफल पावें सभी नबी जन, तेरे सब जन और सभी जो तुझको आदर देते। और सभी जो छोटे जन हैं और सभी जो बड़े बने हैं अपना प्रतिफल पावें। उन्हें मिटाने का समय आ गया, धरती को जो मिटा रहे हैं।” Hindi Holy Bible और अन्यजातियों ने क्रोध किया, और तेरा प्रकोप आ पड़ा और वह समय आ पहुंचा है, कि मरे हुओं का न्याय किया जाए, और तेरे दास भविष्यद्वक्ताओं और पवित्र लोगों को और उन छोटे बड़ों को जो तेरे नाम से डरते हैं, बदला दिया जाए, और पृथ्वी के बिगाड़ने वाले नाश किए जाएं॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जातियों ने क्रोध किया, पर तेरा प्रकोप आ पड़ा, और वह समय आ पहुँचा है कि मरे हुओं का न्याय किया जाए, और तेरे दास भविष्यद्वक्ताओं और पवित्र लोगों को और उन छोटे बड़ों को जो तेरे नाम से डरते हैं बदला दिया जाए, और पृथ्वी के बिगाड़नेवाले नष्ट किए जाएँ।” नवीन हिंदी बाइबल जाति-जाति के लोग क्रोधित हुए, पर तेरा प्रकोप भड़क उठा। वह समय आ पहुँचा है कि मरे हुओं का न्याय किया जाए तथा तेरे दासों, भविष्यवक्ताओं, और पवित्र लोगों को तथा तेरे नाम का भय माननेवाले छोटे और बड़ों को, प्रतिफल दिया जाए, और पृथ्वी को नष्ट करनेवालों का नाश किया जाए। सरल हिन्दी बाइबल राष्ट्र क्रोधित हुए, उन पर आपका क्रोध आ पड़ा. अब समय आ गया है कि मरे हुओं का न्याय किया जाए, आपके दासों—भविष्यद्वक्ताओं, पवित्र लोगों तथा सभी श्रद्धालुओं को, चाहे वे साधारण हों या विशेष, और उनका प्रतिफल दिया जाए, तथा उनका नाश किया जाए जिन्होंने पृथ्वी को गंदा कर रखा है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अन्यजातियों ने क्रोध किया, और तेरा प्रकोप आ पड़ा और वह समय आ पहुँचा है कि मरे हुओं का न्याय किया जाए, और तेरे दास भविष्यद्वक्ताओं और पवित्र लोगों को और उन छोटे-बड़ों को जो तेरे नाम से डरते हैं, बदला दिया जाए, और पृथ्वी के बिगाड़नेवाले नाश किए जाएँ।” (प्रका. 19:5) |
निश्चय प्रभु का उद्धार उन लोगों के समीप है जो उससे डरते हैं; प्रभु की महिमा हमारे देश में निवास करेगी।
जो कुछ तुमने सुना, उसका सार यह है : तुम परमेश्वर पर श्रद्धा रखो, और उसकी आज्ञाओं का पालन करो; क्योंकि मनुष्य का सम्पूर्ण धर्म यही है।
यद्यपि पापी मनुष्य सौ बार दुष्कर्म करता है, और उसे दण्ड नहीं मिलता, वह लम्बी उम्र तक जीवित रहता है, तथापि मैं यह जानता हूं कि परमेश्वर से डरनेवालों का अन्त में भला ही होता है। परमेश्वर उनका भला करता है, क्योंकि वे उससे डरते हैं।
किन्तु पूर्व और उत्तर से समाचार आएगा, जिसे सुनकर वह व्याकुल हो जाएगा और क्रोध में भरा हुआ अनेक लोगों का नाश करने और उनको निर्वंश करने के लिए वहां से निकलेगा।
तब सर्वोच्च परमेश्वर का दरबार न्याय के लिए बैठेगा; और उस राजा के हाथ से उसकी राज्य-सत्ता छीन ली जाएगी, उसका शासन पूर्णत: नष्ट हो जाएगा, उसका पूर्ण अन्त हो जाएगा।
वह अपनी धूर्तता में अपने हरएक कपटपूर्ण कार्य में सफल होगा। अपनी सफलता से वह मन ही मन फूल कर कुप्पा हो जाएगा। वह बिना चेतावनी दिए ही अनेक लोगों का वध कर देगा। यहाँ तक कि वह “शासकों के शासक” का भी विरोध करेगा। किन्तु वह अन्त में बिना किसी व्यक्ति के हाथ लगाए ही टूट जाएगा।
खुश हो और आनन्द मनाओ; क्योंकि स्वर्ग में तुम्हें महान पुरस्कार प्राप्त होगा। तुम्हारे पहले के नबियों पर भी उन्होंने इसी तरह अत्याचार किया था।
जिस दिन सातवें स्वर्गदूत की तुरही सुनाई पड़ेगी, उस दिन परमेश्वर का गुप्त रहस्य पूरा हो जायेगा, जैसा कि उसने अपने सेवकों, अर्थात् नबियों को सूचित किया था।”
किन्तु मन्दिर का बाहरी प्रांगण छोड़ देना, उसे मत नापना; क्योंकि वह अन्यधर्मियों के हवाले कर दिया गया है और वे पवित्र नगर को बयालीस महीनों तक रौंदते रहेंगे।
जिसे बन्दी बनना है, वह बन्दी बनाया जायेगा। जिसे तलवार से मरना है, वह तलवार से मारा जायेगा। अब सन्तों के धैर्य और विश्वास का समय है।
वह दूसरा पशु सभी लोगों को-चाहे वे छोटे हों या बड़े, धनी हों या दरिद्र, स्वतन्त्र हों या दास-इसके लिए बाध्य करता है कि वे अपने दाहिने हाथ अथवा अपने माथे पर छाप लगवायें।
तो उसे परमेश्वर के क्रोध की मदिरा पिलायी जायेगी, जो बिना मिलावट के, उसके क्रोध के प्याले में ढाली गयी है। और वह पवित्र स्वर्गदूतों और मेमने के सामने आग और गन्धक की यन्त्रणा भोगेगा।
मैंने स्वर्ग में से एक और महान एवं आश्चर्यजनक चिह्न देखा। सात स्वर्गदूत सात विपत्तियाँ लिये थे। ये अन्तिम विपत्तियाँ हैं, क्योंकि इनके द्वारा परमेश्वर का क्रोध पूरा हो जाता है।
चार प्राणियों में से एक ने सात स्वर्गदूतों को सात सोने के प्याले दिये, जिन में युग-युगों तक जीवित रहने वाले परमेश्वर का क्रोध भरा हुआ था।
उस महानगरी ने जैसा किया, तुम भी उसके साथ वैसा ही करो। उसके कुकर्मों का दुगुना बदला चुकाओ और उसने जो प्याला दूसरों के लिए भरा है, उस में उसके लिए दुगुना ढाल दो।
राष्ट्रों को मारने के लिए उसके मुख से एक तेज तलवार निकल रही है। वह लोह-दण्ड से उन पर शासन करेगा और सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कोप-रूपी दाखरस का कुण्ड रौंदेगा।
तुम राजाओं, सेनापतियों, शूरवीरों, घोड़ों, घुड़सवारों और सब लोगों का-चाहे वे स्वतन्त्र हों या दास, छोटे हों या बड़े-मांस खाओ।”
इसके बाद सिंहासन से एक वाणी यह कहते सुनाई पड़ी, “तुम सब, जो परमेश्वर की सेवा करते हो, और तुम छोटे-बड़े जो उस पर श्रद्धा रखते हो, हमारे परमेश्वर की स्तुति करो।”
मैंने छोटे-बड़े, सब मृतकों को सिंहासन के सामने खड़ा देखा। पुस्तकें खोली गयीं। तब एक अन्य पुस्तक-अर्थात जीवन-ग्रन्थ खोला गया। पुस्तकों में लिखी हुई बातों के आधार पर मृतकों का उनके कर्मों के अनुसार न्याय किया गया।
[येशु ने कहा,] “देखो, मैं शीघ्र ही आ रहा हूँ। मेरा पुरस्कार मेरे पास है और मैं प्रत्येक मनुष्य को उसके कर्मों का प्रतिफल दूँगा।