जब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने रोता हुआ, मुंह के बल गिरकर प्रार्थना कर रहा था और अपनी जाति की ओर से पाप स्वीकार कर रहा था, तब उसके आस-पास इस्राएली पुरुषों, स्त्रियों और बच्चों की बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गई। वे भी छाती पीट-पीट कर रोने लगे।
न्यायियों 2:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब प्रभु के दूत ने ये बातें समस्त इस्राएली समाज से कहीं तब वे ऊंचे स्वर में रोने लगे। पवित्र बाइबल स्वर्गदूत इस्राएल के लोगों को यहोवा का सन्देश जब दे चुका, तब लोग जोर से रो पड़े। Hindi Holy Bible जब यहोवा के दूत ने सारे इस्राएलियों से ये बातें कहीं, तब वे लोग चिल्ला चिल्लाकर रोने लगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब यहोवा के दूत ने सारे इस्राएलियों से ये बातें कहीं, तब वे लोग चिल्ला चिल्लाकर रोने लगे। सरल हिन्दी बाइबल जब याहवेह के दूत ने सारे इस्राएल के वंश से यह कहा, लोग ऊंची आवाज में रोने लगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब यहोवा के दूत ने सारे इस्राएलियों से ये बातें कहीं, तब वे लोग चिल्ला चिल्लाकर रोने लगे। |
जब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने रोता हुआ, मुंह के बल गिरकर प्रार्थना कर रहा था और अपनी जाति की ओर से पाप स्वीकार कर रहा था, तब उसके आस-पास इस्राएली पुरुषों, स्त्रियों और बच्चों की बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गई। वे भी छाती पीट-पीट कर रोने लगे।
जितना प्रभाव एक घुड़की का समझदार व्यक्ति पर होता है, उतना सौ बार मार खाने पर भी मूर्ख पर नहीं होता।
वे आनन्द के आंसू बहाते हुए आएंगे; और मैं उनको शान्ति देता हुआ उनका मार्ग-दर्शन करूंगा। मैं उनको झरनों के किनारे चलाता हुआ लाऊंगा, उनको सीधे मार्ग से ले जाऊंगा, जहां वे लड़खड़ा कर नहीं गिरेंगे; क्योंकि मैं इस्राएली कौम का पिता हूं, और एफ्रइम मेरा ज्येष्ठ पुत्र है।’
प्रभु का यह सन्देश है : ‘अब भी तुम पूर्ण हृदय से उपवास करते, शोक मनाते और रोते हुए मेरे पास लौटो। पश्चात्ताप करने के लिए
मैं दाऊद के परिवार और यरूशलेम के निवासियों पर कृपा और प्रार्थना की आत्मा उण्डेलूंगा। अत: वे मुझ पर दृष्टि डालेंगे। जिस व्यक्ति को उन्होंने बेधा है उसके लिए वे विलाप करेंगे, जैसे कोई अपने मृत इकलौते पुत्र के लिए विलाप करता है। वे रोएंगे, जैसे कोई अपने ज्येष्ठ पुत्र की मृत्यु पर रोता है।
धन्य हो तुम, जो अभी भूखे हो; क्योंकि तुम तृप्त किये जाओगे। धन्य हो तुम, जो अभी रोते हो; क्योंकि तुम हँसोगे।
और रोती हुई येशु के पीछे उन के चरणों के पास खड़ी हो गयी। वह अपने आँसुओं से येशु के चरण धोने, और अपने केशों से उन्हें पोंछने लगी। वह बार-बार उनके चरणों को चूमती और उन पर इत्र लगा रही थी।
क्योंकि जो दु:ख परमेश्वर की इच्छानुसार स्वीकार किया जाता, उसका परिणाम होता है हृदय-परिवर्तन तथा उद्धार। इसमें पछताना नहीं पड़ता। परन्तु सांसारिक दु:ख का परिणाम है मृत्यु।
अपनी दुर्गति पहचान कर शोक मनाओ और आंसू बहाओ। अपनी हंसी शोक में और अपना आनन्द विषाद में बदल डालो।
इसलिए, अब मैं यह कहता हूँ : मैं तुम्हारे लिए इस देश के निवासियों को नहीं निकालूँगा। वे तुम्हारे बैरी हो जाएँगे। उनके देवता तुम्हारे लिए फन्दा बन जाएँगे।’
दूत शाऊल के नगर, गिबआह में आए। उन्होंने लोगों को यह समाचार सुनाया। लोग चिल्ला-चिल्लाकर रोने लगे।
अत: वे मिस्पाह में एकत्र हुए। उन्होंने पानी भरा और उसको प्रभु के सम्मुख उण्डेला। उन्होंने उस दिन उपवास किया। उन्होंने वहाँ यह स्वीकार किया, ‘हमने प्रभु के विरुद्ध पाप किया है।’ इस प्रकार शमूएल मिस्पाह में इस्राएलियों पर शासन करने लगा।