इस बात से प्रभु को दु:ख हुआ कि उसने पृथ्वी पर मनुष्य को बनाया। उसके हृदय को बड़ी ठेस पहुंची।
न्यायियों 10:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस्राएलियों ने अपने मध्य में स्थापित अन्य देशों के देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हटा दीं, और वे प्रभु की आराधना करने लगे। प्रभु का प्राण इस्राएलियों के कष्ट के कारण अधीर हुआ! पवित्र बाइबल तब इस्राएल के लोगों ने अपने पास के विदेशी देवताओं को फेंक दिया। उन्होंने फिर से यहोवा की उपासना आरम्भ की। इसलिए जब यहोवा ने उन्हें कष्ट उठाते देखा, तब वह उनके लिए दुःखी हुआ। Hindi Holy Bible तब वे पराए देवताओं को अपके मध्य में से दूर करके यहोवा की उपासना करने लगे; और वह इस्राएलियोंके कष्ट के कारण खेदित हुआ।। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब वे पराए देवताओं को अपने मध्य में से दूर करके यहोवा की उपासना करने लगे; और वह इस्राएलियों के कष्ट के कारण खेदित हुआ। सरल हिन्दी बाइबल उन्होंने अपने बीच से सारे पराए देवता हटा दिए और वे याहवेह की सेवा-वन्दना करने लगे. अब याहवेह से इस्राएल की दुर्दशा देखी न गई. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब वे पराए देवताओं को अपने मध्य में से दूर करके यहोवा की उपासना करने लगे; और वह इस्राएलियों के कष्ट के कारण खेदित हुआ। |
इस बात से प्रभु को दु:ख हुआ कि उसने पृथ्वी पर मनुष्य को बनाया। उसके हृदय को बड़ी ठेस पहुंची।
परन्तु प्रभु ने इस्राएलियों पर कृपा की। उसने उन पर दया की और वह उनकी ओर उन्मुख हुआ; क्योंकि उसने अब्राहम, इसहाक और याकूब से विधान स्थापित किया था। प्रभु ने उनको नष्ट नहीं किया। अब तक उसने उनको अपने सम्मुख से नहीं निकाला था।
राजा आसा नबी अजर्याह बेन-ओदेद की ये बातें, उसकी यह नबूवत सुनकर साहस से भर गया। उसने समस्त यहूदा प्रदेश और बिन्यामिन कुल-क्षेत्र से घृणित मूर्तियां हटा दीं। उसने एफ्रइम के पहाड़ी क्षेत्र के नगरों में भी यही किया। ये नगर उसने युद्ध में जीते थे। प्रभु की वेदी मन्दिर की ड्योढ़ी के सामने थी। राजा आसा ने प्रभु की इस वेदी की मरम्मत की।
उसने प्रभु के भवन में प्रतिष्ठित विदेशी देवी-देवताओं की मूर्तियां हटा दीं। यरूशलेम में स्थान-स्थान पर तथा जिस पहाड़ पर प्रभु का भवन स्थित है, उस पर उसने वेदियाँ बनाई थीं। उसने इन सब वेदियों को तोड़ दिया, और उनके टुकड़ों को यरूशलेम नगर के बाहर फेंक दिया।
तब यदि मेरे निज लोग, जो मेरे अपने लोग हैं, जिनको मैंने अपना नाम दिया है, स्वयं को विनम्र और दीन बनाएंगे, मुझसे प्रार्थना करेंगे, और मेरे मुख का दर्शन प्राप्त करने का प्रयत्न करेंगे, और अपने बुरे आचरण को छोड़ देंगे, तो मैं स्वर्ग से उनकी प्रार्थना को सुनूंगा, और उनके पाप क्षमा कर दूंगा, मैं उनके देश को रोग-मुक्त कर दूंगा।
ओ एफ्रइम, निस्सन्देह, तू मेरा प्रिय पुत्र है, सचमुच तू मेरा प्यारा बेटा है। यदि मैं तेरे विरुद्ध कुछ कहता भी हूं, तब भी मुझे तेरी सुधि रहती है। मेरा हृदय तेरे लिए भर आता है, मैं निस्सन्देह तुझ पर दया करूंगा’, प्रभु की यह वाणी है।
ओ एफ्रइम, मैं तुझे कैसे त्याग दूं? ओ इस्राएल, मैं तुझे कैसे शत्रु के हाथ में सौंप दूं? मैं तुझे कैसे अदमा नगर के सदृश राख बना दूं? मैं तुझे कैसे सबोईम नगर के समान नष्ट कर दूं? मेरा हृदय बदल गया है! मेरी दया प्रज्वलित हो उठी है।
ओ एफ्रइम, अब तेरा मूर्तियों के साथ क्या सम्बन्ध? मैं ही तेरी प्रार्थनाओं का उत्तर तुझे देता हूं, मैं ही तेरी देखभाल करता हूं। मैं सदा-बहार सनोवर वृक्ष के समान हूं; तू मुझ से ही फल पाता है।’
हे प्रभु, तेरे समान अधर्म को क्षमा करनेवाला, अपनी मीरास के बचे हुए लोगों के अपराध क्षमा करनेवाला और कौन ईश्वर है? तू सदा क्रोध नहीं करता, क्योंकि तू करुणा से प्रसन्न होता है।
तब वह उठ कर अपने पिता के घर की ओर चल पड़ा। वह दूर ही था कि उसके पिता ने उसे देख लिया और वह दया से द्रवित हो उठा। उसने दौड़कर उसे गले लगा लिया और उसका चुम्बन किया।
एक दूसरे के प्रति दयालु तथा सहृदय बनें। जिस तरह परमेश्वर ने मसीह में आप लोगों को क्षमा कर दिया, उसी तरह आप भी एक दूसरे को क्षमा करें।
जब प्रभु देखेगा कि उसके लोगों का भुजबल जाता रहा, स्वाधीन और पराधीन, दोनों प्रकार के लोग नहीं रहे, तब वह अपने निज लोगों को निर्दोष सिद्ध करेगा, वह अपने सेवकों पर दया करेगा।
इसलिए मैं उस पीढ़ी पर अप्रसन्न हो गया और मैंने कहा, “इनका हृदय सदा भटकता रहता है; और ये मेरे मार्ग नहीं जानते हैं।”
हमारे महापुरोहित हमारी दुर्बलताओं में हम से सहानुभूति रख सकते हैं, क्योंकि पाप को छोड़ कर सभी बातों में हमारी ही तरह उनकी परीक्षा ली गयी है।
यहोशुअ ने कहा, ‘तब तुम अन्य जातियों के देवताओं की मूर्तियां, जो तुम्हारे मध्य स्थापित हैं, हटा दो; और इस्राएल के प्रभु परमेश्वर की ओर अपना हृदय लगाओ।’
जब प्रभु इस्राएलियों के लिए शासक नियुक्त करता था तब प्रभु उस शासक के साथ रहता था। प्रभु शासक के जीवनभर इस्राएलियों को उनके शत्रुओं के हाथ से मुक्त रखता था। जब वे अत्याचारी के अत्याचार तथा शत्रुओं के दबाव के कारण कराहते थे, तब प्रभु दया से द्रवित हो जाता था।
उन्होंने प्रभु की दुहाई दी, और यह कहा, “हमने पाप किया, क्योंकि हमने तुझ प्रभु को त्यागकर बअल देवता और अशेराह देवी की सेवा की। अब प्रभु, हमारे शत्रुओं के हाथ से हमें मुक्त कर। हम तेरी सेवा करेंगे।”
तब शमूएल ने इस्राएल के कुलों से यह कहा, ‘यदि तुम हृदय से प्रभु की ओर लौट रहे हो तो दूसरी जातियों के देवताओं की मूर्तियाँ, और अशेराह देवी की मूर्तियाँ अपने मध्य से दूर करो। अपने हृदय को प्रभु की ओर स्थिर रखो! केवल उसी की आराधना करो। तब वह तुम्हें पलिश्तियों के हाथ से मुक्त करेगा।’
अत: इस्राएलियों ने बअल देवता तथा अशेराह देवी की मूर्तियाँ अपने मध्य से दूर कर दीं, और वे केवल प्रभु की आराधना करने लगे।