Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




उत्पत्ति 6:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

6 इस बात से प्रभु को दु:ख हुआ कि उसने पृथ्‍वी पर मनुष्‍य को बनाया। उसके हृदय को बड़ी ठेस पहुंची।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

6 यहोवा को इस बात का दुःख हुआ, कि मैंने पृथ्वी पर मनुष्यों को क्यों बनाया? यहोवा इस बात से बहुत दुःखी हुआ।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

6 और यहोवा पृथ्वी पर मनुष्य को बनाने से पछताया, और वह मन में अति खेदित हुआ।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

6 और यहोवा पृथ्वी पर मनुष्य को बनाने से पछताया, और वह मन में अति खेदित हुआ।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

नवीन हिंदी बाइबल

6 तब यहोवा पृथ्वी पर मनुष्य को बनाकर खेदित हुआ—वह मन में बहुत दुःखी था।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

6 तब याहवेह पृथ्वी पर आदम को बनाकर पछताए और मन में अति दुखित हुए.

अध्याय देखें प्रतिलिपि




उत्पत्ति 6:6
34 क्रॉस रेफरेंस  

प्रभु ने कहा, ‘मैं मनुष्‍य को पृथ्‍वी की सतह से मिटा दूंगा, जिसको मैंने रचा था। मैं मनुष्‍यों को, पशुओं को, रेंगनेवाले जन्‍तुओं और आकाश के पक्षियों को नष्‍ट करूंगा; क्‍योंकि मुझे इस बात का दु:ख है कि मैंने उन्‍हें बनाया।’


स्‍वर्गदूत ने यरूशलेम नगर के वासियों को नष्‍ट करने के लिए उसकी ओर हाथ उठाया। परन्‍तु उस क्षण ही प्रभु यह विपत्ति देखकर दु:खी हुआ। उसने लोगों का संहार करने वाले दूत से कहा, ‘बस! यह पर्याप्‍त है। अपना हाथ रोक ले।’ उस समय प्रभु का दूत यबूसी जाति के अरौनाह नामक व्यक्‍ति के खलियान के पास पहुँचा था।


परमेश्‍वर ने यरूशलेम नगर को नष्‍ट करने के लिए वहाँ दूत भेजा। जब दूत यरूशलेम को नष्‍ट करने वाला था तब प्रभु ने यह देखा। वह उनकी विपत्ति देखकर पछताया। उसने लोगों का संहार करने वाले दूत से कहा, ‘बस! यह पर्याप्‍त है। अपना हाथ रोक ले।’ उस समय प्रभु का दूत यबूसी जाति के ओर्नान नामक व्यक्‍ति के खलियान के पास खड़ा था।


प्रभु ने उनके लिए अपना विधान स्‍मरण किया; वह अपनी अपार करुणा के कारण दयावान हुआ।


प्रभु ने शपथ खाई है, और वह अपना यह निश्‍चय नहीं बदलेगा: ‘तू मलकीसेदेक के समान सदा के लिए पुरोहित है।’


मैं विश्‍वासघातकों को देखकर उनसे घृणा करता हूं; क्‍योंकि वे तेरे वचनों का पालन नहीं करते।


कितनी बार उन्‍होंने निर्जन प्रदेश में परमेश्‍वर से विद्रोह किया, और उसको उजाड़ भूमि में उदास किया।


यदि मेरी प्रजा ने मेरी बात सुनी होती, यदि इस्राएल मेरे मार्ग पर चलता,


वह चालीस वर्ष तक उस पीढ़ी से घृणा करता रहा। प्रभु ने यह कहा था, ‘ये हृदय के भ्रष्‍ट लोग हैं, ये मेरे मार्गों को नहीं जानते हैं।’


अत: अपने लोगों की जो हानि प्रभु करने वाला था, उसका विचार उसने छोड़ दिया।


भला होता कि तू मेरी आज्ञाओं को ध्‍यान से सुनता, तब नदी के बहते जल की तरह, तेरा कल्‍याण होता, सागर की लहरों की तरह तेरी धार्मिकता होती।


किन्‍तु उन्‍होंने प्रभु से विरोध किया, उसके पवित्र आत्‍मा को दु:ख दिया। अत: वह उनका शत्रु बन गया, और उसने उनके विरुद्ध युद्ध किया।


यह सच है कि जब मैं किसी कौम अथवा राज्‍य के सम्‍बन्‍ध में यह घोषित करता हूं कि मैं उसको उसके देश से उखाड़ कर नष्‍ट कर दूंगा और ध्‍वस्‍त कर दूंगा;


‘हम आप-सब से पूछते हैं : क्‍या राजा हिजाकियाह ने नबी मीकायाह की इस कठोर नबूवत के कारण उन को मृत्‍यु-दण्‍ड दिया? कदापि नहीं; बल्‍कि वह प्रभु से डरा, और उसने प्रभु की कृपा के लिए विनती की। अत: प्रभु अपने निश्‍चय के लिए पछताया, और उसने यहूदा प्रदेश का अनिष्‍ट करने का जो निश्‍चय किया था, और जिसकी उसने घोषणा की थी, वह नहीं किया। किन्‍तु हम तो इस मनुष्‍य के साथ यह व्‍यवहार कर अपने ऊपर महा विपत्ति ला रहे हैं।’


ओ मानव, तू उनसे यह कह : “मैं स्‍वयं स्‍वामी-प्रभु बोल रहा हूँ : मुझे अपने जीवन की सौगन्‍ध है! मैं किसी भी दुर्जन की मृत्‍यु से प्रसन्न नहीं होता हूँ। किन्‍तु मुझे तब प्रसन्नता होती है, जब दुर्जन अपना बुरा आचरण छोड़ देता है और मरने से बच जाता है। इसी प्रकार ओ इस्राएल के वंशजो, अपने बुरे आचरण को छोड़ दो, अपने बुरे मार्ग से पीठ फेर लो। तुम क्‍यों मरना चाहते हो?”


ओ एफ्रइम, मैं तुझे कैसे त्‍याग दूं? ओ इस्राएल, मैं तुझे कैसे शत्रु के हाथ में सौंप दूं? मैं तुझे कैसे अदमा नगर के सदृश राख बना दूं? मैं तुझे कैसे सबोईम नगर के समान नष्‍ट कर दूं? मेरा हृदय बदल गया है! मेरी दया प्रज्‍वलित हो उठी है।


अपने वस्‍त्र नहीं, वरन् अपना हृदय विदीर्ण करो।’ ओ यहूदा देश, अपने प्रभु परमेश्‍वर की ओर लौट। वह कृपालु और दयालु है। वह विलम्‍ब क्रोधी और महा करुणा सागर है। वह दु:ख देकर पछताता है।


जब परमेश्‍वर ने यह देखा कि नीनवे के निवासियों ने पश्‍चात्ताप किया है, और उन्‍होंने अपना दुराचरण छोड़ दिया है, तब उसने उन पर विपत्ति ढाहने का विचार त्‍याग दिया। परमेश्‍वर ने कहा था कि वह उन पर विपत्ति ढाहेगा। पर उसने ऐसा नहीं किया।


‘मैं अपरिवर्तनीय प्रभु हूं: इसलिए ओ याकूब के वंशजो, तुम अब तक जीवित हो।


परमेश्‍वर मनुष्‍य नहीं है कि वह झूठ बोले, और न वह मनुष्‍य का पुत्र है कि पश्‍चात्ताप करे! जो उसने कहा, क्‍या वह उसको न करे? जो वह बोले, क्‍या वह उसको पूर्ण न करे?


क्‍योंकि परमेश्‍वर न तो अपने वरदान वापस लेता और न अपना आह्‍वान टाल देता है।


परमेश्‍वर ने विमोचन-दिवस के लिए आप लोगों पर पवित्र आत्‍मा की मुहर लगायी है। आप परमेश्‍वर के उस पवित्र आत्‍मा को दु:ख नहीं दें।


यदि इनमें बुद्धि होती तो ये यह बात सोचते, अपने कार्यों के अन्‍त को समझते!


जब प्रभु देखेगा कि उसके लोगों का भुजबल जाता रहा, स्‍वाधीन और पराधीन, दोनों प्रकार के लोग नहीं रहे, तब वह अपने निज लोगों को निर्दोष सिद्ध करेगा, वह अपने सेवकों पर दया करेगा।


भला होता कि उनका हृदय सदा ऐसा ही रहता। वे मुझसे डरते और मेरी भक्‍ति करते। वे मेरी सब आज्ञाओं का पालन करते, जिससे उनका और उनकी सन्‍तान का सदा भला होता!


इसलिए मैं उस पीढ़ी पर अप्रसन्न हो गया और मैंने कहा, “इनका हृदय सदा भटकता रहता है; और ये मेरे मार्ग नहीं जानते हैं।”


परमेश्‍वर चालीस वर्षों तक किन लोगों पर अप्रसन्न रहा? निश्‍चय ही उन लोगों पर, जिन्‍होंने पाप किया था और जिनके शव निर्जन प्रदेश में पड़े रहे।


सभी उत्तम दान और सभी पूर्ण वरदान ऊपर के हैं और नक्षत्रों के उस सृष्‍टिकर्ता पिता के यहाँ से उतरते हैं, जिस में न तो कोई परिवर्तन है और न परिक्रमा के कारण कोई अन्‍धकार।


‘मुझे दु:ख है कि मैंने शाऊल को राजा बनाया; क्‍योंकि उसने मेरा अनुसरण करने से मुँह मोड़ लिया है। उसने मेरे वचनों के अनुसार कार्य नहीं किया है।’ शमूएल क्रुद्ध हुआ। वह रात भर प्रभु की दुहाई देता रहा।


इसके अतिरिक्‍त इस्राएल का महिमामय परमेश्‍वर झूठ नहीं बोलता, और न अपने वचन से मुँह मोड़ता है। वह मनुष्‍य नहीं है कि अपने वचन से मुँह मोड़े।’


शमूएल ने अपनी मृत्‍यु के दिन तक, फिर कभी शाऊल का मुँह नहीं देखा। वह शाऊल के लिए शोक करता रहा। प्रभु दुखित था कि उसने शाऊल को इस्राएलियों का राजा बनाया।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों