शक्तिशाली बनो! हम अपनी जनता और अपने परमेश्वर के नगरों के लिए युद्ध करें। प्रभु वही करे, जो उसकी दृष्टि में उचित है।’
न्यायियों 10:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस्राएलियों ने प्रभु से कहा, ‘हमने पाप किया है! अब जो कार्य तेरी दृष्टि में उचित हो वही हमारे साथ कर। हम विनती करते हैं, कृपया, आज हमारा उद्धार कर।’ पवित्र बाइबल किन्तु इस्राएल के लोगों ने यहोवा से कहा, “हम लोगों ने पाप किया है। तू हम लोगों के साथ जो चाहता है, कर। किन्तु आज हमारी रक्षा कर।” Hindi Holy Bible इस्राएलियोंने यहोवा से कहा, हम ने पाप किया है; इसलिथे जो कुछ तेरी दृष्टि में भला हो वही हम से कर; परन्तु अभी हमें छुड़ा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस्राएलियों ने यहोवा से कहा, “हम ने पाप किया है; इसलिये जो कुछ तेरी दृष्टि में भला हो वही हम से कर; परन्तु अभी हमें छुड़ा।” सरल हिन्दी बाइबल इस्राएल वंशजों ने याहवेह से विनती की, “हमने पाप किया है. हमारे साथ वही कीजिए, जो आपको सही लगे; मगर आज हमें कृपा कर छुटकारा दे दीजिए.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस्राएलियों ने यहोवा से कहा, “हमने पाप किया है; इसलिए जो कुछ तेरी दृष्टि में भला हो वही हम से कर; परन्तु अभी हमें छुड़ा।” |
शक्तिशाली बनो! हम अपनी जनता और अपने परमेश्वर के नगरों के लिए युद्ध करें। प्रभु वही करे, जो उसकी दृष्टि में उचित है।’
दाऊद ने नातान से कहा, ‘मैंने प्रभु के विरुद्ध पाप किया।’ नातान ने दाऊद को उत्तर दिया, ‘प्रभु ने भी आपके पाप को क्षमा किया। अब आप पाप के कारण नहीं मरेंगे।
पर यदि प्रभु यों कहेगा : “मैं तुझसे प्रसन्न नहीं हूँ” तो भी मैं उसकी इच्छा को स्वीकार करूँगा। जो उसकी दृष्टि में भला लगे, वही मेरे साथ करे।’
युद्ध-सेवा के योग्य पुरुषों की जनगणना करने के बाद दाऊद के हृदय ने उसे इस कार्य के लिए फटकारा। अत: उसने प्रभु से कहा, ‘मैंने यह कार्य कर महापाप किया। प्रभु, कृपाकर, अपने सेवक पर से यह अधर्म का बोझ दूर कर। मैं बड़ी मूर्खता का कार्य कर बैठा।’
दाऊद ने गाद को उत्तर दिया, ‘मैं बड़े संकट में हूँ। आओ, हम प्रभु के हाथ से मारे जाएँ। वह महादयालु है। परन्तु मैं मनुष्य के हाथ में नहीं पड़ना चाहता।’
मनुष्य लोगों के सम्मुख गीत गाता है, और यह कहता है, “मैंने पाप किया था, मैंने उचित कार्य को अनुचित बना दिया था, तो भी मुझे इस अधर्म का दण्ड नहीं दिया गया।
जो मनुष्य अपने अपराध छिपाता है वह जीवन में उन्नति नहीं करता; परन्तु अपने अपराध को स्वीकार करनेवाले और उसको पुन: न करनेवाले मनुष्य पर परमेश्वर दया करता है।
प्रभु, हम संकट-काल में तुझे ढूंढ़ते हैं। जब तू हमें ताड़ित करता है, तब हम तुझसे निरन्तर प्रार्थना करते हैं।
तब मैंने यह सोचा: मैं प्रभु के सम्मुख से निकाल दिया गया हूँ। अब मैं कैसे प्रभु के पवित्र मन्दिर के दर्शन कर सकूंगा?
कौन जानता है, कदाचित परमेश्वर अपने निर्णय को बदल दे और अपनी क्रोधाग्नि शांत करे और हम नष्ट होने से बच जाएं?’
देखिए, हम आपके अधिकार में हैं। अब आपको अपनी दृष्टि में जो कार्य भला लगे, वह हमारे साथ कीजिए।’
उन्होंने प्रभु की दुहाई दी, और यह कहा, “हमने पाप किया, क्योंकि हमने तुझ प्रभु को त्यागकर बअल देवता और अशेराह देवी की सेवा की। अब प्रभु, हमारे शत्रुओं के हाथ से हमें मुक्त कर। हम तेरी सेवा करेंगे।”
अत: शमूएल ने सब बातें उसको बता दीं; और उससे कुछ नहीं छिपाया। एली ने कहा, ‘वह प्रभु है! जो उसकी दृष्टि में उचित है, वही वह करे!’
अत: वे मिस्पाह में एकत्र हुए। उन्होंने पानी भरा और उसको प्रभु के सम्मुख उण्डेला। उन्होंने उस दिन उपवास किया। उन्होंने वहाँ यह स्वीकार किया, ‘हमने प्रभु के विरुद्ध पाप किया है।’ इस प्रकार शमूएल मिस्पाह में इस्राएलियों पर शासन करने लगा।