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2 शमूएल 24:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

14 दाऊद ने गाद को उत्तर दिया, ‘मैं बड़े संकट में हूँ। आओ, हम प्रभु के हाथ से मारे जाएँ। वह महादयालु है। परन्‍तु मैं मनुष्‍य के हाथ में नहीं पड़ना चाहता।’

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पवित्र बाइबल

14 दाऊद ने गाद से कहा, “मैं सचमुच विपत्ति में हूँ! किन्तु यहोवा बहुत कृपालु है। इसलिये यहोवा को हमें दण्ड देने दो! मुझे मनुष्यों से दंडित न होने दो।”

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Hindi Holy Bible

14 दाऊद ने गाद से कहा, मैं बड़े संकट में हूँ; हम यहोवा के हाथ में पड़ें, क्योंकि उसकी दया बड़ी है; परन्तु मनुष्य के हाथ में मैं न पडूंगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

14 दाऊद ने गाद से कहा, “मैं बड़े संकट में हूँ; हम यहोवा के हाथ में पड़ें, क्योंकि उसकी दया बड़ी है; परन्तु मनुष्य के हाथ में मैं न पड़ूँगा।

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सरल हिन्दी बाइबल

14 तब दावीद ने गाद को उत्तर दिया, “मैं बड़ी मुसीबत में हूं. हमें याहवेह के हाथ से दिया गया दंड ही सहने दीजिए, क्योंकि अपार है उनकी कृपा. मुझे किसी मनुष्य के हाथ में न पड़ने दें.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

14 दाऊद ने गाद से कहा, “मैं बड़े संकट में हूँ; हम यहोवा के हाथ में पड़ें, क्योंकि उसकी दया बड़ी है; परन्तु मनुष्य के हाथ में मैं न पड़ूँगा।”

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2 शमूएल 24:14
28 क्रॉस रेफरेंस  

मपीबोशेत ने पुन: अभिवादन किया। उसने कहा, ‘महाराज, आपके सेवक का क्‍या महत्‍व है कि आप मुझ जैसे मरे कुत्ते की ओर ध्‍यान दें?’


परमेश्‍वर के जन एलीशा प्रात:काल सोकर उठे। वह बाहर निकले। उन्‍होंने देखा कि घोड़ों, और रथों के साथ सेना ने नगर को चारों ओर से घेर लिया है। एलीशा के सेवक ने उनसे कहा, ‘हाय! गुरुजी, अब हम क्‍या करें?’


दाऊद ने गाद से कहा, ‘मैं बड़े संकट में हूँ। मैं प्रभु के हाथ से मारा जाना पसन्‍द करता हूँ; क्‍योंकि प्रभु महादयालु है। परन्‍तु मैं मनुष्‍य के हाथ में नहीं पड़ना चाहता।’


हे प्रभु, तेरी अनुकंपा महान है; तू अपने न्‍याय-सिद्धान्‍त के अनुरूप मुझे पुनर्जीवित कर।


पर तेरे साथ क्षमा है, ताकि हम तेरी भक्‍ति करें।


ओ इस्राएल, प्रभु की आशा कर! क्‍योंकि प्रभु के साथ करुणा है। प्रभु के साथ अपार उद्धार है।


प्रभु सबके प्रति भला है; उसकी दया उसकी समस्‍त सृष्‍टि पर व्‍याप्‍त है।


हे परमेश्‍वर, तू करुणामय है; मुझ पर कृपा कर। मेरे अपराधों को मिटा दे, क्‍योंकि तेरा अनुग्रह असीम है।


किन्‍तु तू, हे स्‍वामी, दयालु, कृपालु, विलम्‍ब से क्रोध करनेवाला, करुणा और सच्‍चाई से परिपूर्ण परमेश्‍वर है।


हे स्‍वामी, तू भला और क्षमाशील है, तेरी दुहाई देनेवालों के लिए तू करुणा सागर है।


धार्मिक मनुष्‍य अपने पशु के प्राण की भी चिन्‍ता करता है; पर दुर्जन की दया भी निर्दयता के समान होती है!


मैं अपने निज लोग इस्राएलियों से क्रुद्ध था, अत: मैंने अपनी मीरास को अशुद्ध घोषित कर तेरे हाथ में उसे सौंप दिया। पर तूने उन पर दया नहीं की, तूने बूढ़ों पर भी बड़ा भारी जूआ रखा।


दुर्जन मनुष्‍य अपने मार्ग को छोड़ दे, और अधार्मिक व्यक्‍ति अपने बुरे विचारों को। वह प्रभु की ओर लौटे, जिससे प्रभु उस पर दया करे। वह हमारे परमेश्‍वर के पास आए; क्‍योंकि प्रभु उसे पूर्णत: क्षमा करेगा।


किन्‍तु उस दिन मैं तुझको बचाऊंगा, और तू शत्रु-सैनिकों के हाथ में नहीं सौंपा जाएगा, जिस से तू डर रहा है। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।


प्रभु की करुणा निरन्‍तर बनी रहती है; उसकी दया अनंत है।


हे स्‍वामी हमारे परमेश्‍वर, केवल तू ही दयालु और क्षमाशील है। हमने तेरे प्रति विद्रोह किया था,


उसने प्रभु से प्रार्थना की। उसने कहा, ‘प्रभु, मेरी तुझसे यह प्रार्थना है: जब मैं अपने देश में था, तब मैंने तुझ से यही तो कहा था; अब तो वही बात हुई। इसी कारण मैं तुरन्‍त तर्शीश नगर को भागा था। मैं जानता था कि तू कृपालु और दयालु परमेश्‍वर है। तू विलम्‍ब से क्रोध करने वाला और करुणा का सागर है। तू विपत्ति ढाहने के अपने निर्णय को बदलता भी है।


हे प्रभु, तेरे समान अधर्म को क्षमा करनेवाला, अपनी मीरास के बचे हुए लोगों के अपराध क्षमा करनेवाला और कौन ईश्‍वर है? तू सदा क्रोध नहीं करता, क्‍योंकि तू करुणा से प्रसन्न होता है।


तू हम पर पुन: दया करेगा। तू हमारे अधर्म को अपने पैरों तले रौंद डालेगा, प्रभु, तू हमारे समस्‍त पापों को सागर की अतल गहराई में फेंक देगा।


पर मैं अहंकार में डूबे हुए राष्‍ट्रों के प्रति क्रोध से भरा हूं। जितना ही कम मैंने क्रोध किया, उतना ही अधिक ये बुराइयों के ढेर लगाते गए।


“अब मेरी आत्‍मा व्‍याकुल है। क्‍या मैं यह कहूँ, ‘पिता! इस घड़ी के संकट से मुझे बचा’? किन्‍तु इसी कारण मैं इस घड़ी तक पहुँचा हूँ।


मैं दोनों ओर खिंचा हुआ हूँ। मैं तो चल देना और मसीह के साथ रहना चाहता हूं। यह निश्‍चय ही सर्वोत्तम है;


इस्राएलियों पर दबाव पड़ने लगा। जब उन्‍होंने देखा कि वे संकट में पड़ गए हैं तब वे गुफाओं और कन्‍दराओं में, चट्टानों, तलघरों और गड्ढों में छिप गए।


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