उन सब वन-प्राणियों में जिन्हें प्रभु परमेश्वर ने रचा था, सबसे अधिक धूर्त सांप था। उसने स्त्री से पूछा, ‘क्या सचमुच परमेश्वर ने कहा है कि तुम उद्यान के किसी भी पेड़ का फल न खाना?’
नीतिवचन 7:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैंने देखा कि एक स्त्री उससे मिली, जो वेश्या की पोशाक पहिने हुए थी, जिसके हृदय में धूर्तता भरी थी। पवित्र बाइबल तभी कोई कामिनी उससे मिलने के लिये निकल कर बाहर आई। वह वेश्या के वेश में सजी हुई थी। उसकी इच्छाओं में कपट छुपा था। Hindi Holy Bible और उस से एक स्त्री मिली, जिस का भेष वेश्या का सा था, और वह बड़ी धूर्त थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और देखो, उससे एक स्त्री मिली, जिस का भेष वेश्या का सा था, और वह बड़ी धूर्त थी। नवीन हिंदी बाइबल और देखो, एक स्त्री उससे मिली जिसकी वेशभूषा वेश्या की सी थी; उसका हृदय धूर्तता से भरा हुआ था। सरल हिन्दी बाइबल तब मैंने देखा कि एक स्त्री उससे मिलने निकल आई, उसकी वेशभूषा वेश्या के समान थी उसके हृदय से धूर्तता छलक रही थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उससे एक स्त्री मिली, जिसका भेष वेश्या के समान था, और वह बड़ी धूर्त थी। |
उन सब वन-प्राणियों में जिन्हें प्रभु परमेश्वर ने रचा था, सबसे अधिक धूर्त सांप था। उसने स्त्री से पूछा, ‘क्या सचमुच परमेश्वर ने कहा है कि तुम उद्यान के किसी भी पेड़ का फल न खाना?’
यहोराम ने येहू को देखा। वह उससे बोला, ‘येहू, सब कुशल-मंगल तो है?’ येहू ने उत्तर दिया, ‘जब तक तुम्हारी माता ईजेबेल के द्वारा संचालित पूजा-स्थानों से संबंधित वेश्यालय उपस्थित हैं और देश में इतना जादू-टोना होता है, तब तक कुशल-मंगल का प्रश्न ही नहीं उठता।’
येहू यिज्रएल नगर में आया। ईजेबेल ने यह समाचार सुना। उसने अपनी आंखों में काजल लगाया और अपने सिर के बालों को संवारा। तत्पश्चात् उसने खिड़की से नीचे झांका।
वह लुटेरे के समान घात लगाकर बैठती है; उसके कारण अनेक पुरुष पत्नी से विश्वासघात करते हैं।
“ओ विस्मृता। वृद्धा-वेश्या! हाथ में सितार ले नगर में घूम-फिर। सितार पर मधुर राग बजा, नए-नए गीत गा कि लोगों को फिर तेरी याद आ जाए।”
ओ उजाड़ नगरी! तू सजी-संवरी बैठी है, इसका क्या अर्थ है? तूने लाल वस्त्र पहिने हैं! तूने सोने के आभूषणों से स्वयं को सजाया है; आंखों में काजल डाला है। पर इस श्रृंगार से क्या लाभ? तेरे प्रेमी तुझसे घृणा करेंगे; वे तेरे प्राण के ग्राहक बन जाएंगे।
मैं यह भी चाहता हूँ कि स्त्रियाँ शिष्ट वेशभूषा में मर्यादा और शालीनता का ध्यान रखें और कृत्रिम केश-विन्यास, स्वर्ण, मोतियों एवं कीमती वस्त्रों से नहीं,