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यिर्मयाह 4:30 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

30 ओ उजाड़ नगरी! तू सजी-संवरी बैठी है, इसका क्‍या अर्थ है? तूने लाल वस्‍त्र पहिने हैं! तूने सोने के आभूषणों से स्‍वयं को सजाया है; आंखों में काजल डाला है। पर इस श्रृंगार से क्‍या लाभ? तेरे प्रेमी तुझसे घृणा करेंगे; वे तेरे प्राण के ग्राहक बन जाएंगे।

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पवित्र बाइबल

30 हे यहूदा, तुम नष्ट कर दिये गये हो, तुम क्या कर रहे हो तुम अपने सुन्दरतम लाल वस्त्र क्यों पहनते हो तुम अपने सोने के आभूषण क्यों पहने हो तुम अपनी आँखों में अन्जन क्यों लगाते हो। तुम अपने को सुन्दर बनाते हो, किन्तु यह सब व्यर्थ है। तुम्हारे प्रेमी तुमसे घृणा करते हैं, वे मार डालने का प्रयत्न कर रहे हैं।

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Hindi Holy Bible

30 और तू जब उजड़ेगी तब क्या करेगी? चाहे तू लाल रंग के वस्त्र पहिने और सोने के आभूषण धारण करे और अपनी आंखों में अंजन लगाए, परन्तु व्यर्थ ही तू अपना शृंगार करेगी। क्योंकि तेरे मित्र तुझे निकम्मी जानते हैं; वे तेरे प्राणों के खोजी हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

30 और तू जब उजड़ेगी तब क्या करेगी? चाहे तू लाल रंग के वस्त्र पहिने और सोने के आभूषण धारण करे और अपनी आँखों में अंजन लगाए, परन्तु व्यर्थ ही तू अपना शृंगार करेगी। क्योंकि तेरे मित्र तुझे निकम्मी जानते हैं; वे तेरे प्राणों के खोजी हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

30 और तुम जो निर्जन हो, अब क्या करोगी? यद्यपि तुम भड़कीले वस्त्र धारण किए हुए हो, यद्यपि तुमने स्वयं को स्वर्ण आभूषणों से सुसज्जित किया है? यद्यपि तुमने अपने नेत्रों का श्रृंगार कर उन्हें सजाया है? स्वयं को ऐसा सुरम्य स्वरूप देना व्यर्थ है. तुम्हारे प्रेमियों के लिए तो तुम अब घृणित हो गई हो; वे तो अब तुम्हारे प्राणों के प्यासे हैं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

30 और तू जब उजड़ेंगी तब क्या करेगी? चाहे तू लाल रंग के वस्त्र पहने और सोने के आभूषण धारण करे और अपनी आँखों में अंजन लगाए, परन्तु व्यर्थ ही तू अपना श्रृंगार करेगी। क्योंकि तेरे प्रेमी तुझे निकम्मी जानते हैं; वे तेरे प्राण के खोजी हैं।

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यिर्मयाह 4:30
27 क्रॉस रेफरेंस  

येहू यिज्रएल नगर में आया। ईजेबेल ने यह समाचार सुना। उसने अपनी आंखों में काजल लगाया और अपने सिर के बालों को संवारा। तत्‍पश्‍चात् उसने खिड़की से नीचे झांका।


मेरे पुत्र, बुरी स्‍त्री के सौन्‍दर्य की कामना अपने हृदय में मत करना, उसके कटाक्ष के जाल में मत फंसना।


मैंने देखा कि एक स्‍त्री उससे मिली, जो वेश्‍या की पोशाक पहिने हुए थी, जिसके हृदय में धूर्तता भरी थी।


तुम दण्‍ड-दिवस पर क्‍या करोगे? सुदूर दिशा से आनेवाले विनाश के तूफान के समय तुम किसके पास सहायता के लिए भागकर जाओगे? तुम अपना धन कहाँ छोड़ जाओगे?


उस दिन वे यह कहेंगे, “ये ही थे हमारी आशा के केन्‍द्र। असीरिया के राजा से बचने के लिए हमने इनकी ही शरण ली थी! जब इनका यह हाल है, तब हम कैसे बचेंगे?”


सियोन में रहनेवाले पापी भयभीत हैं; डर ने अधार्मिकों को दबोच लिया है। वे यह कहते हैं, “हम में से कौन व्यक्‍ति भस्‍म करनेवाली अग्‍नि में रह सकता है? हम में कौन व्यक्‍ति शाश्‍वत अग्‍नि में वास कर सकता है?”


जिनको तूने मित्रता का पाठ पढ़ाया था, जिन को तूने मित्र बनाया था, जब वे तेरे शासक नियुक्‍त होंगे तब तू क्‍या कहेगी? क्‍या यह देखकर तुझे जच्‍चा स्‍त्री के समान प्रसव-पीड़ा नहीं होगी?


ओ यरूशलेम नगरी, लबानोन की निवासिनी! देवदार के जंगलों में अपना घोंसला बनानेवाली! जब तुझमें गर्भवती स्‍त्री की पीड़ाएं उठेंगी, जब तुझ पर दु:ख का पहाड़ टूटेगा तब तू क्‍या दर्द से नहीं चीखेगी?’


तेरे सभी प्रेमी तुझे भूल गए हैं; अब वे तेरी कामना नहीं करते। मैंने तुझे शत्रु जैसा मारा है, निर्दय शत्रु के समान तुझे कठोर दण्‍ड दिया है; क्‍योंकि तूने बड़े-बड़े दुष्‍कर्म किये हैं, तेरे पाप गंभीर हैं।


नबी झूठी नबूवत करते हैं; पुरोहित उनकी हां में हां मिलाते हैं। मेरे निज लोगों को यह पसन्‍द भी है। परन्‍तु जब अन्‍त आएगा तब तुम क्‍या करोगे?


‘मैंने सहायता के लिए अपने प्रेमियों को पुकारा; किन्‍तु उन्‍होंने मुझे धोखा दिया। मेरे पुरोहित और धर्मवृद्ध नगर में भूख से मर गए, जब वे प्राण बचाने के लिए भोजन की तलाश में भटक रहे थे।


वह रात में फूट-फूटकर रोती है। उसके गालों पर आंसू बहते हैं। उसके अनेक चाहनेवाले थे, पर अब उनमें से एक भी उसको सांत्‍वना नहीं देता, उसके मित्रों ने उसके साथ विश्‍वासघात किया। वे उसके शत्रु बन गए।


सयाहता की राह देखते-देखते हमारी आंखें पथरा गईं; हमने सहायता के लिए ऐसे राष्‍ट्र की बाट जोही जो हमें बचा न सका।


तू मानो परमेश्‍वर के उद्यान अदन में रहता था। तू मणि-मुक्‍ताओं से जड़े वस्‍त्र पहिनता था: माणिक, पद्मराग, हीरा, फिरोजा, सुलेमानी मणि, यशब, नील-मणि, मरकत, और लाल-मणि। तेरे आभूषण और तेरी पोशाक सोने से मढ़ी थी। जिस दिन तेरा जन्‍म हुआ उसी दिन वे भी तैयार किए गए।


ओ सोर नगर-राज्‍य के शासक, क्‍या तू अपने वधिकों के सामने दावा करेगा कि तू ईश्‍वर है? नहीं, जब तू अपने हत्‍यारों के हाथ में पड़ जाएगा, तब उनकी दृष्‍टि में ईश्‍वर नहीं, वरन् मनुष्‍य ठहरेगा।


तेरे सब सन्‍धिबद्ध राजाओं ने तुझे धोखा दिया; उन्‍होंने तुझे सीमा तक खदेड़ दिया। तेरे संघ के राजा तुझ पर प्रबल हो गए। जो तेरे साथ तेरी थाली में भोजन करते थे, उन्‍होंने तुझे फांसने के लिए जाल बिछाया है। वे तेरे विषय में कहते हैं: “उसमें कुछ समझ नहीं है।”


तो हम कैसे बच सकेंगे, यदि हम उस महान् मुक्‍ति का तिरस्‍कार करेंगे, जिसकी घोषणा पहले पहल प्रभु द्वारा हुई थी? जिन लोगों ने प्रभु को सुना, उन्‍होंने उनके सन्‍देश को हमारे लिए प्रमाणित किया।


उनका एक ही अभिप्राय है-वे अपना सामर्थ्य और अधिकार पशु को अर्पित करेंगे।


पृथ्‍वी के राजाओं ने उसके साथ व्‍यभिचार किया और पृथ्‍वी के निवासी उसके व्‍यभिचार की मदिरा पी कर मतवाले हो गये हैं।”


स्‍त्री बैंगनी और लाल वस्‍त्र पहने थी और स्‍वर्ण, मणियों एवं मोतियों से विभूषित थी। वह हाथ में सोने का प्‍याला लिये थी, जो उसके व्‍यभिचार के घृणित एवं दूषित कर्मों से भरा हुआ था।


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