जो धन अन्याय से प्राप्त किया जाता है, उससे किसी को लाभ नहीं होता; पर धार्मिकता मनुष्य को मृत्यु से बचाती है।
नीतिवचन 21:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो धन झूठ से प्राप्त होता है, वह हवा में उड़ जानेवाली भाप है, वह मृत्यु का फंदा है। पवित्र बाइबल झूठ बोल—बोल कर कमाई धन दौलत भाप सी अस्थिर है, और वह घातक फंदा बन जाती है। Hindi Holy Bible जो धन झूठ के द्वारा प्राप्त हो, वह वायु से उड़ जाने वाला कोहरा है, उसके ढूंढ़ने वाले मृत्यु ही को ढूंढ़ते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो धन झूठ के द्वारा प्राप्त हो, वह वायु से उड़ जाने वाला कुहरा है, उसके ढूँढ़नेवाले मृत्यु ही को ढूँढ़ते हैं। नवीन हिंदी बाइबल झूठ बोलकर धन कमाना उड़ जानेवाली भाप और मृत्यु का पीछा करने के समान है। सरल हिन्दी बाइबल झूठ बोलने के द्वारा पाया गया धन इधर-उधर लहराती वाष्प होती है, यह मृत्यु का फंदा है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो धन झूठ के द्वारा प्राप्त हो, वह वायु से उड़ जानेवाला कुहरा है, उसके ढूँढ़नेवाले मृत्यु ही को ढूँढ़ते हैं। |
जो धन अन्याय से प्राप्त किया जाता है, उससे किसी को लाभ नहीं होता; पर धार्मिकता मनुष्य को मृत्यु से बचाती है।
अचानक प्राप्त हुआ धन घर में टिकता नहीं; पर अपने परिश्रम से थोड़ा-थोड़ा धन एकत्र करनेवाला मनुष्य उसको और बढ़ाता है।
मोल लेते समय खरीदार कहता है, “वस्तु अच्छी नहीं है।” पर कम कीमत पर वस्तु खरीद लेने के बाद वह शेखी मारता है।
जो सम्पत्ति आरम्भ में बिना दीर्घ परिश्रम के प्राप्त होती है, वह अन्त में अधिक समय तक नहीं टिकती।
जो मनुष्य अन्याय के बीज बोता है, वह विपत्ति की फसल काटता है; उसके क्रोध की छड़ी टूट जाती है।
पहला वरदान: छल-कपट और झूठ से मुझे बचा। दूसरा वरदान: न मुझे धन दे, और न गरीबी। केवल उतना भोजन दे जो मेरे जीवन के लिए आवश्यक है;
पर जो मुझे चूक जाता है, वह अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारता है; जो मुझसे घृणा करता है वह मृत्यु को प्यार करता है।
‘जो मनुष्य अन्यायपूर्ण साधनों से धन-सम्पत्ति संचित करता है, वह उस तीतरनी की तरह है, जो दूसरे पक्षियों के अण्डे सेती है। ऐसे मनुष्य के जीवन-काल में ही धन-सम्पत्ति उसका साथ छोड़ देती है; और अन्त में वह मूर्ख सिद्ध होता है।’
तुमने मेरे विरुद्ध अनेक कुकर्म किए हैं। उन-सब को अपने से दूर करो; और तब अपने भीतर नया हृदय और नई आत्मा धारण करो। ‘ओ इस्राएल के कुल, तू क्यों मरना चाहता है?
ऐसे लोगों का मुँह बन्द कर देना चाहिए, क्योंकि वे घिनावने लाभ के लिए अनुचित बातें सिखाते हैं और इस प्रकार परिवार के परिवार चौपट कर देते हैं।
वे लोभ के कारण अपनी मनगढ़न्त बातों द्वारा आप से अनुचित लाभ उठायेंगे। उनकी दण्डाज्ञा का निर्णय बहुत पहले हो चुका है और वह उनका पीछा कर रहा है। उनका विनाश सोया हुआ नहीं है!