प्रभु की भक्ति करना बुद्धि का आरम्भ है; जो उसका पालन करते हैं, उनको उत्तम समझ प्राप्त होती है। प्रभु की स्तुति सदा की जाएगी!
नीतिवचन 14:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) विवेकी मनुष्य की बुद्धि क्या है? अपने मार्ग को पहचानना; परन्तु मूर्खो की मूर्खता केवल धोखा देना है। पवित्र बाइबल ज्ञानी जनों का ज्ञान इसी में है, कि वे अपनी राहों का चिंतन करें, मूर्खता मूर्ख की छल में बसती है। Hindi Holy Bible चतुर की बुद्धि अपनी चाल का जानना है, परन्तु मूर्खों की मूढ़ता छल करना है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) चतुर की बुद्धि अपनी चाल का जानना है, परन्तु मूर्खों की मूढ़ता छल करना है। नवीन हिंदी बाइबल समझदार मनुष्य की बुद्धिमानी अपनी चाल को पहचानना है, परंतु मूर्खों की मूर्खता उन्हीं को धोखा देती है। सरल हिन्दी बाइबल विवेकी की बुद्धिमता इसी में होती है, कि वह उपयुक्त मार्ग की विवेचना कर लेता है, किंतु मूर्खों की मूर्खता धोखा है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 विवेकी मनुष्य की बुद्धि अपनी चाल को समझना है, परन्तु मूर्खों की मूर्खता छल करना है। |
प्रभु की भक्ति करना बुद्धि का आरम्भ है; जो उसका पालन करते हैं, उनको उत्तम समझ प्राप्त होती है। प्रभु की स्तुति सदा की जाएगी!
प्रभु, प्रात:काल अपनी करुणा के वचन मुझे सुना; मैं तुझपर ही भरोसा करता हूं। जिस मार्ग पर मुझे चलना चाहिए, प्रभु, वह मार्ग मुझे सिखा; क्योंकि मैं तेरा ही ध्यान करता हूं।
दुर्जन की कमाई मिथ्या है; पर धार्मिकता का बीज बोनेवाला मनुष्य निश्चय ही सच्चा फल प्राप्त करता है।
जिस मनुष्य में समझ नहीं है, वह मूर्खता को ही आनन्द समझता है; किन्तु समझदार व्यक्ति सन्मार्ग पर चलता है।
प्रिय शिष्य, बुद्धि ग्रहण करने से तू धर्म और न्याय को समझ पाएगा, निष्कपट आचरण तथा सन्मार्ग को पहचान पाएगा,
मैंने देखा कि जैसे अन्धकार से प्रकाश श्रेष्ठ है वैसे ही बुद्धि मूर्खता से श्रेष्ठ है।
क्योंकि जैसे मूर्ख की स्मृति स्थायी नहीं होती वैसे ही बुद्धिमान की भी स्मृति स्थायी नहीं होती। कुछ ही दिनों में लोग सब भूल जाते हैं। जैसे मूर्ख मरता है वैसे ही बुद्धिमान भी।
ओ यरूशलेम! उत्तर दिशा से आनेवालों को आंखें ऊपर उठाकर देख। तेरा सुन्दर रेवड़, जो प्रभु ने तुझ को सौंपा था, कहां गया?
क्योंकि इस संसार का ज्ञान परमेश्वर की दृष्टि में ‘मूर्खता’ है। धर्मग्रन्थ में यह लिखा है, “वह ज्ञानियों को उनकी चतुराई में ही फंसाता है”
तो आप लोगों को अपना पहला आचरण और पुराना स्वभाव त्याग देना चाहिए, क्योंकि वह बहकाने वाली दुर्वासनाओं के कारण बिगड़ता जा रहा है।
आप लोगों में जो ज्ञानी और समझदार होने का दावा करता है, वह अपने सदाचरण द्वारा, अपने नम्र तथा बुद्धिमान व्यवहार द्वारा इस बात का प्रमाण दे।