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नीतिवचन 13:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जो मनुष्‍य बुद्धिमानों का सत्‍संग करता है, वह स्‍वयं बुद्धिमान बनता है; पर मूर्खों का साथी विपत्ति में पड़ता है।

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पवित्र बाइबल

बुद्धिमान की संगति, व्यक्ति को बुद्धिमान बनाता है। किन्तु मूर्खो का साथी नाश हो जाता है।

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Hindi Holy Bible

बुद्धिमानों की संगति कर, तब तू भी बुद्धिमान हो जाएगा, परन्तु मूर्खों का साथी नाश हो जाएगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

बुद्धिमानों की संगति कर, तब तू भी बुद्धिमान हो जाएगा, परन्तु मूर्खों का साथी नष्‍ट हो जाएगा।

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नवीन हिंदी बाइबल

जो बुद्धिमान के साथ संगति करता है, वह बुद्धिमान हो जाता है; परंतु जो मूर्खों का साथी होता है, वह हानि उठाता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

वह, जो ज्ञानवान की संगति में रहता है, ज्ञानवान हो जाता है, किंतु मूर्खों के साथियों को हानि का सामना करना होगा.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

बुद्धिमानों की संगति कर, तब तू भी बुद्धिमान हो जाएगा, परन्तु मूर्खों का साथी नाश हो जाएगा।

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नीतिवचन 13:20
27 क्रॉस रेफरेंस  

उन्‍होंने सदोम में रहनेवाले अब्राम के भतीजे लोट को भी बन्‍दी बना लिया और वे उसकी सम्‍पत्ति लूटकर चले गए।


उसके जवान साथी उससे बोले, ‘जिन लोगों ने आपसे यह कहा है: “आपके पिता ने हमारे कन्‍धे पर भरी जुआ रखा था। आप इस भार को हलका कीजिए,” आप उनसे यों बोलिए, “यदि मेरे पिता सेर थे तो मैं सवा सेर हूं!


पर रहबआम ने धर्मवृद्धों की सलाह, जो उन्‍होंने उसे दी थी, अस्‍वीकार कर दी। तब उसने उन युवकों से विचार-विमर्श किया, जो उसके साथ बड़े हुए थे और उसकी परिचर्या करते थे।


अत: जब रथों के सेना-नायकों ने यहोशाफट को देखा, तब उन्‍होंने कहा, ‘यह निश्‍चय ही इस्राएल प्रदेश का राजा है।’ वे उससे युद्ध करने के लिए उसकी ओर मुड़े। यहोशाफट ने युद्ध का आह्‍वान किया।


उसने यहोशाफट से पूछा, ‘क्‍या आप रामोत-गिलआद नगर से युद्ध करने के लिए मेरे साथ चलेंगे?’ यहोशाफट ने इस्राएल प्रदेश के राजा को उत्तर दिया, ‘जो मेरा है, वह आपका है : मैं, मेरी सेना, मेरे रथ।’


पर रहबआम ने धर्मवृद्धों की सलाह, जो उन्‍होंने उसे दी थी, अस्‍वीकार कर दी। तब उसने उन युवकों से विचार-विमर्श किया, जो उसके साथ बड़े हुए थे और उसकी परिचर्या करते थे।


तब द्रष्‍टा येहू बेन-हनानी उससे भेंट करने को निकला। उसने राजा से कहा, ‘महाराज, क्‍या आपको चाहिए था कि आप दुष्‍कर्मी की सहायता करें? आप प्रभु के प्रेम का तिरस्‍कार करने वालों से प्रेम करते हैं। महाराज, आपने ठीक नहीं किया। आपके इसी कार्य के कारण प्रभु का क्रोध आप पर भड़का।


जो कार्य प्रभु की दृष्‍टि में बुरा था, उसने वही किया। उसके पिता के मरने के बाद अहाब के राज-परिवार के लोग ही उसको सलाह देते थे। अत: उसका पतन हो गया।


मैं उन सब का साथी हूं जो तेरे भक्‍त हैं, जो तेरे आदेशों का पालन करते हैं।


जब इच्‍छा पूर्ण हो जाती है तब मनुष्‍य को उसका स्‍वाद मधुर लगता है। पर दुराचार के मार्ग को छोड़ना मूर्ख को घृणित लगता है।


मूर्ख मनुष्‍य का साथ छोड़ दे; उसकी संगति में तुझे ज्ञान की बातें नहीं मिलेंगी।


जो मनुष्‍य हितपूर्ण चेतावनियों पर ध्‍यान देता है, वह बुद्धिमानों के सत्‍संग में स्‍थान पाता है।


जिस मनुष्‍य का स्‍वभाव क्रोधी है, उससे मित्रता मत करना; तुरन्‍त नाराज होनेवाले मनुष्‍य के साथ मत रहना।


अन्‍यथा तुम भी उसका आचरण सीख जाओगे, और अपने प्राण को फंदे में फंसाओगे।


उसके घर का मार्ग अधोलोक को जाता है, वह अपने प्रेमी को कबर में ले जाती है।


तब तुझे समझ आ जाएगी और तू जीवित रहेगा, तू समझ के मार्ग पर चलेगा।’


जो प्रभु के प्रति श्रद्धा-भक्‍ति रखते थे, उन्‍होंने आपस में बात की। प्रभु ने ध्‍यान दिया, उनकी बात सुनी। उसके सम्‍मुख एक स्‍मरण-पुस्‍तिका लिखी गई। इसमें उन लोगों के नाम लिखे गए, जो प्रभु का चिंतन करते थे।


वे प्रेरितों की शिक्षा, सत्‍संग, रोटी तोड़ने एवं प्रार्थना में दत्तचित रहने लगे।


हमें इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि हम किस प्रकार प्रेम तथा परोपकार के लिए एक दूसरे को प्रोत्‍साहित कर सकते हैं।


मुझे स्‍वर्ग में से एक अन्‍य वाणी यह कहते सुनाई पड़ी, “मेरी प्रजा! महानगरी में से निकल जाओ! कहीं ऐसा न हो कि तुम उसके पापों में भागीदार और उसकी विपत्तियों के शिकार बनो!