प्रभु ने कहा, ‘मेरा आत्मा मनुष्य में सदा निवास न करेगा; क्योंकि मनुष्य शरीर मात्र है। उसका जीवनकाल एक सौ बीस वर्ष का होगा।’
नीतिवचन 1:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम मुझे पुकारोगे, पर मैं तुम्हें उत्तर नहीं दूंगी; तुम मुझे ढूंढ़ने में जमीन-आसमान एक कर दोगे, किन्तु मुझे नहीं पा सकोगे। पवित्र बाइबल “तब, वे मुझको पुकारेंगे किन्तु मैं कोई भी उत्तर नहीं दूँगी। वे मुझे ढूँढते फिरेगें किन्तु नहीं पायेंगे। Hindi Holy Bible उस समय वे मुझे पुकारेंगे, और मैं न सुनूंगी; वे मुझे यत्न से तो ढूंढ़ेंगे, परन्तु न पाएंगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस समय वे मुझे पुकारेंगे, और मैं न सुनूँगी; वे मुझे यत्न से तो ढूँढ़ेंगे, परन्तु न पाएँगे। नवीन हिंदी बाइबल उस समय वे मुझे पुकारेंगे, पर मैं न सुनूँगी; वे मुझे यत्न से ढूँढ़ेंगे, पर मुझे न पाएँगे। सरल हिन्दी बाइबल “उस समय उन्हें मेरा स्मरण आएगा, किंतु मैं उन्हें उत्तर न दूंगी; वे बड़े यत्नपूर्वक मुझे खोजेंगे, किंतु पाएंगे नहीं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उस समय वे मुझे पुकारेंगे, और मैं न सुनूँगी; वे मुझे यत्न से तो ढूँढ़ेंगे, परन्तु न पाएँगे। |
प्रभु ने कहा, ‘मेरा आत्मा मनुष्य में सदा निवास न करेगा; क्योंकि मनुष्य शरीर मात्र है। उसका जीवनकाल एक सौ बीस वर्ष का होगा।’
‘वे दुहाई देते हैं, किन्तु परमेश्वर उनको उत्तर नहीं देता; बुरे लोगों के अहंकार के कारण उनकी दुहाई व्यर्थ जाती है।
उन्होंने दुहाई दी, पर उन्हें बचाने वाला कोई नहीं था। उन्होंने प्रभु को पुकारा, पर प्रभु ने उन्हें उत्तर नहीं दिया।
मैंने उन्हें चूर-चूर कर दिया, जैसे पवन के सम्मुख धूल। मैंने उन्हें पथ की कीच के समान निकाल फेंका।
जो मुझसे प्रेम करते हैं, मैं उनसे प्रेम करती हूं; जो मुझे ढूंढ़ने में जमीन-आसमान एक कर देते हैं, वे मुझे पाते हैं।
मैं अपने प्रियतन के लिए द्वार खोल ही रही थी कि मेरा प्रियतम मुड़कर चला गया। जब उसने मुझे पुकारा तब मैं सुध-बुध खो बैठी थी। मैंने उसको पुकारा, परन्तु उसने उत्तर नहीं दिया।
जब तुम प्रार्थना करते समय मेरी ओर हाथ फैलाओगे तब मैं तुम्हारी ओर से अपनी आंखें फेर लूंगा। चाहे तुम एक के बाद एक, कितनी ही प्रार्थनाएँ क्यों न करो, मैं उन्हें नहीं सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से सने हैं।
अत: मैं-प्रभु यह कहता हूं: मैं उन पर ऐसी विपत्ति डालूंगा कि वे उस से बच कर भाग नहीं सकेंगे। वे मेरी दुहाई देंगे, पर मैं उनकी प्रार्थना नहीं सुनूंगा।
यद्यपि ये उपवास करते हैं, तो भी मैं इनकी दुहाई नहीं सुनूंगा। यद्यपि ये मुझे अग्नि-बलि और अन्न-बलि चढ़ाते हैं, तो भी मैं इन लोगों को स्वीकार नहीं करूंगा। मैं इन लोगों को तलवार से मौत के घाट उतार दूंगा, इनको अकाल और महामारी से मिटा दूंगा।’
अत: मैं उनसे क्रोधपूर्ण व्यवहार करूंगा। मैं उन पर दयादृष्टि नहीं करूंगा। मेरी आंखों से छिप कर वे भाग नहीं सकेंगे। वे ऊंचे स्वर से मुझे पुकारेंगे तो भी मैं उनकी दुहाई नहीं सुनूंगा।’
मैं जा रहा हूं, मैं अपने स्थान को लौट रहा हूं, जब तक वे अपना अपराध स्वीकार न करेंगे और मेरा दर्शन पाने का प्रयत्न न करेंगे; जब तक अपने संकट में मुझे नहीं ढूंढ़ेंगे, मैं उनसे विमुख रहूंगा।
वे अपने गाय-बैल, भेड़-बकरियों को लेकर प्रभु की खोज में निकलेंगे, पर वे उसे पा नहीं सकेंगे, क्योंकि प्रभु ने स्वयं को उनसे अलग कर लिया है।
वे एक सागर से दूसरे सागर को, उत्तर से पूर्व को जाएंगे, वे प्रभु के शब्द की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान को भटकेंगे, पर वे उसको न सुन सकेंगे।
संकट के समय, तुम प्रभु की दुहाई दोगे, पर वह तुम्हारी दुहाई का उत्तर नहीं देगा। उस समय वह तुमसे अपना मुंह छिपाएगा क्योंकि तुमने दुष्कर्म किए हैं।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, “जब मैंने उन्हें पुकारा, तब उन्होंने मेरी आवाज नहीं सुनी। अत: मैंने भी उनकी पुकार नहीं सुनी, जब उन्होंने मुझे पुकारा।
तुम लौटे थे। तुम प्रभु के सम्मुख रोए थे। परन्तु प्रभु ने तुम्हारी बात नहीं सुनी, और न तुम्हारी ओर ध्यान ही दिया।
जब आप मांगते भी हैं, तो इसलिए नहीं पाते कि अच्छी तरह प्रार्थना नहीं करते। आप अपनी वासनाओं की तृप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
उस दिन तुम अपने राजा के कारण, जिसे तुमने अपने लिए चुना है, दुहाई दोगे! किन्तु प्रभु, उस दिन तुम्हें उत्तर नहीं देगा।’