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नीतिवचन 1:28 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

28 उस समय वे मुझे पुकारेंगे, और मैं न सुनूँगी; वे मुझे यत्न से तो ढूँढ़ेंगे, परन्तु न पाएँगे।

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पवित्र बाइबल

28 “तब, वे मुझको पुकारेंगे किन्तु मैं कोई भी उत्तर नहीं दूँगी। वे मुझे ढूँढते फिरेगें किन्तु नहीं पायेंगे।

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Hindi Holy Bible

28 उस समय वे मुझे पुकारेंगे, और मैं न सुनूंगी; वे मुझे यत्न से तो ढूंढ़ेंगे, परन्तु न पाएंगे।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

28 तुम मुझे पुकारोगे, पर मैं तुम्‍हें उत्तर नहीं दूंगी; तुम मुझे ढूंढ़ने में जमीन-आसमान एक कर दोगे, किन्‍तु मुझे नहीं पा सकोगे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

28 उस समय वे मुझे पुकारेंगे, और मैं न सुनूँगी; वे मुझे यत्न से तो ढूँढ़ेंगे, परन्तु न पाएँगे।

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नवीन हिंदी बाइबल

28 उस समय वे मुझे पुकारेंगे, पर मैं न सुनूँगी; वे मुझे यत्‍न से ढूँढ़ेंगे, पर मुझे न पाएँगे।

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नीतिवचन 1:28
26 क्रॉस रेफरेंस  

वे उस समय यहोवा की दुहाई देंगे, परन्तु वह उनकी न सुनेगा, वरन् उस समय वह उनके बुरे कामों के कारण उनसे मुँह मोड़ लेगा।


तुम माँगते हो और पाते नहीं, इसलिए कि बुरी इच्छा से माँगते हो, ताकि अपने भोग-विलास में उड़ा दो।


सेनाओं के यहोवा का यही वचन है, “जैसे मेरे पुकारने पर उन्होंने नहीं सुना, वैसे ही उनके पुकारने पर मैं भी न सुनूँगा;


इसलिए यहोवा यह कहता है, देख, मैं इन पर ऐसी विपत्ति डालने पर हूँ जिससे ये बच न सकेंगे; और चाहे ये मेरी दुहाई दें तो भी मैं इनकी न सुनूँगा।


जब तुम मेरी ओर हाथ फैलाओ, तब मैं तुम से मुख फेर लूँगा; तुम कितनी ही प्रार्थना क्यों न करो, तो भी मैं तुम्हारी न सुनूँगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से भरे हैं। (नीति. 1:28, मीका 3:4)


जब वह संकट में पड़े, तब क्या परमेश्वर उसकी दुहाई सुनेगा?


चाहे वे उपवास भी करें, तो भी मैं इनकी दुहाई न सुनूँगा, और चाहे वे होमबलि और अन्नबलि चढ़ाएँ, तो भी मैं उनसे प्रसन्न न होऊँगा; मैं तलवार, अकाल और मरी के द्वारा इनका अन्त कर डालूँगा।” (यहे. 8:18)


उन्होंने दुहाई तो दी परन्तु उन्हें कोई बचानेवाला न मिला, उन्होंने यहोवा की भी दुहाई दी, परन्तु उसने भी उनको उत्तर न दिया।


इसलिए मैं भी जलजलाहट के साथ काम करूँगा, न मैं दया करूँगा और न मैं कोमलता करूँगा; और चाहे वे मेरे कानों में ऊँचे शब्द से पुकारें, तो भी मैं उनकी बात न सुनूँगा।”


वे दुहाई देते हैं परन्तु कोई उत्तर नहीं देता, यह बुरे लोगों के घमण्ड के कारण होता है।


और उस दिन तुम अपने उस चुने हुए राजा के कारण दुहाई दोगे, परन्तु यहोवा उस समय तुम्हारी न सुनेगा।”


जो मुझसे प्रेम रखते हैं, उनसे मैं भी प्रेम रखती हूँ, और जो मुझ को यत्न से तड़के उठकर खोजते हैं, वे मुझे पाते हैं।


तब यहोवा ने कहा, “मेरा आत्मा मनुष्य में सदा के लिए निवास न करेगा, क्योंकि मनुष्य भी शरीर ही है; उसकी आयु एक सौ बीस वर्ष की होगी।”


जब तक वे अपने को अपराधी मानकर मेरे दर्शन के खोजी न होंगे तब तक मैं अपने स्थान को न लौटूँगा, और जब वे संकट में पड़ेंगे, तब जी लगाकर मुझे ढूँढ़ने लगेंगे।


यदि मैं मन में अनर्थ की बात सोचता, तो प्रभु मेरी न सुनता। (यूह. 9:31, नीति. 15:29)


यहोवा दुष्टों से दूर रहता है, परन्तु धर्मियों की प्रार्थना सुनता है। (यूह. 9:31)


मैंने अपने प्रेमी के लिये द्वार तो खोला परन्तु मेरा प्रेमी मुड़कर चला गया था। जब वह बोल रहा था, तब मेरा प्राण घबरा गया था मैंने उसको ढूँढ़ा, परन्तु न पाया; मैंने उसको पुकारा, परन्तु उसने कुछ उत्तर न दिया।


वे अपनी भेड़-बकरियाँ और गाय-बैल लेकर यहोवा को ढूँढ़ने चलेंगे, परन्तु वह उनको न मिलेगा; क्योंकि वह उनसे दूर हो गया है।


तब तुम लौटकर यहोवा के सामने रोने लगे; परन्तु यहोवा ने तुम्हारी न सुनी, न तुम्हारी बातों पर कान लगाया।


तब मैंने उनको कूट कूटकर पवन से उड़ाई हुई धूल के समान कर दिया; मैंने उनको मार्ग के कीचड़ के समान निकाल फेंका।


और लोग यहोवा के वचन की खोज में समुद्र से समुद्र तक और उत्तर से पूरब तक मारे-मारे फिरेंगे, परन्तु उसको न पाएँगे।


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