प्रभु ने मनश्शे और उसकी जनता को अपने नबियों के माध्यम से समझाया; किन्तु उन्होंने प्रभु की बात नहीं सुनी।
नीतिवचन 1:25 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुमने मेरी सलाह की उपेक्षा की, और मेरी चेतावनी को अनसुना किया। पवित्र बाइबल तुमने मेरी सब सम्मत्तियाँ उपेक्षित कीं और मेरी फटकार कभी नहीं स्वीकारीं! Hindi Holy Bible वरन तुम ने मेरी सारी सम्मति को अनसुनी किया, और मेरी ताड़ना का मूल्य न जाना; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वरन् तुम ने मेरी सारी सम्मति को अनसुनी किया, और मेरी ताड़ना का मूल्य न जाना; नवीन हिंदी बाइबल बल्कि तुमने मेरी हर सम्मति को अनसुना किया, और मेरी ताड़ना को न चाहा; सरल हिन्दी बाइबल मेरे सभी परामर्शों की तुमने उपेक्षा की और मेरी किसी भी ताड़ना का तुम पर प्रभाव न पड़ा है, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वरन् तुम ने मेरी सारी सम्मति को अनसुना किया, और मेरी ताड़ना का मूल्य न जाना; |
प्रभु ने मनश्शे और उसकी जनता को अपने नबियों के माध्यम से समझाया; किन्तु उन्होंने प्रभु की बात नहीं सुनी।
किन्तु वे परमेश्वर के सन्देश-वाहकों का मजाक उड़ाते रहे। उन्होंने परमेश्वर के सन्देश को तुच्छ समझा; उसके नबियों की हंसी की। तब अन्त में प्रभु की क्रोधाग्नि अपने निज लोगों पर भड़क उठी; और उसको बुझाने का किसी में सामर्थ्य न था: कोई इलाज न रह गया।
क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के वचनों के प्रति विद्रोह किया, और सर्वोच्च प्रभु के परामर्श को तुच्छ समझा था।
जो मनुष्य शिक्षा से प्रेम करता है, वह ज्ञान-प्रिय भी होता है; पर जो डांट-फटकार से घृणा करता है, वह पशु के समान नासमझ है।
जो मनुष्य पथभ्रष्ट हो जाता है, वह कठोर दण्ड पाता है; डांट-डपट की उपेक्षा करनेवाला मनुष्य समय से पहले मर जाता है।
अत: मैं, इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु परमेश्वर, यों कहता हूं : जिन विपत्तियों की घोषणा मैंने की थी, वे सब मैं यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों पर ला रहा हूं। मैंने इन लोगों को अपना सन्देश सुनाया था, लेकिन इन्होंने नहीं सुना। मैंने इन को पुकारा, किन्तु इन्होंने मेरी पुकार का उत्तर नहीं दिया।’
परन्तु फरीसियों और व्यवस्था के आचार्यों ने उनका बपतिस्मा ग्रहण नहीं कर अपने विषय में परमेश्वर की योजना व्यर्थ कर दी।
तुम लौटे थे। तुम प्रभु के सम्मुख रोए थे। परन्तु प्रभु ने तुम्हारी बात नहीं सुनी, और न तुम्हारी ओर ध्यान ही दिया।
उस दिन तुम अपने राजा के कारण, जिसे तुमने अपने लिए चुना है, दुहाई दोगे! किन्तु प्रभु, उस दिन तुम्हें उत्तर नहीं देगा।’