जो अपने मुंह से पर-निन्दा नहीं करता, जो अपने साथी के साथ बुराई नहीं करता, जो अपने पड़ोसी के विषय में अपवाद नहीं फैलाता है;
निर्गमन 20:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘तू अपने पड़ोसी के विरुद्ध झूठी साक्षी न देना। पवित्र बाइबल “तुम्हें अपने पड़ोसियों के विरुद्ध झूठी गवाही नहीं देनी चाहिए। Hindi Holy Bible तू किसी के विरुद्ध झूठी साक्षी न देना॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “तू किसी के विरुद्ध झूठी साक्षी न देना। नवीन हिंदी बाइबल “तू किसी के विरुद्ध झूठी गवाही न देना। सरल हिन्दी बाइबल तुम अपने पड़ोसी के विरुद्ध झूठी गवाही नहीं देना. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “तू किसी के विरुद्ध झूठी साक्षी न देना। |
जो अपने मुंह से पर-निन्दा नहीं करता, जो अपने साथी के साथ बुराई नहीं करता, जो अपने पड़ोसी के विषय में अपवाद नहीं फैलाता है;
जो मनुष्य घृणा को मन में छिपाकर रखता है, उसके ओंठों से झूठ निकलता है; निन्दा करनेवाला मनुष्य वास्तव में मूर्ख होता है।
जो चुगलखोर इधर-उधर चुगली खाता है, वह भेद की बात को पचा नहीं सकता; परन्तु जो मनुष्य हृदय से विश्वासयोग्य है, वह भेद की बात को छिपा कर रखता है।
जो मनुष्य अपने पड़ोसी के विरुद्ध झूठी साक्षी देता है, वह मानो गदा, या तलवार या पैना तीर है।
तुम निन्दक के समान अपने लोगों में यहां-वहां निन्दा मत फैलाना, और न अपने पड़ोसी की हत्या के उदेश्य से घात लगाना। मैं प्रभु हूँ।
तुम अपने जाति-भाई-बहिनों से प्रतिशोध न लेना, और न उनके प्रति शत्रुता रखना, वरन् अपने पड़ोसी को अपने ही समान प्रेम करना। मैं प्रभु हूँ।
उसने पूछा, “कौन-सी आज्ञाएँ?” येशु ने कहा, “हत्या मत करो; व्यभिचार मत करो; चोरी मत करो; झूठी गवाही मत दो;
सिपाहियों ने भी उन से पूछा, “और हम? हमें क्या करना चाहिए?” वह उनसे बोले, “किसी को डरा-धमका कर अथवा उस पर झूठा दोष लगा कर उससे रुपया-पैसा मत वसूलो और अपने वेतन से सन्तुष्ट रहो।”
वहां उन्होंने झूठे गवाहों को खड़ा किया, जो बोले, “यह व्यक्ति सदा इस पवित्र मन्दिर तथा मूसा की व्यवस्था की निन्दा करता है।
आप लोग सब प्रकार की कटुता, उत्तेजना, क्रोध, लड़ाई-झगड़ा, परनिन्दा और हर तरह की बुराई अपने बीच में से दूर करें।
व्यभिचारियों और पुरुषगामियों, मानव-विक्रेताओं, असत्य-वादियों, झूठी शपथ खानेवालों और उन सब मनुष्यों के लिए जो उस हितकारी शिक्षा का विरोध करते हैं,
भाइयो और बहिनो! आप एक दूसरे की निन्दा नहीं करें। जो अपने भाई अथवा बहिन की निन्दा करता या अपने भाई अथवा बहिन का न्याय करता है, वह व्यवस्था की निन्दा और व्यवस्था का न्याय करता है। यदि आप व्यवस्था का न्याय करते हैं, तो आप व्यवस्था के पालक नहीं, बल्कि न्यायकर्ता बन बैठते हैं।