उसके अद्भुत कार्यों को, जो उसने किए हैं, उसके चमत्कारों को, उसके मुंह से निकले न्याय-सिद्धान्तों को स्मरण करो,
निर्गमन 16:32 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मूसा ने कहा, ‘जो आज्ञा प्रभु ने दी है, वह यह है : एक ओमेर माप “मन्ना” तुम्हारी पीढ़ी से पीढ़ी तक सुरक्षित रखा जाए जिससे वे उस भोजन को देखें जिसे मैंने तुम्हें निर्जन प्रदेश में खिलाया था, जब मैं तुम्हें मिस्र देश से निकालकर लाया।’ पवित्र बाइबल तब मूसा ने कहा, “यहोवा ने आदेश दिया कि, ‘इस भोजन का आठ प्याले भर अपने वंशजों के लिए बचाना। तब वे उस भोजन को देख सकेंगे जिसे मैंने तुम लोगों को मरुभूमि में तब दिया था जब मैंने तुम लोगों को मिस्र से निकाला था।’” Hindi Holy Bible फिर मूसा ने कहा, यहोवा ने जो आज्ञा दी वह यह है, कि इस में से ओमेर भर अपने वंश की पीढ़ी पीढ़ी के लिये रख छोड़ो, जिससे वे जानें कि यहोवा हम को मिस्र देश से निकाल कर जंगल में कैसी रोटी खिलाता था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर मूसा ने कहा, “यहोवा ने जो आज्ञा दी वह यह है कि इसमें से ओमेर भर अपने वंश की पीढ़ी पीढ़ी के लिये रख छोड़ो, जिससे वे जानें कि यहोवा हमको मिस्र देश से निकालकर जंगल में कैसी रोटी खिलाता था।” नवीन हिंदी बाइबल फिर मूसा ने कहा, “यहोवा ने यह आज्ञा दी है, ‘इसमें से एक ओमेर मन्ना अपने वंशजों के लिए बचाकर रखो, जिससे कि वे इस रोटी को देख लें जो मैंने तुम्हें मिस्र देश से निकालकर लाते समय जंगल में खिलाई थी।’ ” सरल हिन्दी बाइबल फिर मोशेह ने उनसे कहा, “याहवेह की यह आज्ञा है: ‘पीढ़ी से पीढ़ी तक सबको यह बताने और दिखाने के लिए एक ओमेर माप मन्ना रख लो ताकि तुम उनको बता सको कि जब मैं ने तुम्हें मिस्र देश से निकालकर लाया तब निर्जन देश में यही खाना खिलाया था.’ ” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर मूसा ने कहा, “यहोवा ने जो आज्ञा दी वह यह है, कि इसमें से ओमेर भर अपने वंश की पीढ़ी-पीढ़ी के लिये रख छोड़ो, जिससे वे जानें कि यहोवा हमको मिस्र देश से निकालकर जंगल में कैसी रोटी खिलाता था।” |
उसके अद्भुत कार्यों को, जो उसने किए हैं, उसके चमत्कारों को, उसके मुंह से निकले न्याय-सिद्धान्तों को स्मरण करो,
जो आज्ञा प्रभु ने दी, वह यह है, “प्रत्येक व्यक्ति अपनी खुराक के अनुसार उसे एकत्र करेगा। प्रत्येक व्यक्ति अपने तम्बू में रहने वाले मनुष्यों की गिनती के अनुसार व्यक्ति पीछे एक-एक ओमेर लेगा।” ’
इस्राएल के वंशजों ने उस भोजन वस्तु का नाम ‘मन्ना’ रखा। वह धनिये के बीज के समान सफेद था। उसका स्वाद शहद से बने पुओं के सदृश था।
मूसा ने हारून से कहा, ‘तुम एक घड़ा लो। उसमें एक ओमेर भर “मन्ना” डालो। उसे प्रभु के सम्मुख रखो जिससे वह तुम्हारी पीढ़ी से पीढ़ी तक सुरक्षित रहे।’
किन्तु मैंने उनको यह आज्ञा दी थी: “मेरी वाणी को सुनोगे तो मैं तुम्हारा परमेश्वर होऊंगा, और तुम मेरे निज लोग होगे। जिस मार्ग पर चलने का मैंने तुम्हें आदेश दिया है, उस पर चलते रहोगे तो तुम्हारा कल्याण होगा।”
मैंने ही करुणा की डोरी से, प्रेम के बंधन से उसको अपने पास खींचा था। मैंने ही उसकी गरदन के जूए को हलका किया था, मैंने ही झुककर उसको खिलाया था।
येशु ने रोटी ली और धन्यवाद की प्रार्थना करने के बाद उसे तोड़ा और यह कहते हुए शिष्यों को दिया, “यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिए दी जा रही है। यह मेरी स्मृति में किया करो”।
इसलिए हमें जो सन्देश मिला है, उस पर अच्छी तरह ध्यान देना चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि हम मार्ग से भटक जायें।
वहाँ धूपदान की स्वर्णमय वेदी और विधान की स्वर्ण से मढ़ी हुई मंजूषा थी। मंजूषा में “मन्ना” से भरा हुआ स्वर्णमय पात्र था, हारून की छड़ी थी, जो पल्लवित हो उठी थी, और विधान की शिला-पट्टियां थीं