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नहेम्याह 8:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

फिर उसने उनसे कहा, ‘अब जाओ, अच्‍छे से अच्‍छा भोजन खाओ, और मधु तथा मीठा रस पीओ। उन गरीबों को भोजन खिलाओ, जिनके घर में चूल्‍हा भी नहीं जलता है, क्‍योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिए पवित्र है। उदास मत हो; क्‍योंकि प्रभु का आनन्‍द तुम्‍हारी शक्‍ति है।’

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पवित्र बाइबल

नहेमायाह ने कहा, “जाओ, और जाकर उत्तम भोजन और शर्बत का आनन्द लो। और थोड़ा खाना और शर्बत उन लोगों को भी दो जो कोई खाना नहीं बनाते हैं। आज यहोवा का विशेष दिन है। दु:खी मत रहो! क्यों? क्योंकि परमेश्वर का आनन्द तुम्हें सुदृढ़ बनायेगा।”

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Hindi Holy Bible

फिर उसने उन से कहा, कि जा कर चिकना चिकना भोजन करो और मीठा मीठा रस पियो, और जिनके लिये कुछ तैयार नहीं हुआ उनके पास बैना भेजो; क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

फिर उसने उनसे कहा, “जाकर चिकना चिकना भोजन करो और मीठा मीठा रस पियो, और जिनके लिये कुछ तैयार नहीं हुआ उनके पास भोजन सामग्री भेजो; क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है।”

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सरल हिन्दी बाइबल

नेहेमियाह ने उन्हें आदेश दिया “जाइए, अच्छा-अच्छा भोजन कीजिए, मीठा-मीठा रस पीजिए और कुछ भाग उसे भी दे दीजिए, जिसके पास यह सब तैयार किया हुआ नहीं है; क्योंकि यह दिन हमारे याहवेह के सामने पवित्र है. दुःखी न रहिए; क्योंकि याहवेह के दिए हुए आनंद में ही आपका बल है.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

फिर उसने उनसे कहा, “जाकर चिकना-चिकना भोजन करो और मीठा-मीठा रस पियो, और जिनके लिये कुछ तैयार नहीं हुआ उनके पास भोजन सामग्री भेजो; क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है।”

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नहेम्याह 8:10
32 क्रॉस रेफरेंस  

उसने आठवें दिन लोगों को विदा किया। लोगों ने राजा के लिए शुभ कामना प्रकट की और अपने-अपने घर को लौट गए। उनके हृदय आनन्‍द और हर्ष से भरे हुए थे कि प्रभु ने अपने सेवक दाऊद और अपने निज लोग इस्राएलियों के लिए कितने भले कार्य किये हैं।


उसके सम्‍मुख यश और प्रताप हैं; उसके निवास-स्‍थान में शक्‍ति और सुख- आनन्‍द हैं।


उपपुरोहितों ने यह कहकर लोगों को चुप कराया, ‘शान्‍त रहो, उदास मत हो, क्‍योंकि आज का दिन पवित्र है।’


अत: लोग घर लौट गए। उन्‍होंने खाया-पीया, और गरीब लोगों को भोजन खिलाया। यों उन्‍होंने बड़ा आनन्‍द मनाया; क्‍योंकि जो बात उनसे कही गई थी, उसको उन्‍होंने समझ लिया था।


इसलिए गांवों में रहने वाले यहूदी, जो बिना शहरपनाह के कस्‍बों में रहते हैं, अदार महीने के चौदहवें दिन को आनन्‍द, भोज, और छुट्टी का दिन मानते हैं। वे इस दिन अपने सर्वोत्तम भोजन का कुछ अंश एक-दूसरे को भेजते हैं।


क्‍योंकि इन दिवसों पर यहूदियों ने अपने शत्रुओं से छुटकारा पाकर चैन की सांस ली थी। इस महीने में उनका दु:ख, सुख में; और उनका शोक, हर्ष में बदल गया था। अत: यहूदियों को चाहिए कि वे इन दिनों को सामूहिक भोज और आनन्‍द-उत्‍सव के दिन मानें। वे इन दिनों में अपने सर्वोत्तम भोजन का कुछ अंश एक-दूसरे को भेजें तथा गरीबों को दान दें।


इस्राएली अपने निर्माता में आनन्‍दित हों! सियोन की जनता अपने राजा प्रभु में मगन हो!


तू ही उनकी शक्‍ति की शोभा है; तेरी कृपा से हमारा मस्‍तक ऊंचा होता है।


आनन्‍दित रहनेवाला हृदय उत्तम दवा है। निराश मन हड्डियों को भी सुखा देती है।


सात, नहीं आठ व्यक्‍तियों को भाग दो, क्‍योंकि तू नहीं जानता, कि इस पृथ्‍वी में कब तुझपर विपत्ति आ पड़े।


मनुष्‍य के लिए इससे अधिक अच्‍छी बात और कोई नहीं कि वह खाए-पीए और आनन्‍द के साथ परिश्रम करे। किन्‍तु मैंने देखा है कि यह भी परमेश्‍वर के हाथ से प्राप्‍त होता है।


वस्‍तुत: यह परमेश्‍वर का वरदान है कि प्रत्‍येक मनुष्‍य भरपेट खाए-पीए और आनन्‍दपूर्वक परिश्रम करे।


देखो, जो भली बात मैंने अनुभव की, और जो उचित भी है, वह यह है : “मनुष्‍य परमेश्‍वर द्वारा दिए गए अपने अल्‍पकाल के जीवन में सूर्य के नीचे धरती पर आनन्‍दपूर्वक परिश्रम करे, खाए और पीए, क्‍योंकि यही उसकी नियति है।”


अपने घर जाओ, आनन्‍द से रोटी खाओ, और हृदय की उमंग से अंगूर-रस पीओ, क्‍योंकि जो तुम करते हो, उसको परमेश्‍वर पहले से अपनी स्‍वीकृति दे चुका है।


‘ओ मेरी संगिनी, ओ मेरी दुलहन! मैं अपने उद्यान में आया हूं। मैंने अपना गन्‍धरस और बलसान चुन लिया। मैंने मधु छत्ते से टपकता मधु खाया। मैंने दूध के साथ अंगूर-रस पिया।’ ओ प्रेमियो, छककर पियो।’


इस प्रभु ने मेरी मां के गर्भ से ही मुझे अपने सेवक के रूप में गढ़ा है ताकि मैं याकूब-वंश को प्रभु के पास लौटाकर लाऊं, विसर्जित इस्राएल को उसके पास एकत्र करूं, वह अब मुझसे कहता है− क्‍योंकि मैं प्रभु की दृष्‍टि में आदर का पात्र हूं; क्‍योंकि मेरा परमेश्‍वर मेरा बल है।


मैं प्रभु में अति आनन्‍दित हूं, मेरा प्राण परमेश्‍वर में उल्‍लसित है। जैसे दूल्‍हा पुष्‍पहार से स्‍वयं को सजाता है, जैसे दुल्‍हिन आभूषणों से अपना श्रृंगार करती है, वैसे ही प्रभु ने उद्धार के वस्‍त्र मुझे पहिनाए, और धार्मिकता की चादर मुझे ओढ़ाई।


‘ओ सियोन के निवासियो, प्रसन्न हो; अपने प्रभु परमेश्‍वर में आनन्‍द मनाओ। मैंने धार्मिकता के लिए तुम्‍हें एक गुरु प्रदान किया है। फिर, मैंने तुम्‍हारे लिए अपार वर्षा की है। पहले के समान मैंने शरदकालीन और वसंतकालीन वर्षा की है।


यरूशलेम और यहूदा प्रदेश की सब हंडियां स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु के लिए पवित्र होंगी। जब पशु-बलि चढ़ाने वाले आराधक प्रभु के भवन में आएंगे, तब वे स्‍वयं हंडियां लेंगे और बलि-पशु का मांस उनमें पकाएंगे। उस दिन से स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु के भवन में कोई भी व्‍यापारी नहीं होगा।


जो भीतर है, उसमें से दान कर दो, और देखो, सब कुछ तुम्‍हारे लिए शुद्ध हो जाएगा।


कष्‍टों की अग्‍निपरीक्षा में भी उनका आनन्‍द अपार रहा और घोर दरिद्रता की दशा में रहते हुए भी उन्‍होंने बड़ी उदारता का परिचय दिया है।


हालाँकि मैं भी बाह्य प्रथाओं पर गर्व कर सकता हूँ। यदि कोई यह समझता है कि वह बाह्य प्रथाओं पर गर्व कर सकता है, तो मैं और भी ऐसा कर सकता हूँ।


पृथ्‍वी के निवासी इनके कारण उल्‍लसित हो कर आनन्‍द मनायेंगे और एक दूसरे को उपहार देंगे, क्‍योंकि ये दो नबी पृथ्‍वी के निवासियों को सताया करते थे।


आप अपने सेवकों से पूछिए। वे आपको यह बात बताएंगे। अत: आप मेरे सैनिकों पर कृपा-दृष्‍टि कीजिए। ये आनन्‍द के पर्व पर आए हैं। जो भी आपके पास है, वह आप हमें, अपने सेवकों को, और अपने पुत्र-तुल्‍य दाऊद को दे दीजिए।” ’