फरओ का चषक मेरे हाथ में था। मैंने अंगूर लेकर उन्हें फरओ के चषक में निचोड़ा और उसे फरओ के हाथ में दिया।’
नहेम्याह 2:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं सम्राट अर्तक्षत्र का साकी था। सम्राट अर्तक्षत्र के शासन-काल के बीसवें वर्ष के नीसान महीने की बात है: शराब सम्राट के सम्मुख थी। मैंने शराब का चषक उठाकर उसको दिया। अब तक मैं उसके सम्मुख कभी उदास-मुख नहीं हुआ था। पवित्र बाइबल राजा अर्तक्षत्र के बीसवें वर्ष के नीसान नाम के महीने में राजा के लिये थोड़ी दाखमधु लाई गयी। मैंने उस दाखमधु को लिया और राजा को दे दिया। मैं जब पहले राजा के साथ था तो दु:खी नहीं हुआ था किन्तु अब मैं उदास था। Hindi Holy Bible अर्तक्षत्र राजा के बीसवें वर्ष के नीसान नाम महीने में, जब उसके साम्हने दाखमधु था, तब मैं ने दाखमधु उठा कर राजा को दिया। इस से पहिले मैं उसके साम्हने कभी उदास न हुआ था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अर्तक्षत्र राजा के बीसवें वर्ष के नीसान नामक महीने में, जब उसके सामने दाखमधु था, तब मैं ने दाखमधु उठाकर राजा को दिया। इस से पहले मैं उसके सामने कभी उदास न हुआ था। सरल हिन्दी बाइबल राजा अर्तहषस्ता के शासनकाल के बीसवें वर्ष में निसान माह में जब राजा के सामने दाखमधु रखी हुई थी, मैंने उन्हें दाखमधु परोस दी. इसके पहले उनके सामने मैं दुःखी होकर कभी नहीं गया था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अर्तक्षत्र राजा के बीसवें वर्ष के नीसान नामक महीने में, जब उसके सामने दाखमधु था, तब मैंने दाखमधु उठाकर राजा को दिया। इससे पहले मैं उसके सामने कभी उदास न हुआ था। |
फरओ का चषक मेरे हाथ में था। मैंने अंगूर लेकर उन्हें फरओ के चषक में निचोड़ा और उसे फरओ के हाथ में दिया।’
फारस के सम्राट अर्तक्षत्र प्रथम के शासन-काल में बिशलाम, मित्रदात और ताबेल तथा उनके सहयोगियों ने राजा अर्तक्षत्र को अभियोग-पत्र लिखा। पत्र अरामी भाषा में था, और उसकी लिपि भी अरामी थी।
इन घटनाओं के पश्चात् फारस के सम्राट अर्तक्षत्र के शासन-काल में एज्रा नामक व्यक्ति बेबीलोन देश से यरूशलेम नगर को गया। एज्रा की वंशावली इस प्रकार है : वह सरायाह का पुत्र और अजर्याह का पौत्र था। अजर्याह हिल्कियाह का पुत्र था, और
एज्रा के अतिरिक्त कुछ इस्राएली, कुछ पुरोहित और उप-पुरोहित, गायक, द्वारपाल और मन्दिर-सेवक भी सम्राट अर्तक्षत्र के राज्य-काल के सातवें वर्ष में बेबीलोन से यरूशलेम नगर को गए।
नहेम्याह बेन-हकल्याह का आत्म-चरित्र : मैं बीसवें वर्ष के किसलेव महीने में राजधानी शूशनगढ़ में था।
हे प्रभु, अपने इस सेवक की प्रार्थना पर, अपने इन सेवकों की विनती पर ध्यान दे; क्योंकि ये प्रसन्नतापूर्वक तेरे नाम की आराधना करते हैं। आज अपने सेवक को सफलता प्रदान कर, ताकि सम्राट अर्तक्षत्र मुझ पर कृपादृष्टि करे।’
सम्राट क्षयर्ष के शासन-काल के बारहवें वर्ष के प्रथम महीने में, अर्थात् नीसान महीने में, हामान ने अपने सम्मुख ‘पूर’ − जिसका अर्थ है ‘चिट्ठी’ − प्रत्येक दिन तथा प्रत्येक महीने के नाम पर निकलवायी। शकुन विचार करने वालों ने चिट्ठी डाली तो वह बारहवें महीने−अदार के नाम पर और उसके तेरहवें दिन पर निकली।
दानिएल, इसलिए तू यह बात जान और इसको समझ कि जिस क्षण यरूशलेम नगर के पुनर्निर्माण और उसको पुन: बसाने की आज्ञा प्रसारित की जाएगी, उस समय से लेकर ‘अभिषिक्त’, जो “नेता’ भी है, के आगमन के समय तक वर्षों के सात सप्ताह होंगे। तब वर्षों के बासठ सप्ताहों तक संकट काल आएगा। इस संकट-काल में नगर पुन: निर्मित होगा। उसके चौक पुन: बनेंगे और खाई फिर खोदी जाएगी।