7 एज्रा के अतिरिक्त कुछ इस्राएली, कुछ पुरोहित और उप-पुरोहित, गायक, द्वारपाल और मन्दिर-सेवक भी सम्राट अर्तक्षत्र के राज्य-काल के सातवें वर्ष में बेबीलोन से यरूशलेम नगर को गए।
7 इस्राएल के बहुत से लोग एज्रा के साथ आए। वे याजक लेवीवंशी, गायक, द्वारपाल और मन्दिर के सेवक थे। इस्राएल के वे लोग अर्तक्षत्र के शासनकाल के सातवें वर्ष यरूशलेम आए।
नबी हग्गय तथा जकर्याह बेन-इद्दो की उत्साहवर्धक नबूवत से प्रेरणा प्राप्त कर यहूदी समाज के धर्मवृद्धों ने प्रभु का भवन बनाया, और यों वे अपने कार्य में सफल हुए। उन्होंने इस्राएली कौम के परमेश्वर की आज्ञा से तथा फारस देश के सम्राट कुस्रू, दारा और अर्तक्षत्र के आदेशों के अनुसार प्रभु के भवन का निर्माण-कार्य पूरा किया।
‘हम तुम्हें यह भी सूचित करते हैं कि परमेश्वर के भवन के किसी भी पुरोहित, उप-पुरोहित, गायक, द्वारपाल, सेवक तथा अन्य नौकर-चाकरों पर किसी भी प्रकार का कर न लगाया जाये, और न ही उनसे राजकीय उपहार या चुंगी ली जाए।
जिन लोगों ने हस्ताक्षर नहीं किए थे, अर्थात् शेष पुरोहित, उपपुरोहित, मन्दिर के द्वारपाल, गायक और सेवक एवं वे सब पुरुष जिन्होंने उस देश के गैर-इस्राएली कौमों से स्वयं को अलग कर लिया था और परमेश्वर की व्यवस्था के प्रति निष्ठावान हो गए थे, तथा उनकी पत्नियां, पुत्र-पुत्रियां, जिन्हें बुद्धि और समझ थी,
मैं सम्राट अर्तक्षत्र का साकी था। सम्राट अर्तक्षत्र के शासन-काल के बीसवें वर्ष के नीसान महीने की बात है: शराब सम्राट के सम्मुख थी। मैंने शराब का चषक उठाकर उसको दिया। अब तक मैं उसके सम्मुख कभी उदास-मुख नहीं हुआ था।