दानिय्येल 5:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे शराब पीकर स्वर्ण, चांदी, पीतल, लोहे, लकड़ी और पाषाण की देवताओं की मूर्तियों की स्तुति करने लगे। पवित्र बाइबल दाखमधु पीते हुए वे अपने देवताओं की मूर्तियों की स्तुति कर रहे थे। उन्होंने उन देवताओं की स्तुति की जो देवता सोने, चाँदी, काँसे, लोहे, लकड़ी और पत्थर के मूर्ति मात्र थे। Hindi Holy Bible वे दाखमधु पी पीकर सोने, चान्दी, पीतल, लोहे, काठ और पत्थर के देवताओं की स्तुति कर ही रहे थे, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वे दाखमधु पी पीकर सोने, चाँदी, पीतल, लोहे, काठ और पत्थर के देवताओं की स्तुति कर ही रहे थे, सरल हिन्दी बाइबल वे दाखमधु पीकर सोने और चांदी, कांसा, लोहा, लकड़ी और पत्थर के देवताओं की स्तुति करने लगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वे दाखमधु पी पीकर सोने, चाँदी, पीतल, लोहे, काठ और पत्थर के देवताओं की स्तुति कर ही रहे थे, (हब. 2:19, भज. 135:15-18) |
जो गढ़ी हुई मूर्तियों को ईश्वर मानते हैं, और उन पर भरोसा करते हैं; जो ढली हुई मूर्तियों से यह कहते हैं “तुम ही हमारे देवी-देवता हो” , वे पीठ दिखाएंगे, वे पूर्णत: लज्जित होंगे।’
मैं प्रभु हूं, यही मेरा नाम है, मैं अपनी महिमा दूसरों को न दूंगा, जो स्तुति मुझे अर्पित की जाती है, वह मैं गढ़ी हुई मूर्तियों को नही दूंगा।
किन्तु दानिएल ने अपने हृदय में यह निश्चय किया कि वह राजा का न तो भोजन खाएगा और न शराब पीएगा जो राजा पीता है; और यों अपने को अशुद्ध नहीं करेगा। इसलिए उसने मुख्य खोजा अशपनज से निवेदन किया, “आप मुझे महाराज के आदेश से मुक्त रखें जिससे मैं अशुद्ध न होऊं।”
“अब मैं, नबूकदनेस्सर, स्वर्ग के राजा की स्तुति और महिमा करता हूं, उसके गुणों का गान करता हूं; क्योंकि उसके सब कार्य सच्चे, और प्रत्येक व्यवहार न्यायपूर्ण है। ‘जो मनुष्य घमण्ड से सिर ऊंचा करके चलता है, उसको वह नीचा कर सकता है।’
तुमने स्वर्ग में विराजमान अधिपति के प्रति अहंकार में सिर उठाया और उसके मन्दिर के पवित्र पात्र तुम्हारे सम्मुख प्रस्तुत किए गए, और तुमने, तुम्हारे सामन्तों ने, तुम्हारी रानियों और रखेलों ने उन पात्रों में शराब डाल कर पी। तुमने शराब पीकर चांदी-सोना, पीतल, लोहे, लकड़ी और पाषाण के देवताओं की मूर्तियों की स्तुति की, जो न तो देख सकती हैं, न सुन सकती हैं, और न कुछ समझती ही हैं। ओ बेलशस्सर! जिस परमेश्वर के हाथ में तुम्हारे प्राण हैं, जो तुम्हारे जीवन को अपने नियंत्रण में रखता है, उसका सम्मान तुमने नहीं किया।
कर्मचारियों ने आदेश का पालन किया। जो सोने-चांदी के पात्र यरूशलेम में परमेश्वर के मन्दिर से लूट लिए गए थे, उनको कर्मचारियों ने राजा बेलशस्सर के सामने पेश किया। तब राजा ने तथा उसके सामंतों, रानियों और रखेलों ने उन पात्रों में शराब डालकर पी।
उसी क्षण अनेक उंगलियां दिखाई दीं। ये मनुष्य के हाथ की उंगलियों के समान थीं। उन्होंने दीपाधार के सामने राजमन्दिर की दीवार पर, जो चूने से पुती हुई थी, कुछ लिखा। जब हाथ दीवार पर लिख रहा था तब राजा ने हथेली को देखा।
अत: तुम सबसे पहले अपने देश से निष्कासित होगे; पैर फैलाकर रंगरलियां मनानेवालो, तुम्हारी रंगरलियां समाप्त हो जाएंगी!
धिक्कार है तुझे! तू लकड़ी की प्रतिमा से कहता है “जाग!” तू गूंगे पत्थर से कहता है : “उठ!” क्या यह तुझे सिखा सकता है? यद्यपि उस पर सोना-चांदी मढ़ा है, तथापि उसमें प्राण कहाँ है?’
यदि हम परमेश्वर की संतान हैं, तो हमें यह नहीं समझना चाहिए कि परमात्मा सोने, चाँदी या पत्थर की मूर्ति के सदृश है, जो मनुष्य की कला तथा कल्पना की उपज है।