और उसने उनसे कहा कि वे इस रहस्य के सम्बन्ध में स्वर्गिक परमेश्वर से प्रार्थना कर उसकी दया प्राप्त करें ताकि बेबीलोन के सब दरबारी विद्वानों के साथ हम भी नष्ट न किए जाएं। दानिएल के साथियों ने ऐसा ही किया।
दानिय्येल 4:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “पवित्र प्रहरी ने यह आदेश दिया था कि तने को जड़ के साथ छोड़ दो। उसका यह अर्थ है : जिस समय आपको अनुभव हो जाएगा कि स्वर्ग में विराजमान परमेश्वर ही मानव-जाति पर राज्य करता है, उस समय ही आपका राज्य आपको प्राप्त हो जाएगा। पवित्र बाइबल “वृक्ष के तने और उसकी जड़ों को धरती में छोड़ देने को आदेश का अर्थ यह है—कि आपका साम्राज्य आपको वापस मिल जायेगा। किन्तु यह उसी समय होगा जब तुम यह जान जाओगे कि तुम्हारे राज्य पर परम प्रधान परमेश्वर का ही शासन है। Hindi Holy Bible और उस वृक्ष के ठूंठ को जड़ समेत छोड़ने की आज्ञा जो हुई है, इसका अर्थ यह है कि तेरा राज्य तेरे लिये बना रहेगा; और जब तू जान लेगा कि जगत का प्रभु स्वर्ग ही में है, तब तू फिर से राज्य करने पाएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस वृक्ष के ठूँठ को जड़ समेत छोड़ने की आज्ञा जो हुई है, इसका अर्थ यह है कि तेरा राज्य तेरे लिए बना रहेगा; और जब तू जान लेगा कि जगत का प्रभु स्वर्ग ही में है, तब तू फिर से राज्य करने पाएगा। सरल हिन्दी बाइबल पेड़ के ठूंठ को इसके जड़ों सहित छोड़ने की जो आज्ञा दी गई है, उसका अर्थ यह है कि आपको आपका राज्य लौटा दिया जाएगा, जब आप यह बात मान लेंगे कि स्वर्ग ही शासन करता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उस वृक्ष के ठूँठे को जड़ समेत छोड़ने की आज्ञा जो हुई है, इसका अर्थ यह है कि तेरा राज्य तेरे लिये बना रहेगा; और जब तू जान लेगा कि जगत का प्रभु स्वर्ग ही में है, तब तू फिर से राज्य करने पाएगा। |
और उसने उनसे कहा कि वे इस रहस्य के सम्बन्ध में स्वर्गिक परमेश्वर से प्रार्थना कर उसकी दया प्राप्त करें ताकि बेबीलोन के सब दरबारी विद्वानों के साथ हम भी नष्ट न किए जाएं। दानिएल के साथियों ने ऐसा ही किया।
और रात के समय दर्शन के माध्यम से दानिएल पर रहस्य प्रकट किया गया। दानिएल से स्वर्गिक परमेश्वर को धन्यवाद दिया।
“महाराज, राजाओं के राजा, आपको स्वर्ग में विराजमान परमेश्वर ने यह राज्य, पराक्रम, सामर्थ्य और महिमा प्रदान की है।
किन्तु भूमि पर उसके तने को छोड़ दो, और उसकी जड़ मत उखाड़ो। तने को लोहे और पीतल की जंजीर से बांधो, और उसको मैदान में हरी घास के बीच छोड़ दो, ताकि वह आकाश की ओस से सींचा जाए और वनपशु की तरह भूमि की घास खाए।
“महाराज, जो पवित्र प्रहरी आपने देखा, जो स्वर्ग से नीचे उतरा और जिसने उच्च स्वर में यह कहा कि ‘इस वृक्ष को काट कर नष्ट कर दो, पर भूमि पर इसके तने को छोड़ दो, और इसकी जड़ मत उखाड़ो। किन्तु तने को लोहे और पीतल की जंजीरों से बांधो, और उसको मैदान में हरी घास के बीच छोड़ दो, ताकि वह आकाश की ओस से सींचा जाए, और वन-पशु की तरह वह भूमि की घास खाए। वह सात वर्ष तक इसी दशा में रहे’,
ये शब्द मेरे मुंह में ही थे कि अचानक स्वर्ग से यह आवाज सुनाई दी: “ओ राजा नबूकदनेस्सर, यह बात तुझसे ही कही जा रही है। तेरा राज्य तेरे हाथ से निकल गया!
“अब मैं, नबूकदनेस्सर, स्वर्ग के राजा की स्तुति और महिमा करता हूं, उसके गुणों का गान करता हूं; क्योंकि उसके सब कार्य सच्चे, और प्रत्येक व्यवहार न्यायपूर्ण है। ‘जो मनुष्य घमण्ड से सिर ऊंचा करके चलता है, उसको वह नीचा कर सकता है।’
पर जब आपके पिता का हृदय अहंकार से भर गया, जब आपके पिता की आत्मा कठोर बन गई और वह घमण्ड में आकर अनुचित कार्य करने लगे, तब परमेश्वर ने उनको उनके राजसिंहासन से उतार दिया और उनसे उनका ऐश्वर्य छीन लिया।
वह मनुष्य-समाज से बहिष्कृत कर दिए गए और उनका हृदय पशु के हृदय के सदृश बन गया। वह जंगली गधों के साथ जंगल में रहते थे। वह बैल के समान घास खाया करते थे। उनका शरीर आकाश की ओस से भीगा करता था। तब उन्हें अनुभव हुआ कि केवल सर्वोच्च परमेश्वर ही मनुष्यों के राज्य पर शासन करता है और वह जिसको चाहता है, उसको राजा के रूप में प्रतिष्ठित करता है।
यह देख कर शिष्य अचम्भे में पड़ गये और बोले, “अंजीर का यह पेड़ तुरन्त कैसे सूख गया है?”
परन्तु मैं तुम से कहता हूँ : शपथ कभी नहीं खाना − न स्वर्ग की, क्योंकि वह परमेश्वर का सिंहासन है;
मैं उठ कर अपने पिता के पास जाऊंगा और उन से कहूँगा, “पिताजी! मैंने स्वर्ग के विरुद्ध और आपके प्रति पाप किया है।
तब पुत्र ने उससे कहा, “पिता जी! मैंने स्वर्ग के विरुद्ध और आपके प्रति पाप किया है। मैं आपका पुत्र कहलाने के योग्य नहीं रहा।’