स्वामी ने यह कहा, “ये लोग केवल मुंह से मेरी आराधना करते हैं, केवल ओंठों से मेरा सम्मान करते हैं; किन्तु इनका हृदय मुझसे दूर है। ये दूसरों के आदेश से मेरी भक्ति करते हैं; इनकी भक्ति रटी-रटाई, सीखी हुई है।
तीतुस 1:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और यहूदियों की कल्पित कथाओं तथा सत्य का तिरस्कार करने वाले मनुष्यों के आदेशों पर ध्यान न दें। पवित्र बाइबल यहूदियों के पुराने वृत्तान्तों पर और उन लोगों के आदेशों पर, जो सत्य से भटक गये हैं, कोई ध्यान मत दो। Hindi Holy Bible और वे यहूदियों की कथा कहानियों और उन मनुष्यों की आज्ञाओं पर मन न लगाएं, जो सत्य से भटक जाते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और यहूदियों की कथा कहानियों और उन मनुष्यों की आज्ञाओं पर मन न लगाएँ, जो सत्य से भटक जाते हैं। नवीन हिंदी बाइबल और यहूदियों की कल्पित कथाओं और सच्चाई से भटके मनुष्यों की आज्ञाओं पर ध्यान न दें। सरल हिन्दी बाइबल और यहूदियों की काल्पनिक कहानियों और सच से दूर हो गए व्यक्तियों के आदेशों की ओर ध्यान न दें. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यहूदियों की कथा कहानियों और उन मनुष्यों की आज्ञाओं पर मन न लगाएँ, जो सत्य से भटक जाते हैं। |
स्वामी ने यह कहा, “ये लोग केवल मुंह से मेरी आराधना करते हैं, केवल ओंठों से मेरा सम्मान करते हैं; किन्तु इनका हृदय मुझसे दूर है। ये दूसरों के आदेश से मेरी भक्ति करते हैं; इनकी भक्ति रटी-रटाई, सीखी हुई है।
ये व्यर्थ ही मेरी उपासना करते हैं; क्योंकि ये मनुष्यों के बनाए हुए नियमों को ऐसे सिखाते हैं, मानो वे धर्म-सिद्धान्त हों।’ ”
ये व्यर्थ ही मेरी उपासना करते हैं, क्योंकि ये मनुष्यों के बनाए हुए नियमों को ऐसे सिखाते हैं मानो वे धर्मसिद्धान्त हों।’
किन्तु अब आप परमेश्वर को पहचान चुके हैं या यों कहें कि परमेश्वर ने आप को अपना लिया है, तो आप कैसे फिर उन अशक्त एवं असार तत्वों की शरण ले सकते हैं? क्या आप एक बार फिर उनकी दासता स्वीकार करना चाहते हैं?
ये सब मनुष्यों के आदेश हैं, मानवीय सिद्धांतों पर आधारित हैं और ऐसी वस्तुओं से सम्बन्ध रखते हैं, जो उपयोग में आने पर नष्ट हो जाती हैं।
आप लोग सावधान रहें। आप बोलने वाले की बात सुनना अस्वीकार नहीं करें। जिन लोगों ने पृथ्वी पर चेतावनी देने वाले की वाणी को अनसुना कर दिया था, यदि वे नहीं बच सके, तो हम कैसे बच सकेंगे, यदि हम स्वर्ग से चेतावनी देनेवाले की वाणी अनसुनी कर देंगे?
उन लोगों में सही अर्थ में यह कहावत चरितार्थ होती है, “कुत्ता अपने ही वमन के पास लौटता है” और “नहलायी हुई सूअरी फिर कीचड़ में लोटती है।”