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मत्ती 15:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

9 ये व्‍यर्थ ही मेरी उपासना करते हैं; क्‍योंकि ये मनुष्‍यों के बनाए हुए नियमों को ऐसे सिखाते हैं, मानो वे धर्म-सिद्धान्‍त हों।’ ”

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पवित्र बाइबल

9 मेरे लिए उनकी उपासना व्यर्थ है, क्योंकि उनकी शिक्षा केवल लोगों द्वारा बनाए हुए सिद्धान्त हैं।’”

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Hindi Holy Bible

9 और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्योंकि मनुष्यों की विधियों को धर्मोपदेश करके सिखाते हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

9 और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्योंकि मनुष्यों की विधियों को धर्मोपदेश करके सिखाते हैं।’ ”

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नवीन हिंदी बाइबल

9 वे मनुष्यों के नियमों को धर्म-शिक्षा के रूप में सिखाकर व्यर्थ में मेरी उपासना करते हैं।”

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सरल हिन्दी बाइबल

9 व्यर्थ में वे मेरी वंदना करते हैं. उनकी शिक्षा सिर्फ मनुष्यों द्वारा बनाए हुए नियम हैं.”

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मत्ती 15:9
24 क्रॉस रेफरेंस  

निस्‍सन्‍देह मनुष्‍य छाया जैसा चलता-फिरता प्राणी है। निस्‍सन्‍देह वह व्‍यर्थ ही उत्तोजित है; मनुष्‍य धन का ढेर तो लगाता है, पर नहीं जानता कि कौन उसे भोगेगा।


मैंने व्‍यर्थ ही अपने हृदय को शुद्ध रखा, और अपने हाथों को निर्दोषता में धोया।


‘तू अपने प्रभु परमेश्‍वर का नाम व्‍यर्थ न लेना; क्‍योंकि जो व्यक्‍ति प्रभु का नाम व्‍यर्थ लेगा, उसे प्रभु निर्दोष घोषित नहीं करेगा।


स्‍वामी ने यह कहा, “ये लोग केवल मुंह से मेरी आराधना करते हैं, केवल ओंठों से मेरा सम्‍मान करते हैं; किन्‍तु इनका हृदय मुझसे दूर है। ये दूसरों के आदेश से मेरी भक्‍ति करते हैं; इनकी भक्‍ति रटी-रटाई, सीखी हुई है।


तो मैं तुम्‍हारे साथ यह व्‍यवहार करूंगा : तुम पर आतंक ढाहूंगा, तुम्‍हें क्षय रोग और ऐसे ज्‍वर से पीड़ित करूंगा जिसके कारण आंखें धंस जातीं और प्राण मुरझा जाते हैं। तुम्‍हारा बीज बोना व्‍यर्थ होगा; क्‍योंकि तुम्‍हारे शत्रु ही उनको खाएंगे।


तब भूमि पर तुम्‍हारा सम्‍पूर्ण परिश्रम व्‍यर्थ हो जाएगा; क्‍योंकि भूमि अपनी उपज न उपजाएगी और न मैदान के वृक्षों के फल लगेंगे।


तुमने क्‍या यह नहीं कहा है, “परमेश्‍वर की सेवा करना व्‍यर्थ है। हमने उसके आदेशों का पालन किया, हम स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु के सम्‍मुख शोक-संतप्‍त चलते रहे। हमें क्‍या लाभ हुआ?


येशु ने लोगों को अपने पास बुला कर कहा, “तुम लोग मेरी बात सुनो और समझो।


ये व्‍यर्थ ही मेरी उपासना करते हैं, क्‍योंकि ये मनुष्‍यों के बनाए हुए नियमों को ऐसे सिखाते हैं मानो वे धर्मसिद्धान्‍त हों।’


यदि आप शुभ-समाचार उसी रूप में बनाये रखेंगे, जिस रूप में मैंने उसे आपको सुनाया है, तो उसके द्वारा आप को मुक्‍ति प्राप्‍त होगी। नहीं तो आपका विश्‍वास करना व्‍यर्थ होगा।


‘जिन बातों का आदेश मैं तुम्‍हें देता हूँ, उन सब का तुम पालन करना; उनके अनुसार कार्य करना। तुम उनमें न कुछ जोड़ना, और न उनमें से कुछ घटाना।


और कल्‍पित कथाओं एवं अंतहीन वंशावलियों के फेर में नहीं पड़ें। इन से वाद-विवाद को बढ़ावा मिलता है, किन्‍तु उस ईश्‍वरीय प्रबन्‍ध का ज्ञान प्राप्‍त नहीं होता, जो विश्‍वास पर आधारित है।


और यहूदियों की कल्‍पित कथाओं तथा सत्‍य का तिरस्‍कार करने वाले मनुष्‍यों के आदेशों पर ध्‍यान न दें।


नाना प्रकार के अनोखे सिद्धान्‍तों के फेर में नहीं पड़ें। उत्तम यह है कि हमारा मन भोजन से नहीं, बल्‍कि परमेश्‍वर की कृपा से बल प्राप्‍त करे। भोजन-सम्‍बन्‍धी निषेध-विधियों का पालन करने वालों को इन से लाभ नहीं हुआ।


मूर्ख! क्‍या तुम इसका प्रमाण चाहते हो कि कर्मों के अभाव में विश्‍वास व्‍यर्थ है?


जो लोग इस पुस्‍तक की नबूवत की बातें सुनते हैं, मैं उन सब को यह चेतावनी देता हूँ, “यदि कोई इन में कुछ जोड़ेगा, तो परमेश्‍वर इस पुस्‍तक में लिखी हुई विपत्तियाँ उस पर ढा देगा


दाऊद यह निश्‍चय कर चुका था: ‘मैंने निर्जन प्रदेश में इस आदमी की धन-सम्‍पत्ति की व्‍यर्थ रक्षा की। इस आदमी की एक भेड़ भी नहीं खोई। पर इसने मुझे भलाई का बदला बुराई से दिया।


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