तुम उससे प्रार्थना करोगे, और वह तुम्हारी प्रार्थना स्वीकार करेगा। तुम उसके लिए अपनी मन्नतें पूरी करोगे।
गिनती 30:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘यदि कोई पुरुष प्रभु के लिए मन्नत मानता है, अथवा शपथ खाकर व्रत लेता है। तो वह अपना वचन भंग नहीं करेगा; वरन् अपने मुंह से निकले प्रत्येक शब्द के अनुसार कार्य करेगा। पवित्र बाइबल “यदि कोई व्यक्ति परमेश्वर को विशेष वचन देता है या यदि वह व्यक्ति यहोवा को कुछ विशेष अर्पित करने का वचन देता है तो उसे वैसा ही करने दो। किन्तु उस व्यक्ति को ठीक वैसा ही करना चाहिए जैसा उसने वचन दिया है। Hindi Holy Bible कि जब कोई पुरूष यहोवा की मन्नत माने, वा अपने आप को वाचा से बान्धने के लिये शपथ खाए, तो वह अपना वचन न टाले; जो कुछ उसके मुंह से निकला हो उसके अनुसार वह करे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब कोई पुरुष यहोवा की मन्नत माने, या अपने आप को वाचा से बाँधने के लिये शपथ खाए, तो वह अपना वचन न टाले; जो कुछ उसके मुँह से निकला हो उसके अनुसार वह करे। सरल हिन्दी बाइबल यदि कोई व्यक्ति याहवेह के लिए कोई संकल्प लेता है, अथवा वह स्वयं को शपथ लेकर किसी ज़रूरी वाचा से बांध लेता है, वह अपनी शपथ को नहीं तोड़ेगा. वह अपने मुख से बोले हुए वचनों के अनुसार करेगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब कोई पुरुष यहोवा की मन्नत माने, या अपने आपको वाचा से बाँधने के लिये शपथ खाए, तो वह अपना वचन न टाले; जो कुछ उसके मुँह से निकला हो उसके अनुसार वह करे। (मत्ती 5:33) |
तुम उससे प्रार्थना करोगे, और वह तुम्हारी प्रार्थना स्वीकार करेगा। तुम उसके लिए अपनी मन्नतें पूरी करोगे।
प्रभु की प्रजा के समक्ष, प्रभु के घर के आंगन में, ओ यरूशलेम, तेरे मध्य मैं प्रभु के प्रति अपनी समस्त मन्नतें पूरी करूंगा। प्रभु की स्तुति करो!
जो अपने मुंह से पर-निन्दा नहीं करता, जो अपने साथी के साथ बुराई नहीं करता, जो अपने पड़ोसी के विषय में अपवाद नहीं फैलाता है;
महासभा में मेरे स्तुतिगान का स्रोत तू ही है; मैं तेरे भक्तों के समक्ष अपने व्रत पूर्ण करूँगा।
मुझे-अपने परमेश्वर को ‘स्तुति बलि’ चढ़ा; और सर्वोच्च प्रभु के लिए अपने व्रत पूर्ण कर।
हे परमेश्वर, तेरे प्रति अपने व्रतों का दायित्व मुझ पर है; मैं तुझ को स्तुति बलि चढ़ाऊंगा।
मन्नत मानो, और अपने प्रभु परमेश्वर के लिए उसको पूर्ण करो; प्रभु के चारों ओर रहने वाले लोग उस को भेंट चढ़ाएं। प्रभु भय योग्य है,
‘तू अपने प्रभु परमेश्वर का नाम व्यर्थ न लेना; क्योंकि जो व्यक्ति प्रभु का नाम व्यर्थ लेगा, उसे प्रभु निर्दोष घोषित नहीं करेगा।
जो मनुष्य उतावली में कहता है, ‘यह प्रभु को अर्पित है’, और उसकी मन्नत मानकर पुन: विचार करता है, तो वह जाल में फंसता है।
अथवा यदि कोई व्यक्ति बिना विचार किए भला-बुरा करने की शपथ खाता है, बिना विचार किए कोई भी शपथ खाता है, और उससे यह बात छिपी रहती है, तो जब उसे यह ज्ञात होगी तब वह दोषी हो जाएगा।
देखो, पहाड़ों से शुभ-सन्देश सुनानेवाला, शान्ति की घोषणा करनेवाला आ रहा है। ओ यहूदा वंशियो! अब अपने यात्रा-पर्व मनाओ, अपनी मन्नतों को पूरा करो। अब अधम व्यक्ति तुम्हारे प्रदेश से कभी नहीं गुजरेगा। वह पूर्णत: नष्ट कर दिया गया।
इस्राएलियों ने प्रभु से यह मन्नत मानी और कहा, ‘यदि तू इन लोगों को हमारे हाथ में दे देगा, तो हम इनके नगरों को पूर्णत: ध्वस्त कर देंगे।’
अपने बच्चों के लिए नगरों का निर्माण करो, अपने पशुओं के लिए पशु-शालाएँ बनाओ। किन्तु जो वचन तुम्हारे मुंह से निकले हैं, उन्हें पूरा करो।’
“अन्धे पथ-प्रदर्शको! धिक्कार है तुम्हें! तुम कहते हो : यदि कोई मन्दिर की शपथ खाता है, तो इसका कोई महत्व नहीं; परन्तु यदि कोई मन्दिर के सोने के पात्र की शपथ खाता है, तो वह शपथ से बंध जाता है।
तुम यह भी कहते हो : यदि कोई वेदी की शपथ खाता है, तो इसका कोई महत्व नहीं; परन्तु यदि कोई वेदी पर रखी हुई भेंट की वस्तु की शपथ खाता है, तो वह बंध जाता है।
दिन होने पर कुछ यहूदियों ने मिलकर षड्यन्त्र रचा और उन्होंने यह शपथ ली कि वे तब तक न तो खायेंगे और न पियेंगे, जब तक वे पौलुस का वध न कर दें।
वे महापुरोहितों तथा धर्मवृद्धों के पास जा कर बोले, “हमने घोर शपथ ली है कि हम तब तक कुछ नहीं खायेंगे, जब तक हम पौलुस का वध न कर दें।
आप उन लोगों की बात नहीं मानिए क्योंकि उनमें चालीस से अधिक व्यक्ति पौलुस की घात में बैठे हुए हैं। उन्होंने शपथ ली है कि वे तब तक न तो खायेंगे और न पियेंगे, जब तक वे पौलुस का वध न कर दें। वे अभी तैयार हैं, और आपके निर्णय की प्रतीक्षा में हैं।”
मैं परमेश्वर को साक्षी बना कर अपने जीवन की शपथ खा कर कहता हूँ-मैं इसलिए अब तक कुरिन्थुस नहीं आया कि मैं आप लोगों को दु:ख से बचाए रखना चाहता था।
अत: यिफ्ताह गिलआद प्रदेश के धर्मवृद्धों के साथ गया। लोगों ने उसे अपना नेता और सेनानायक नियुक्त किया। यिफ्ताह ने मिस्पाह नगर में प्रभु के सम्मुख सब शर्तें दुहरा दीं।
दो महीने के अन्त में वह अपने पिता के पास लौट आई। जो मन्नत उसके पिता ने मानी थी उसके अनुसार उसने उसके साथ किया। उसकी पुत्री ने पुरुष के साथ कभी सम्भोग नहीं किया था। अत: इस्राएली समाज में यह प्रथा प्रचलित है :