तुम्हारे मध्य में निवास करने वाला प्रवासी व्यक्ति तुम्हारे लिए देशी भाई अथवा बहिन के सदृश होगा। तुम उससे अपने समान प्रेम करना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में प्रवासी थे। मैं प्रभु, तुम्हारा परमेश्वर हूँ।
गिनती 10:32 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि आप हमारे साथ जाएंगे, तो जो भलाई प्रभु हमारे साथ करेगा, वह हम आपके साथ करेंगे।’ पवित्र बाइबल यदि तुम हम लोगों के साथ आते हो तो यहोवा जो कुछ अच्छी चीज़ें देगा उसमें तुम्हारे साथ हम हिस्सा बटाऐंगे।” Hindi Holy Bible और यदि तू हमारे संग चले, तो निश्चय जो भलाई यहोवा हम से करेगा उसी के अनुसार हम भी तुझ से वैसा ही करेंगे॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और यदि तू हमारे संग चले, तो निश्चय जो भलाई यहोवा हम से करेगा उसी के अनुसार हम भी तुझ से वैसा ही करेंगे।” सरल हिन्दी बाइबल हम आश्वासन देते हैं कि यदि तुम हमारे साथ चलोगे, तो जितनी भी भलाई याहवेह हमारे लिए करेंगे, उसमें हम तुमको शामिल कर लेंगे.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और यदि तू हमारे संग चले, तो निश्चय जो भलाई यहोवा हम से करेगा उसी के अनुसार हम भी तुझ से वैसा ही करेंगे।” |
तुम्हारे मध्य में निवास करने वाला प्रवासी व्यक्ति तुम्हारे लिए देशी भाई अथवा बहिन के सदृश होगा। तुम उससे अपने समान प्रेम करना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में प्रवासी थे। मैं प्रभु, तुम्हारा परमेश्वर हूँ।
वह पितृहीन और विधवा का न्याय करता है। वह तुम्हारे देश में रहने वाले प्रवासी व्यक्ति से प्रेम करता है, उसको भोजन-वस्त्र देता है।
हमने जो देखा और सुना है, वही हम तुम लोगों को भी बताते हैं, जिससे तुम्हें भी हमारे साथ सहभागिता प्राप्त हो। निस्संदेह, हमारी सहभागिता पिता के साथ और उसके पुत्र येशु मसीह के साथ है।
मूसा का ससुर होबाब केनी जाति का था। उसके वंशज यहूदा-वंशीय लोगों के साथ खजूर के नगर से यहूदा के निर्जन प्रदेश में गए। यह अराद नगर के निकट नेगेब प्रदेश में है। वे वहाँ के निवासियों के साथ। रहने लगे।
केनी जाति के हेबर नामक पुरुष ने अन्य केनी-वंशजों से संबंध-विच्छेद कर लिया था। वह मूसा के ससुर होबाब के पुत्रों के गोत्र से भी अलग हो गया था। उसने केदश के समीप स-अन्नीम के बांजवृक्ष के पास पड़ाव डाला था।
योनातन ने अपने शस्त्रवाहक से कहा, ‘आओ, हम इन बेखतना पलिश्तियों की चौकी के पास चलें। कदाचित् प्रभु हमारे लिए कार्य करे; क्योंकि हमें विजय प्रदान करने से प्रभु को कोई नहीं रोक सकता है, फिर चाहे हम संख्या में बहुत हों अथवा कम।’