वह पुत्र को जन्म देंगी और आप उसका नाम येशु रखेंगे, क्योंकि वह अपने लोगों को उनके पापों से मुक्त करेगा।”
गलातियों 2:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि हम भी, जो मसीह द्वारा धार्मिक ठहरना चाहते हैं, पापी प्रमाणित हो जाते हैं, तो क्या इसका निष्कर्ष यह है कि मसीह पाप को बढ़ावा देते हैं? कभी नहीं! पवित्र बाइबल किन्तु यदि हम जो यीशु मसीह में अपनी स्थिति के कारण धर्मी ठहराया जाना चाहते हैं, हम ही विधर्मियों के समान पापी पाये जायें तो इसका अर्थ क्या यह नहीं है कि मसीह पाप को बढ़ावा देता है। निश्चय ही नहीं। Hindi Holy Bible हम जो मसीह में धर्मी ठहरना चाहते हैं, यदि आप ही पापी निकलें, तो क्या मसीह पाप का सेवक है? कदापि नहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हम जो मसीह में धर्मी ठहरना चाहते हैं, यदि आप ही पापी निकलें तो क्या मसीह पाप का सेवक है? कदापि नहीं! नवीन हिंदी बाइबल अब हम जो मसीह में धर्मी ठहरना चाहते हैं, यदि स्वयं ही पापी निकलें, तो क्या मसीह पाप का सेवक है? कदापि नहीं! सरल हिन्दी बाइबल “किंतु, यदि हम मसीह में धर्मी ठहराए जाने के लिए प्रयास करने पर भी पापी ही पाए जाते हैं, तो क्या मसीह पाप के पालन पोषण करनेवाले हैं? बिलकुल नहीं! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हम जो मसीह में धर्मी ठहरना चाहते हैं, यदि आप ही पापी निकलें, तो क्या मसीह पाप का सेवक है? कदापि नहीं! |
वह पुत्र को जन्म देंगी और आप उसका नाम येशु रखेंगे, क्योंकि वह अपने लोगों को उनके पापों से मुक्त करेगा।”
तो इसका निष्कर्ष क्या है? इस्राएल जिस बात की खोज में था, उसे नहीं पा सका, किन्तु चुने हुए लोगों ने उसे पा लिया और शेष लोगों का हृदय कठोर बन गया।
मैं यह कहना चाहता हूँ कि मसीह यहूदियों के सेवक इसलिए बने कि वह, पूर्वजों को दी गयी प्रतिज्ञाएँ पूरी कर, परमेश्वर की सत्यप्रतिज्ञता प्रमाणित करें
कभी नहीं! भले ही प्रत्येक मनुष्य झूठा निकल जाये, किन्तु परमेश्वर सच्चा प्रमाणित होगा; जैसा कि धर्मग्रन्थ में लिखा है: “तेरे वचन तुझे धार्मिक ठहराते हैं। जब तेरा न्याय होता है तब तू विजयी होता है।”
तो क्या व्यवस्था और परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं में विरोध है? कभी नहीं! यदि ऐसी व्यवस्था की घोषणा हुई होती, जो जीवन प्रदान करने में समर्थ थी, तो व्यवस्था के पालन द्वारा ही मनुष्य धार्मिक ठहरता।
परन्तु परमेश्वर न करे कि हमारे प्रभु येशु मसीह के क्रूस के अतिरिक्त-किसी अन्य बात पर गर्व करूँ। उन्हीं के कारण संसार मेरी दृष्टि में क्रूसित हो चुका है और मैं संसार की दृष्टि में।
उस वास्तविक पवित्र स्थान तथा शिविर के धर्मसेवक हैं जो मनुष्य द्वारा नहीं, बल्कि प्रभु द्वारा संस्थापित है।