जरूब्बाबेल, येशुअ, नहेम्याह, सरायाह, रेलायाह, मोरदकय, बिलशान, मिस्पार, बिग्वई, रहूम और बानाह ने उनका नेतृत्व किया। इस्राएली कौम में गोत्र के अनुसार लौटने वाले पुरुषों की संख्या इस प्रकार थी :
एस्तेर 9:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सब प्रदेशों के शासकों, क्षत्रपों, राज्यपालों और सम्राट के उच्चाधिकारियों ने यहूदियों की सहायता की; क्योंकि मोरदकय का भय उन पर भी छाया हुआ था। पवित्र बाइबल प्रांतों के सभी हाकिम, मुखिया, राज्यपाल और राजा के प्रबन्ध अधिकारी यहूदियों की सहायता करने लगे। वे सभी अधिकारी यहूदियों की सहायता इसलिए किया करते थे कि वे मोर्दकै से डरते थे। Hindi Holy Bible वरन प्रान्तों के सब हाकिमों और अधिपतियों और प्रधानों और राजा के कर्मचारियों ने यहूदियों की सहायता की, क्योंकि उनके मन में मोर्दकै का भय समा गया था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वरन् प्रान्तों के सब हाकिमों और अधिपतियों और प्रधानों और राजा के कर्मचारियों ने यहूदियों की सहायता की, क्योंकि उनके मन में मोर्दकै का भय समा गया था। सरल हिन्दी बाइबल यहां तक कि सारे राज्यों के हाकिमों, उपराज्यपालों, राज्यपालों तथा राजा के कर्मचारियों पर मोरदकय का ऐसा सशक्त आतंक छाया हुआ था, कि वे यहूदियों के पक्ष में होकर उनकी सहायता में लग गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वरन् प्रान्तों के सब हाकिमों और अधिपतियों और प्रधानों और राजा के कर्मचारियों ने यहूदियों की सहायता की, क्योंकि उनके मन में मोर्दकै का भय समा गया था। |
जरूब्बाबेल, येशुअ, नहेम्याह, सरायाह, रेलायाह, मोरदकय, बिलशान, मिस्पार, बिग्वई, रहूम और बानाह ने उनका नेतृत्व किया। इस्राएली कौम में गोत्र के अनुसार लौटने वाले पुरुषों की संख्या इस प्रकार थी :
एज्रा तथा उसके सहयोगियों ने सम्राट का आज्ञा-पत्र फरात नदी के पश्चिम क्षेत्र के राज्यपालों तथा सम्राट के क्षत्रपों को सौंप दिया। इस प्रकार उन्होंने इस्राएली कौम की मदद की तथा परमेश्वर के भवन की देखरेख में सहायता की।
पहिले महीने की तेरहवीं तारीख को सम्राट के सचिव बुलाए गए। उन्होंने हामान के आदेश को सम्राट के क्षत्रपों, सब प्रदेशों के राज्यपालों और सब कौमों के शासकों के लिए उनकी अपनी भाषा और लिपि में लिखा। यह आदेश सम्राट क्षयर्ष के नाम से लिखा गया, और सम्राट की अंगूठी से उस पर मुहर अंकित कर दी गई।
सम्राट क्षयर्ष के अधीन हरएक प्रदेश और प्रत्येक नगर में जहाँ-जहाँ राजाज्ञा और आदेश-पत्र पहुंचे, यहूदी आनन्द और उल्लास से भर गए। उन्होंने छुट्टी मनाई और खाना-पीना किया। यहूदियों का डर अन्य जातियों पर छा गया, अत: देश के अनेक लोगों ने स्वयं को यहूदी घोषित कर दिया।
एस्तर उठी, और वह सम्राट के सम्मुख खड़ी हुई। उसने सम्राट से कहा, ‘महाराज, यदि आप मुझसे प्रसन्न हैं, और यदि आप उचित समझें, और इस प्रस्ताव को ठीक समझें, और यदि मैं आपको अच्छी लगती हूँ तो जो आदेश-पत्र यहूदियों का विनाश करने के लिए अगागी वंशीय हामान बेन-हम्मदाता ने महाराज के लिए लिखे थे, उन पत्रों को रद्द करने के लिए महाराज नई आज्ञा प्रसारित करें।
तीसरे महीने अर्थात् सीवान महीने की तेईसवीं तारीख थी। उसी दिन सम्राट के सचिव बुलाए गए। उन्होंने मोरदकय के निर्देश के अनुसार यहूदियों के सम्बन्ध में भारतवर्ष से इथियोपिआ देश तक − एक सौ सत्ताईस प्रदेशों के शासकों, क्षत्रपों और राज्यपालों को राजाज्ञा लिखी। यह राजाज्ञा प्रत्येक राष्ट्र की भाषा तथा उसकी लिपि में लिखी गई। इनके अतिरिक्त यह राजाज्ञा यहूदियों की भाषा और लिपि में भी लिखी गई।
उसके बाद उसने अपने साम्राज्य के सब प्रदेशों के क्षत्रपों, हाकिमों, राज्यपालों, मंत्रियों, खजांचियों, न्यायाधीशों, दंडाधिकारियों तथा प्रदेशों के सब उच्चाधिकारियों के पास सन्देश भेजा कि वे महाराज नबूकदनेस्सर द्वारा स्थापित स्वर्ण-मूर्ति के प्रतिष्ठान के अवसर पर उपस्थित हों।