तब सम्राट ने रानी एस्तर से कहा, ‘राजधानी में यहूदियों ने पाँच सौ लोगों का और हामान के दस पुत्रों का वध कर दिया। तब न मालूम उन्होंने साम्राज्य के अन्य प्रदेशों में क्या किया होगा! महारानी, अब आप का और क्या निवेदन है? वह भी स्वीकार किया जाएगा। आप और क्या मांगती हैं? आपकी मांग पूरी की जाएगी।’
किन्तु शूशन नगर के यहूदियों ने तेरहवें और चौदहवें दिन एकत्र होकर सुरक्षा-दल बनाए थे और पन्द्रहवें दिन विश्राम किया था। अत: उन्होंने पन्द्रहवें दिन सामूहिक भोज और आनन्द-उत्सव मनाया।