तूने मेरे शत्रुओं को विवश किया कि वे पीठ दिखाकर भागें; मैंने उन्हें नष्ट कर दिया, जो मुझसे बैर करते थे।
एस्तेर 9:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अदार नामक बारहवें महीने का तेरहवां दिन आया। इस दिन सम्राट क्षयर्ष की राजाज्ञा और आदेश-पत्र के अनुसार कार्य होना था। यहूदी कौम के शत्रु आशा कर रहे थे कि वे आज यहूदियों पर अधिकार कर लेंगे। लेकिन पासा पलट गया था, और स्वयं यहूदी अपने विरोधियों पर अधिकार जमा लेने वाले थे। पवित्र बाइबल लोगों को (अदार) नाम के बारहवें महीने की तेरह तारीख को राजा की आज्ञा को पूरा करना था। यह वही दिन था जिस दिन यहूदियों के विरोधियों को उन्हें पराजित करने की आशा थी। किन्तु अब तो स्थिति बदल चुकी थी। अब तो यहूदी अपने उन शत्रुओं से अधिक प्रबल थे जो उन्हें घृणा किया करते थे। Hindi Holy Bible अदार नाम बारहवें महीने के तेरहवें दिन को, जिस दिन राजा की आज्ञा और नियम पूरे होने को थे, और यहूदियों के शत्रु उन पर प्रबल होने की आशा रखते थे, परन्तु इसके उलटे यहूदी अपने बैरियों पर प्रबल हुए, उस दिन, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अदार नामक बारहवें महीने के तेरहवें दिन को, जिस दिन राजा की आज्ञा और नियम पूरे होने को थे, और यहूदियों के शत्रु उन पर प्रबल होने की आशा रखते थे, परन्तु इसके विपरीत यहूदी अपने बैरियों पर प्रबल हुए; सरल हिन्दी बाइबल बारहवें महीने, आदार की तेरह तारीख पर राजा का आदेश तथा राजाज्ञा का पूरा होना निर्धारित था. यहूदियों के शत्रु इस प्रतीक्षा में थे, कि वे यहूदियों को पराजित कर लेंगे; किंतु परिस्थिति विपरीत हो गई-यहूदियों ने अपने शत्रुओं को हरा दिया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अदार नामक बारहवें महीने के तेरहवें दिन को, जिस दिन राजा की आज्ञा और नियम पूरे होने को थे, और यहूदियों के शत्रु उन पर प्रबल होने की आशा रखते थे, परन्तु इसके विपरीत यहूदी अपने बैरियों पर प्रबल हुए; उस दिन, |
तूने मेरे शत्रुओं को विवश किया कि वे पीठ दिखाकर भागें; मैंने उन्हें नष्ट कर दिया, जो मुझसे बैर करते थे।
आदेश-पत्र साम्राज्य के सब प्रदेशों में हरकारों के द्वारा भेज दिए गए। पत्र में यह लिखा था: ‘अदार नामक बारहवें महीने के तेरहवें दिन सब यहूदियों का, जवान और बूढ़ों, बच्चों और स्त्रियों का वध कर दिया जाए और उनकी धन-सम्पत्ति को लूट लिया जाए।’
सम्राट क्षयर्ष के शासन-काल के बारहवें वर्ष के प्रथम महीने में, अर्थात् नीसान महीने में, हामान ने अपने सम्मुख ‘पूर’ − जिसका अर्थ है ‘चिट्ठी’ − प्रत्येक दिन तथा प्रत्येक महीने के नाम पर निकलवायी। शकुन विचार करने वालों ने चिट्ठी डाली तो वह बारहवें महीने−अदार के नाम पर और उसके तेरहवें दिन पर निकली।
यह अनुमति सम्राट क्षयर्ष के समस्त साम्राज्य में केवल एक दिन के लिए दी गई थी: अदार नामक बारहवें महीने के तेरहवें दिन के लिए।
मैं अपनी कौम पर आनेवाली विपत्ति को कैसे देख सकूंगी? मैं अपने नाते-रिश्तेदारों का सर्वनाश कैसे सहन कर सकूंगी?’
यह कार्य उन्होंने अदार महीने के तेरहवें दिन सम्पन्न किया था। उन्होंने चौदहवें दिन विश्राम किया, और उस दिन सामूहिक भोज और आनन्द-उत्सव मनाया।
तूने मेरे शत्रुओं को विवश किया कि वे पीठ दिखाकर भागें। मैंने उन्हें नष्ट कर दिया, जो मुझसे घृणा करते थे।
तूने मेरे विलाप को हर्ष में बदल दिया; तूने मेरा शोक-सूचक टाट उतार कर मुझे आनन्द के वस्त्र पहनाए,
तब पतरस होश में आये और बोले, “अब मुझे निश्चय हो गया कि प्रभु ने अपने दूत को भेज कर मुझे हेरोदेस के पंजे से छुड़ाया और यहूदियों की सारी आशाओं पर पानी फेर दिया है।”
जब प्रभु देखेगा कि उसके लोगों का भुजबल जाता रहा, स्वाधीन और पराधीन, दोनों प्रकार के लोग नहीं रहे, तब वह अपने निज लोगों को निर्दोष सिद्ध करेगा, वह अपने सेवकों पर दया करेगा।
“राष्ट्र क्रुद्ध हो गये थे, किन्तु अब तेरा क्रोध आ गया है और वह समय भी जब मृतकों का न्याय किया जायेगा; जब तेरे सेवकों, तेरे नबियों और तेरे सन्तों को पुरस्कार दिया जायेगा और उन सब को भी, चाहे वे छोटे या बड़े हों, जो तेरे नाम पर श्रद्धा रखते हैं। और वह समय आ पहुँचा जब उन लोगों का विनाश किया जायेगा, जो पृथ्वी का विनाश करते हैं।”