वे अपने-अपने दायित्व के अनुसार, जहां आवश्यकता होती थी वहां घोड़ों और वेगवान अश्वों के लिए जौ और चारे की व्यवस्था भी करते थे।
एस्तेर 8:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सम्राट का आदेश था कि यह राजाज्ञा जल्दी से जल्दी सब प्रदेशों में पहुँचाई जाए। अत: हरकारे राजकीय तेज घोड़ों पर सवार हुए और द्रुतगति से चले गए। ये घोड़े सम्राट की सेवा में थे। राजधानी शूशन में राजाज्ञा घोषित की गई। पवित्र बाइबल राजा के घोड़ों पर सवार सन्देश वाहक जल्दी से बाहर निकल गये। उन्हें राजा ने आज्ञा दी थी कि जल्दी करें। वह आज्ञा शूशन की राजधानी नगरी में भी लगा दी गयी। Hindi Holy Bible सो हरकारे वेग चलने वाले सरकारी घोड़ों पर सवार हो कर, राजा की आज्ञा से फुतीं कर के जल्दी चले गए, और यह आज्ञा शूशन राजगढ़ में दी गई थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अत: हरकारे वेग चलनेवाले सरकारी घोड़ों पर सवार होकर, राजा की आज्ञा से फुर्ती करके जल्दी चले गए, और यह आज्ञा शूशन राजगढ़ में दी गई थी। सरल हिन्दी बाइबल राजा की आज्ञा के कारण संदेशवाहक राजकीय घोड़ों पर तुरंत, द्रुत गति से निकल गए. राजधानी शूशन नगर में राजाज्ञा भेज दी गई थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अतः हरकारे वेग चलनेवाले सरकारी घोड़ों पर सवार होकर, राजा की आज्ञा से फुर्ती करके जल्दी चले गए, और यह आज्ञा शूशन राजगढ़ में दी गई थी। |
वे अपने-अपने दायित्व के अनुसार, जहां आवश्यकता होती थी वहां घोड़ों और वेगवान अश्वों के लिए जौ और चारे की व्यवस्था भी करते थे।
अत: सन्देशवाहक राजा हिजकियाह तथा उसके उच्चाधिकारियों के पत्र लेकर समस्त इस्राएल और यहूदा प्रदेशों में गए। राजा हिजकियाह ने पत्र में यह लिखा था : ‘ओ इस्राएली राष्ट्र के लोगो, तुम जो असीरिया देश के राजाओं के हाथ से बच गए हो, अपने पूर्वजों, अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के प्रभु परमेश्वर के पास लौटो, ताकि वह तुम्हारी ओर पुन: लौटे।
नहेम्याह बेन-हकल्याह का आत्म-चरित्र : मैं बीसवें वर्ष के किसलेव महीने में राजधानी शूशनगढ़ में था।
सम्राट क्षयर्ष के साम्राज्य की राजधानी शूशनगढ़ थी। वहां सिंहासन पर बैठ कर वह राज्य कर रहा था।
महाराज अपने साम्राज्य के सब प्रदेशों में उच्चाधिकारी नियुक्त करें जो सुन्दर कुंवारी कन्याओं को शूशनगढ़ के रनिवास में लाएंगे और उनको महाराज की रानियों के प्रबन्धक खोजा हेगय को सौंप देंगे। कन्याओं को शृंगार का सामान दिया जाए।
आदेश-पत्र साम्राज्य के सब प्रदेशों में हरकारों के द्वारा भेज दिए गए। पत्र में यह लिखा था: ‘अदार नामक बारहवें महीने के तेरहवें दिन सब यहूदियों का, जवान और बूढ़ों, बच्चों और स्त्रियों का वध कर दिया जाए और उनकी धन-सम्पत्ति को लूट लिया जाए।’
इस आदेश-पत्र की एक-एक प्रति प्रत्येक प्रदेश में राजाज्ञा के रूप में सब लोगों में प्रसारित कर दी गई ताकि वे उस दिन के लिए तैयार रहें।
हरकारे सम्राट की आज्ञा से शीघ्र ही आदेश-पत्र लेकर चले गए। राजाज्ञा की घोषणा शूशन नगर में भी की गई। तब सम्राट और हामान शराब पीने के लिए बैठे, पर शूशन नगर में घबराहट फैल गई।
इस राजाज्ञा-पत्र की प्रतिलिपियाँ सब प्रदेशों में भेजी गईं, और सब लोगों को सूचित किया गया कि यहूदी उस दिन अपने शत्रुओं से बदला लेने के लिए तैयार रहें।
मोरदकय सम्राट के दरबार से बाहर निकला। वह नीले और सफेद रंग की राजकीय पोशाक पहिने हुए था। उसके सिर पर सोने का बड़ा मुकुट था। वह महीन और बैंजनी रंग की चादर ओढ़े हुए था। शूशन नगर के नागरिक उसको देखकर जयजयकार करने लगे।
तुम्हारे हाथ में जो भी काम आए, उसको पूरी शक्ति से करो, क्योंकि अधोलोक में, जहाँ अपनी मृत्यु के बाद तुम जाओगे, न काम है, न विचार। वहाँ न ज्ञान है, न बुद्धि।
मैंने दर्शन में यह देखा : “मैं एलाम प्रदेश की राजधानी शूशनगढ़ में हूं। यह मैंने दर्शन में देखा। इसके बाद मैंने देखा कि मैं ऊलै नदी के किनारे खड़ा हूं।
दाऊद ने अहीमेलक से पूछा, ‘क्या तुम्हारे पास यहाँ, भाला या तलवार है? मुझे महाराज के काम की ऐसी जल्दी थी कि मैं अपने साथ अपनी तलवार तथा अन्य अस्त्र-शस्त्र नहीं ला सका।’