‘जाओ, और शूशन नगर के सब यहूदियों को एकत्र करो, और मेरे लिए सामूहिक उपवास करो। तीन दिन और रात न भोजन करना, और न पानी पीना। तुम्हारे समान मैं भी अपनी सखियों के साथ उपवास करूंगी। तब मैं महाराज के पास जाऊंगी, यद्यपि ऐसा करना नियम के विरुद्ध होगा। यदि मुझे मरना ही पड़ेगा तो मैं मर जाऊंगी।’
तीसरे दिन एस्तर ने अपने राजसी वस्त्र पहिने और सम्राट क्षयर्ष के भवन के सम्मुख महल के अन्त:पुर में उपस्थित हुई। सम्राट महल में प्रवेश-द्वार के सामने अपने सिंहासन पर बैठा था।