‘महाराज के सब सेवक तथा साम्राज्य के सब प्रदेशों के निवासी यह बात जानते हैं कि जो स्त्री या पुरुष बिना बुलाए महल के अन्त:पुर में प्रवेश करेगा, उसके लिए केवल एक नियम है : प्राणदण्ड! यह नियम सब पर लागू है और केवल वह व्यक्ति प्राणदण्ड से बच सकता है जिसकी ओर महाराज अपने स्वर्ण राजदण्ड से संकेत करते हैं। मैं तीस दिन से महाराज के पास नहीं बुलाई गई हूँ।’
तब एस्तर ने हताख नामक एक खोजे को बुलाया। सम्राट क्षयर्ष ने हताख को रानी एस्तर की सेवा में नियुक्त किया था। एस्तर ने उसको मोरदकय के पास जाने का आदेश दिया कि वह मोरदकय से पूछे कि क्या बात है, और वह ऐसा क्यों कर रहा है।