“राजा के सारे कर्मचारी एवं राजा के सारे साम्राज्य की प्रजा इस बात को जानती हैं, कि कोई स्त्री अथवा पुरुष यदि बुलाहट के बिना राजा के भीतरी आंगन में प्रवेश कर जाता है, उनके लिये एक ही नियम बनाकर रखा है, उसे मृत्यु दंड दिया जाए. उसके जीवित रह सकने का मात्र एक ही कानून शेष रहता है यदि राजा उसकी ओर अपना स्वर्ण राजदंड बढ़ाए, कि वह जीवित रह सके. मालूम है कि गत तीस दिनों से राजा द्वारा मुझे बुलाया नहीं गया है.”