इसलिए तू उनसे यह कह, स्वामी-प्रभु यों कहता है : जिन कामों को न करने का मैंने तुम्हें आदेश दिया था, वही तुम करते हो: तुम रक्त के साथ मांस खाते हो। तुम सहायता के लिए देवी-देवताओं की मूर्तियों की ओर दृष्टि करते हो। तुम हत्या करते हो। फिर भी तुम सोचते हो कि तुम इस्राएल देश पर कब्जा कर सकोगे?
बल्कि पत्र लिख कर उन्हें बताया जाये कि वे मूर्तियों की अशुद्धताओं से, व्यभिचार से, गला घोंटे हुए पशुओं के मांस से और रक्त के खान-पान से परहेज करें;
आप लोग मूर्तियों पर चढ़ाये हुए मांस से, रक्त के खान-पान से, गला घोंटे हुए पशुओं के मांस से और व्यभिचार से परहेज करें। इन से अपने को बचाये रखने में आप लोगों का कल्याण है। शुभकामना!”
‘तुम किसी भी पशु की लोथ का मांस मत खाना। तुम उसको अपने नगर-द्वार के भीतर रहनेवाले प्रवासी को दे देना, कि वह उसको खा ले, अथवा उसे विदेशी को बेच देना, क्योंकि तुम अपने प्रभु परमेश्वर के लिए पवित्र लोग हो। ‘तू बकरी के बच्चे को उसकी मां के दूध में मत पकाना।’