जब प्रभु ने देखा कि लिआ से घृणा की जाती है, तब उसने उसे पुत्रवती बनाया। पर राहेल निस्सन्तान रही।
उत्पत्ति 30:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब राहेल ने देखा कि उससे याकूब के लिए सन्तान उत्पन्न नहीं हुई, तब वह अपनी बहिन से ईष्र्या करने लगी। उसने याकूब से कहा, ‘मुझे सन्तान दो, अन्यथा मैं मर जाऊंगी।’ पवित्र बाइबल राहेल ने देखा कि वह याकूब के लिए किसी बच्चे को जन्म नहीं दे रही है। राहेल अपनी बहन लिआ से ईर्ष्या करने लगी। इसलिए राहेल ने याकूब से कहा, “मुझे बच्चा दो, वरना मैं मर जाऊँगी।” Hindi Holy Bible जब राहेल ने देखा, कि याकूब के लिये मुझ से कोई सन्तान नहीं होता, तब वह अपनी बहिन से डाह करने लगी: और याकूब से कहा, मुझे भी सन्तान दे, नहीं तो मर जाऊंगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब राहेल ने देखा कि याक़ूब के लिये मुझ से कोई सन्तान नहीं होती, तब वह अपनी बहिन से डाह करने लगी और याक़ूब से कहा, “मुझे भी सन्तान दे, नहीं तो मर जाऊँगी।” नवीन हिंदी बाइबल जब राहेल ने देखा कि उससे याकूब के लिए कोई संतान उत्पन्न नहीं हुई, तो वह अपनी बहन से ईर्ष्या करने लगी और उसने याकूब से कहा, “मुझे भी संतान दे, नहीं तो मैं मर जाऊँगी।” सरल हिन्दी बाइबल राहेल ने यह देखा कि याकोब के लिए उसके द्वारा कोई संतान नहीं हुई, तो उसे अपनी बहन से नफ़रत हो गई. वह याकोब से झगड़ने लगी, “मुझे संतान दीजिए, नहीं तो मैं मर जाऊंगी!” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब राहेल ने देखा कि याकूब के लिये मुझसे कोई सन्तान नहीं होती, तब वह अपनी बहन से डाह करने लगी और याकूब से कहा, “मुझे भी सन्तान दे, नहीं तो मर जाऊँगी।” |
जब प्रभु ने देखा कि लिआ से घृणा की जाती है, तब उसने उसे पुत्रवती बनाया। पर राहेल निस्सन्तान रही।
और स्वयं निर्जन प्रदेश की ओर चले गए। उन्होंने एक दिन का मार्ग पार किया। वह झाऊ वृक्ष के नीचे बैठ गए। उन्होंने प्रभु से अपनी मृत्यु मांगी। उन्होंने कहा, ‘प्रभु, अब बहुत हो गया! तू मेरे प्राण ले ले। मैं अपने पूर्वजों से गया-बीता हूं।’
वह कौन है जो मुझसे बहस कर सकेगा? यदि ऐसा कोई हो तो मैं चुप हो जाऊंगा, और प्राण त्याग दूँगा।
निस्सन्देह क्रोध मूर्ख मनुष्य को मार डालता है; और मूढ़ आदमी ईष्र्या के कारण मर जाता है।
शान्त मन शरीर को स्वस्थ रखता है, पर क्रोध की ज्वाला हड्डियों को भी भस्म कर देती है।
फिर मैंने देखा कि सब परिश्रम और सारा कार्यकौशल अपने पड़ोसी के प्रति शत्रु-भावना से किया जाता है। अत: यह भी व्यर्थ है, यह मानो हवा को पकड़ना है।
यदि तू मुझसे ऐसा व्यवहार करेगा, तो मुझपर कृपा कर, और अविलम्ब मेरा वध कर दे जिससे मुझे अपनी दुर्दशा अपनी आंखों से देखनी न पड़े।’
किन्तु मूसा ने यहोशुअ से कहा, ‘क्या तुम मेरे कारण उनसे ईष्र्या कर रहे हो? भला होता कि प्रभु के सब लोग नबी होते, और प्रभु अपना आत्मा उन पर उण्डेलता!’
आप इस समय भी इसे पचा नहीं सकते, क्योंकि आप अब तक शारीरिक स्वभाव के हैं। आप लोगों में ईष्र्या और झगड़ा होता है। क्या यह इस बात का प्रमाण नहीं कि आप शारीरिक स्वभाव के हैं और निरे मनुष्यों-जैसा आचरण करते हैं?
क्योंकि जो दु:ख परमेश्वर की इच्छानुसार स्वीकार किया जाता, उसका परिणाम होता है हृदय-परिवर्तन तथा उद्धार। इसमें पछताना नहीं पड़ता। परन्तु सांसारिक दु:ख का परिणाम है मृत्यु।
द्वेष, मतवालापन, रंगरलियाँ और इसी प्रकार की अन्य बातें। मैं आप लोगों से कहता हूँ, जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, जो लोग इस प्रकार का आचरण करते हैं, वे परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं होंगे।
क्योंकि हम भी तो पहले नासमझ, अवज्ञाकारी, भटके हुए, हर प्रकार की वासनाओं और भोगों के वशीभूत थे। हम विद्वेष और ईष्र्या में जीवन बिताते थे। हम घृणित थे और एक दूसरे से बैर करते थे।
यदि आपका हृदय कटु ईष्र्या और स्वार्थ से भरा हुआ है, तो डींग मार कर सत्य के विपरीत झूठा दावा मत करें।
क्या तुम समझते हो कि धर्मग्रन्थ अकारण कहता है कि परमेश्वर ने जिस आत्मा को हम में समाविष्ट किया, उस को वह बड़ी ममता से चाहता है?