पर भले-बुरे के ज्ञान के पेड़ का फल न खाना; क्योंकि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे, तुम अवश्य मर जाओगे।’
उत्पत्ति 3:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर जानता है कि जब तुम उसे खाओगे तब तुम्हारी आंखें खुल जाएंगी। तुम भले और बुरे को जानकर परमेश्वर के समान बन जाओगे।’ पवित्र बाइबल परमेश्वर जानता है कि यदि तुम लोग उस पेड़ से फल खाओगे तो अच्छे और बुरे के बारे में जान जाओगे और तब तुम परमेश्वर के समान हो जाओगे।” Hindi Holy Bible वरन परमेश्वर आप जानता है, कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आंखें खुल जाएंगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के तुल्य हो जाओगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वरन् परमेश्वर आप जानता है कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के तुल्य हो जाओगे।” नवीन हिंदी बाइबल परमेश्वर तो जानता है कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे, तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी और तुम भले और बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के समान हो जाओगे।” सरल हिन्दी बाइबल परमेश्वर यह जानते हैं कि जिस दिन तुम इसमें से खाओगे, तुम्हारी आंखें खुल जाएंगी तथा तुम्हें भले और बुरे का ज्ञान हो जाएगा और तुम परमेश्वर के समान हो जाओगे.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वरन् परमेश्वर आप जानता है कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के तुल्य हो जाओगे।” |
पर भले-बुरे के ज्ञान के पेड़ का फल न खाना; क्योंकि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे, तुम अवश्य मर जाओगे।’
प्रभु परमेश्वर ने समस्त वृक्षों को, जो देखने में सुन्दर थे, और आहार के लिए उत्तम हैं, भूमि से उगाया। उसने उद्यान के मध्य में जीवन का वृक्ष तथा भले-बुरे के ज्ञान का वृक्ष उगाया।
उसने उत्तर दिया, ‘मैंने उद्यान में तेरी पग-ध्वनि सुनी। मैं डर गया, क्योंकि मैं नंगा था। इसलिए मैंने स्वयं को छिपा लिया है।’
प्रभु परमेश्वर ने कहा, ‘देखो, मनुष्य भले और बुरे को जानकर हममें से एक के समान बन गया है। अब कहीं ऐसा न हो कि वह हाथ बढ़ाकर जीवन के वृक्ष का फल तोड़ ले, और उसे खाकर अमर हो जाए।’
तब दोनों की आंखें खुल गईं, और उन्हें ज्ञात हुआ कि वे नग्न हैं। अत: उन्होंने अंजीर के पत्तों को सी कर लंगोट बनाए।
अत: इस्राएल प्रदेश के राजा ने नबियों को एकत्र किया। वे कुल चार सौ थे। राजा ने उनसे पूछा, ‘क्या मुझे रामोत-गिलआद नगर से युद्ध करने के लिए जाना चाहिए? अथवा मुझे युद्ध नहीं करना चाहिए?’ नबियों ने कहा, ‘आप आक्रमण कीजिए। प्रभु उसको महाराज के हाथ में सौंप देगा।’
इसलिए हिजकियाह की बातों के बहकावे में मत आओ, और न इस प्रकार धोखा खाओ; क्योंकि किसी भी राष्ट्र या राज्य का राष्ट्रीय देवी-देवता अपने लोगों को मेरे पंजे से नहीं छुड़ा सका है। तब तुम्हारे परमेश्वर की क्या हस्ती कि वह तुम्हें मेरे पंजे से छुड़ा सके?’
वे यह कहते हैं, “हम अपनी जिह्वा के बल पर प्रबल होंगे; हमारे ओंठ हमारे वश में हैं; हमारा स्वामी कौन है?”
‘तू अपने प्रभु परमेश्वर का नाम व्यर्थ न लेना; क्योंकि जो व्यक्ति प्रभु का नाम व्यर्थ लेगा, उसे प्रभु निर्दोष घोषित नहीं करेगा।
फरओ ने कहा, ‘यह प्रभु कौन है जिसकी बात सुनकर मैं इस्राएलियों को जाने दूं? मैं इस प्रभु को नहीं जानता। मैं इस्राएलियों को नहीं जाने दूंगा।’
मैं बादलों के ऊपर उच्चतम स्थान पर चढ़ूंगा, मैं स्वयं को सर्वोच्च परमेश्वर के तुल्य बनाऊंगा।”
‘मैंने धार्मिक व्यक्ति को निराश नहीं होने दिया, लेकिन तुमने अपनी झूठी भविष्यवाणियों से उसको निराश किया। तुमने दुर्जन को उत्साहित किया कि वह अपने दुराचरण को न छोड़े। यदि दुर्जन अपना दुराचरण छोड़ देता तो वह जीवित रहता।
‘ओ मानव, तू सोर नगर के राजा के लिए एक शोक-गीत लिख, और उसको सुना। तू उससे कहना, स्वामी-प्रभु यों कहता है: “तू सिद्ध राजा का प्रतीक था। तू बुद्धि से परिपूर्ण था। तू सर्वांग सुन्दर था।
‘ओ मानव-सन्तान, तू सोर नगर-राज्य के शासक से यों कह : स्वामी-प्रभु यों कहता है : “तेरा हृदय अहंकार से भरा है। तू कहता है कि तू ईश्वर है, और समुद्र के मध्य में, देवताओं के दरबार में उच्चासन पर बैठता है। नहीं, तू ईश्वर नहीं, बल्कि केवल मनुष्य है। तू अपने को ईश्वर के सदृश बुद्धिमान समझता है।
ओ सोर नगर-राज्य के शासक, क्या तू अपने वधिकों के सामने दावा करेगा कि तू ईश्वर है? नहीं, जब तू अपने हत्यारों के हाथ में पड़ जाएगा, तब उनकी दृष्टि में ईश्वर नहीं, वरन् मनुष्य ठहरेगा।
तू उनसे यह कहना, स्वामी-प्रभु यों कहता है : “ओ मिस्र देश के राजा फरओ, ओ नील नदी की जलधाराओं में शयन करनेवाले महा जलचर! तू कहता है कि नील नदी तेरी है और तूने उसको बनाया है। सुन, मैं तेरे विरुद्ध हूं।
तब मैंने सोचा, “क्या यह बेबीलोन नगर महान नहीं है? मैंने इसको अपनी बड़ी ताकत से बनाया है ताकि यह मेरी राजधानी बने और इसके माध्यम से मेरे वैभव की चहुं ओर प्रशंसा हो।”
आपके राज्य के अध्यक्षों, हाकिमों, क्षत्रपों, मन्त्रियों और राज्यपालों ने एक मत से यह निर्णय लिया है कि महाराज को यह परामर्श दें कि आप यह आदेश और निषेधाज्ञा प्रसारित करें कि जो व्यक्ति तीस दिन की अवधि के दौरान आपके अतिरिक्त किसी देवता अथवा मनुष्य से विनती करेगा तो वह सिंहों की मांद में डाला जाएगा।
किन्तु यदि तुम्हारी आँखें खराब हो जाएँ, तो तुम्हारा सारा शरीर अन्धकारमय होगा। इसलिए यदि तुम्हारे भीतर की ज्योति ही अन्धकार हो, तो यह कितना घोर अन्धकार होगा!
मैं उनकी आँखें खोलने के लिए, उन्हें अन्धकार से ज्योति की ओर उन्मुख करने के लिए, अर्थात् शैतान की शक्ति से विमुख हो परमेश्वर की ओर अभिमुख करने के लिए, तुझे उनके पास भेज रहा हूं, जिससे वे मुझ में विश्वास करने के कारण अपने पापों की क्षमा पाएं और पवित्र किए हुए भक्तों के बीच स्थान प्राप्त कर सकें।’
मुझे डर है कि जिस प्रकार सांप ने अपनी धूर्तता से हव्वा को धोखा दिया था, उसी प्रकार आप लोगों का मन भी न बहका दिया जाए और आप मसीह के प्रति अपनी निष्कपट और सच्ची भक्ति न खो बैठें;
इस युग-संसार के देवता ने अविश्वासियों का मन इतना अन्धा कर दिया है कि वे परमेश्वर के प्रतिरूप, अर्थात् मसीह के तेजोमय शुभ समाचार की ज्योति को देखने में असमर्थ हैं।
वह अपने घमण्ड में उन सब का विरोध करता और उन से अपने को बड़ा मानता है, जो देवता कहलाते या पूज्य समझे जाते हैं, यहाँ तक कि वह परमेश्वर के मन्दिर में विराजमान हो कर स्वयं ईश्वर होने का दावा करता है।
पशु के निरीक्षण में उस को जिन चमत्कारों को दिखाने की अनुमति मिली है, उन चमत्कारों द्वारा वह पृथ्वी के निवासियों को बहकाता है। वह पृथ्वी के निवासियों द्वारा उस पशु के आदर में एक प्रतिमा बनवाता है, जो तलवार का प्रहार सहने पर भी जीवित है।
लोगों ने पंखदार सर्प की पूजा की, क्योंकि उसने पशु को अधिकार प्रदान किया था और उन्होंने यह कहते हुए पशु की भी पूजा की, “इस पशु की बराबरी कौन कर सकता है? इस से युद्ध करने में कौन समर्थ है?”
यह इस्राएल की पीढ़ियों के हित में था कि वे युद्ध का ज्ञान प्राप्त करें। कम से कम वे इस्राएली लोग युद्ध-कला को सीखें जिन्हें पहले से युद्ध का व्यावहारिक ज्ञान नहीं था।