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यहेजकेल 28:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 ‘ओ मानव-सन्‍तान, तू सोर नगर-राज्‍य के शासक से यों कह : स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : “तेरा हृदय अहंकार से भरा है। तू कहता है कि तू ईश्‍वर है, और समुद्र के मध्‍य में, देवताओं के दरबार में उच्‍चासन पर बैठता है। नहीं, तू ईश्‍वर नहीं, बल्‍कि केवल मनुष्‍य है। तू अपने को ईश्‍वर के सदृश बुद्धिमान समझता है।

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पवित्र बाइबल

2 “मनुष्य के पुत्र, सोर के राजा से कहो, ‘मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: “‘तुम बहुत घमण्डी हो! और तुम कहते हो, “मैं परमेश्वर हूँ! मैं समुद्रों के मध्य में देवताओं के आसन पर बैठता हूँ।” “‘किन्तु तुम व्यक्ति हो, परमेश्वर नहीं! तुम केवल सोचते हो कि तुम परमेश्वर हो।

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Hindi Holy Bible

2 हे मनुष्य के सन्तान, सोर के प्रधान से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है कि तू ने मन में फूलकर यह कहा है, मैं ईश्वर हूँ, मैं समुद्र के बीच परमेश्वर के आसन पर बैठा हूँ, परन्तु, यद्यपि तू अपने आप को परमेश्वर सा दिखाता है, तौभी तू ईश्वर नहीं, मनुष्य ही है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 “हे मनुष्य के सन्तान, सोर के प्रधान से कह, परमेश्‍वर यहोवा यों कहता है : तू ने मन में फूलकर यह कहा है, ‘मैं ईश्‍वर हूँ, मैं समुद्र के बीच परमेश्‍वर के आसन पर बैठा हूँ,’ परन्तु, यद्यपि तू अपने आपको परमेश्‍वर–सा दिखाता है, तौभी तू ईश्‍वर नहीं, मनुष्य ही है।

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सरल हिन्दी बाइबल

2 “हे मनुष्य के पुत्र, सोर के शासक से कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “ ‘अपने मन में फूलकर तुम कहते हो, “मैं एक ईश्वर हूं; मैं समुद्र के बीच एक ईश्वर के सिंहासन पर बैठता हूं.” परंतु तुम सिर्फ एक मरणशील प्राणी हो, ईश्वर नहीं, यद्यपि तुम सोचते हो कि तुम ईश्वर के समान बुद्धिमान हो.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

2 “हे मनुष्य के सन्तान, सोर के प्रधान से कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है कि तूने मन में फूलकर यह कहा है, ‘मैं ईश्वर हूँ, मैं समुद्र के बीच परमेश्वर के आसन पर बैठा हूँ,’ परन्तु, यद्यपि तू अपने आपको परमेश्वर सा दिखाता है, तो भी तू ईश्वर नहीं, मनुष्य ही है। (यहे. 28:9)

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यहेजकेल 28:2
40 क्रॉस रेफरेंस  

ओ सोर नगर-राज्‍य के शासक, क्‍या तू अपने वधिकों के सामने दावा करेगा कि तू ईश्‍वर है? नहीं, जब तू अपने हत्‍यारों के हाथ में पड़ जाएगा, तब उनकी दृष्‍टि में ईश्‍वर नहीं, वरन् मनुष्‍य ठहरेगा।


वह अपने घमण्‍ड में उन सब का विरोध करता और उन से अपने को बड़ा मानता है, जो देवता कहलाते या पूज्‍य समझे जाते हैं, यहाँ तक कि वह परमेश्‍वर के मन्‍दिर में विराजमान हो कर स्‍वयं ईश्‍वर होने का दावा करता है।


मिस्र निवासी मनुष्‍य हैं, ईश्‍वर नहीं। उनके घोड़े ‘हाड़-मांस’ हैं, आत्‍मा नहीं! प्रभु के हाथ उठाते ही सहायता करनेवाला औंधे मुंह गिर पड़ेगा; और जिसकी उसने सहायता की है, वह धराशायी हो जाएगा। यों दोनों एक साथ नष्‍ट हो जाएंगे।


मनुष्‍य विनाश के पहले अहंकारी, और पतन के पूर्व घमण्‍डी हो जाता है।


प्रभु, उन्‍हें भयभीत कर, जिससे राष्‍ट्र जान लें कि वे केवल मनुष्‍य हैं। सेलाह


अहंकारियों और अभिमानियों के लिए, घमण्‍डियों और गर्व से फूलनेवालों के लिए स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने एक दिन निश्‍चित कर रखा है।


और तुम, नवयुवको! धर्मवृद्धों की अधीनता स्‍वीकार करो। आप सब नम्रतापूर्वक एक दूसरे की सेवा के लिए कमर कस कर तैयार रहें; क्‍योंकि परमेश्‍वर घमण्‍डियों का विरोध करता है, किन्‍तु वह विनम्र लोगों पर दया करता है।


वह नवदीिक्षत नहीं हो, अन्‍यथा वह घमंड से भर जायेगा और उसे भी वैसा ही दंड मिलेगा जैसा शैतान को मिला था।


देख, जो कुटिल है, उसका पतन अवश्‍य होगा; परन्‍तु धार्मिक जन अपने विश्‍वास से जीवित रहेगा।


“स्‍वामी-प्रभु यों कहता है: ओ देवदार, तेरी ऊंचाई आसमान को छू रही है; तेरी चोटी बादलों से ढक गई है। अपनी ऊंचाई के कारण तेरा हृदय घमण्‍ड से फूल उठा है।


तुझे अपने रूप का घमण्‍ड था; तूने अपने वैभव के कारण अपनी बुद्धि भ्रष्‍ट कर ली थी। अत: मैंने तुझको तेरे उच्‍चासन से उतार कर भूमि पर पटक दिया। मैंने तुझे राजाओं के सामने रखा कि वे तुझे देखें, और तेरा मजाक उड़ाएं।


मनुष्‍य अपने विनाश के पूर्व घमण्‍डी हो जाता है; पर आदर पाने के लिए मनुष्‍य को पहले विनम्र बनना पड़ता है।


किन्‍तु जब वह शक्‍तिशाली हो गया, तब उसका हृदय घमण्‍ड से भर गया। उसका हृदय प्रभु परमेश्‍वर के प्रति निष्‍कपट नहीं रहा। एक दिन उसने प्रभु के मन्‍दिर में धूप-वेदी पर धूप जलाने के लिए प्रवेश किया।


तब तेरे हृदय में अहंकार आ जाए, और तू अपने प्रभु परमेश्‍वर को भूल जाए। ओ इस्राएल! मत भूलना कि प्रभु परमेश्‍वर ने तुझे मिस्र देश से, दासत्‍व के घर से निकाला है।


परमेश्‍वर जानता है कि जब तुम उसे खाओगे तब तुम्‍हारी आंखें खुल जाएंगी। तुम भले और बुरे को जानकर परमेश्‍वर के समान बन जाओगे।’


मैं आत्‍मा से आविष्‍ट हो गया और स्‍वर्गदूत मुझे निर्जन प्रदेश की ओर ले गया। मैंने वहाँ एक स्‍त्री को एक लाल पशु पर बैठा हुआ देखा। पशु के सारे शरीर पर ईश-निन्‍दक शब्‍द अंकित थे। उसके सात सिर और सात सींग थे।


उसने जितनी डींग मारी और जितना भोगविलास किया है, उसे उतनी यन्‍त्रणा और उतना शोक दो। वह अपने मन में यह कहती है, ‘मैं रानी की तरह सिंहासन पर विराजमान हूँ। मैं विधवा नहीं हूँ और कभी शोक नहीं मनाऊंगी।’


किसने सोर के विरुद्ध यह योजना बनाई थी? सोर, जिसने अनेक राज्‍यों की स्‍थापना की, जिसके व्‍यापारी सामन्‍त थे, जिसके व्‍यापारियों का समस्‍त पृथ्‍वी पर आदर किया जाता था।


ओ राग-रंग में डूबी हुई, निश्‍चिंत जीवन बितानेवाली, मेरी बात सुन! तू अपने हृदय में यह कहती है, ‘केवल मैं ही हूं, मुझे छोड़ दूसरी स्‍वामिनी है ही नहीं। मैं विधवा की तरह नहीं रहूंगी, और न मैं निस्‍संतान हूंगी।’


तेरी बहिन सोदोम का केवल यही अधर्म था कि उसने और उसकी पुत्रियों ने घमण्‍ड किया। उन्‍होंने आवश्‍यकता से अधिक अनाज जमा किया, खाया-पीया, मौज-मजा किया लेकिन गरीबों और अभावग्रस्‍त अपने जाति-भाई-बहिनों की चिन्‍ता नहीं की।


वे तेरे विषय में शोक-गीत रचेंगे, और वे तुझसे यह कहेंगे : ओ विख्‍यात महानगर! महा सागर के तट से तू लोप हो गया! समुद्र पर तेरा और तेरे निवासियों का एकछत्र अधिकार था। तेरे निवासियों के आतंक से भूमि-तट के निवासी कांप उठते थे।


प्रभु का यह सन्‍देश मुझे मिला। प्रभु ने मुझसे कहा,


यह वैभवपूर्ण नगरी है। इसे अपनी सुरक्षा पर विश्‍वास था। यह अपने हृदय में सोचती थी: ‘बस मैं ही हूं, मेरे समान कोई अन्‍य नगरी नहीं है।’ इसका कैसा विनाश हुआ! यह जंगली पशुओं की मांद बन गई। यहां से गुजरनेवाले थू-थू करते हैं, वे हाथों से उपेक्षा जताते हैं।


हमात नगर जो सीरिया की सीमा पर स्‍थित है, सोर और सीदोन नगर-राज्‍य भी प्रभु के हैं; यद्यपि वे बड़े चालाक हैं।


तू उनसे यह कहना, स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : “ओ मिस्र देश के राजा फरओ, ओ नील नदी की जलधाराओं में शयन करनेवाले महा जलचर! तू कहता है कि नील नदी तेरी है और तूने उसको बनाया है। सुन, मैं तेरे विरुद्ध हूं।


सम्‍पूर्ण मिस्र-देश उजाड़ और निर्जन हो जाएगा। तब मिस्र निवासियों को ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूं। “ओ फरओ, तूने यह कहा है कि नील नदी तेरी है, और तूने उसको बनाया है।


“जब दक्षिण देश का राजा उसकी सेना को पराजित कर देगा, तब उसका हृदय घमण्‍ड से फूल उठेगा। वह लाखों सैनिकों का वध करेगा, परन्‍तु वह उस पर प्रबल न होगा;


“और वह राजा अपनी इच्‍छा के अनुसार कार्य करेगा। वह स्‍वयं को सब देवताओं से ऊपर प्रतिष्‍ठित करेगा और अपने आपको उनसे बड़ा बताएगा। वह ईश्‍वरों के ईश्‍वर, परमेश्‍वर के विरुद्ध भी अनोखी बातें बोलेगा। वह तब तक सफल होता रहेगा जब तक कि उसके पाप का घड़ा भर न जाए; क्‍योंकि जो निश्‍चित है, वह तो होगा ही।


वह अपने पूर्वजों के देवताओं की परवाह भी नहीं करेगा और न स्‍त्रियों के प्रिय इष्‍ट देव की भी। वस्‍तुत: वह किसी भी देवता की परवाह नहीं करेगा, क्‍योंकि वह सब देवताओं से ऊपर स्‍वयं को प्रतिष्‍ठित करेगा।


और जिसने तुम दोनों को निमन्‍त्रण दिया है, वह आ कर तुम से कहे, ‘इन्‍हें अपनी जगह दीजिए’। तब तुम्‍हें लज्‍जित हो कर सबसे पिछले स्‍थान पर बैठना पड़ेगा।


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