प्रभु परमेश्वर ने स्त्री से पूछा, ‘यह तूने क्या किया?’ स्त्री ने उत्तर दिया, ‘सांप ने मुझे बहका दिया और मैंने फल खा लिया।’
उत्पत्ति 3:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सांप ने स्त्री से कहा, ‘तुम नहीं मरोगे। पवित्र बाइबल लेकिन साँप ने स्त्री से कहा, “तुम मरोगी नहीं। Hindi Holy Bible तब सर्प ने स्त्री से कहा, तुम निश्चय न मरोगे, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब सर्प ने स्त्री से कहा, “तुम निश्चय न मरोगे! नवीन हिंदी बाइबल तब सर्प ने स्त्री से कहा, “नहीं, तुम नहीं मरोगे! सरल हिन्दी बाइबल सांप ने स्त्री से कहा, “निश्चय तुम नहीं मरोगे! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब सर्प ने स्त्री से कहा, “तुम निश्चय न मरोगे |
प्रभु परमेश्वर ने स्त्री से पूछा, ‘यह तूने क्या किया?’ स्त्री ने उत्तर दिया, ‘सांप ने मुझे बहका दिया और मैंने फल खा लिया।’
परन्तु परमेश्वर ने कहा है, “उद्यान के मध्य में लगे पेड़ का फल न खाना, उसे स्पर्श भी नहीं करना, अन्यथा तुम मर जाओगे।” ’
उन्होंने राजा को बताया, ‘प्रभु यों कहता है: क्या प्रभु का वचन पूछने के लिए इस्राएली राष्ट्र का अपना परमेश्वर नहीं है, जो तूने एक्रोन नगर के देवता बअल-जबूल के पास दूतों को भेजा? इसलिए जिस पलंग पर तू पड़ा है, वहाँ से तू नीचे नहीं उतरेगा। तू निश्चय ही मरेगा।” ’
इसलिए प्रभु तुम्हारे महाराज से यों कहता है: जिस पलंग पर तू पड़ा है, वहां से तू नीचे नहीं उतरेगा। तू निश्चय ही मरेगा!” ’ अत: एलियाह गए।
दूतों ने राजा को बताया, ‘एक मनुष्य हमसे मिलने के लिए आया। उसने हमसे यह कहा, “जाओ, महाराज के पास लौटो, जिन्होंने तुम्हें भेजा है। तुम उनसे यह कहना, ‘प्रभु यों कहता है : क्या इस्राएली राष्ट्र का अपना परमेश्वर नहीं है जो तू एक्रोन नगर के देवता बअल-जबूल के पास पूछने के लिए दूतों को भेज रहा है? इसलिए जिस पलंग पर तू पड़ा है, वहां से तू नीचे नहीं उतरेगा। तू निश्चय ही मरेगा।’ ” ’
एलीशा ने उसको उत्तर दिया, ‘जा, अपने महाराज से यह कहना: “आप निश्चय ही बीमारी से मुक्त होंगे।” परन्तु प्रभु ने मुझ पर प्रकट किया है कि वह निश्चय ही मरेगा।’
प्रभु ने उससे पूछा, “कैसे?” उसने बताया, “मैं जाऊंगी और अहाब के सब नबियों के मुंह से झूठी नबूवत कराऊंगी।” प्रभु ने उससे कहा, “तुझे अहाब को फुसलाना है। तू अपने कार्य में सफल होगी। जा, और अपना काम कर।”
अभागा अपने हृदय में यह सोचता है, “परमेश्वर मुझे भूल गया। उसने अपना मुख छिपा लिया। वह फिर कभी इधर नहीं देखेगा।”
“तुम तो अपने पिता शैतान से हो और अपने पिता की इच्छा पूरी करना चाहते हो। वह तो प्रारम्भ से ही हत्यारा था। वह सत्य पर स्थिर नहीं रहता, क्योंकि उसमें सत्य है ही नहीं। जब वह झूठ बोलता है, तो अपने ही स्वभाव के अनुसार बोलता है; क्योंकि वह झूठा है और झूठ का पिता है।
मुझे डर है कि जिस प्रकार सांप ने अपनी धूर्तता से हव्वा को धोखा दिया था, उसी प्रकार आप लोगों का मन भी न बहका दिया जाए और आप मसीह के प्रति अपनी निष्कपट और सच्ची भक्ति न खो बैठें;
क्योंकि हम शैतान के फन्दे में नहीं पड़ना चाहते हैं। हम उसकी चालें अच्छी तरह जानते हैं।
यदि कोई व्यक्ति इस शपथपूर्ण व्यवस्था के वचन सुनने के पश्चात् मन ही मन अपने को सौभाग्यशाली मानता है, और यह कहता है, “यद्यपि मैं अपने हृदय के हठ के अनुसार चलूंगा, तो भी मेरा कुशल-मंगल होगा” , तो ऐसा विचार गेहूं के साथ घुन को भी पीस डालता है।