अब्राम की पत्नी सारय को कोई सन्तान नहीं हुई थी। उसके पास एक मिस्री दासी थी। उसका नाम हागार था।
उत्पत्ति 16:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु के दूत ने पूछा, ‘सारय की दासी हागार, तू कहाँ से आ रही है, और कहाँ जा रही है?’ उसने उत्तर दिया, ‘मैं अपनी स्वामिनी सारय के पास से भाग रही हूं।’ पवित्र बाइबल दूत ने कहा, “हाजिरा, तुम सारै की दासी हो। तुम यहाँ क्यों हो? तुम कहाँ जा रही हो?” हाजिरा ने कहा, “मैं अपनी मालकिन सारै के यहाँ से भाग रही हूँ।” Hindi Holy Bible हे सारै की लौंडी हाजिरा, तू कहां से आती और कहां को जाती है? उसने कहा, मैं अपनी स्वामिनी सारै के साम्हने से भाग आई हूं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “हे सारै की दासी हाजिरा, तू कहाँ से आती और कहाँ को जाती है?” उसने कहा, “मैं अपनी स्वामिनी सारै के सामने से भाग आई हूँ।” नवीन हिंदी बाइबल “हे सारै की दासी हाजिरा, तू कहाँ से आ रही है और कहाँ जा रही है?” उसने कहा, “मैं अपनी स्वामिनी सारै के पास से भाग आई हूँ।” सरल हिन्दी बाइबल तब स्वर्गदूत ने उससे पूछा, “हे सारय की दासी हागार, तुम कहां से आ रही हो? और कहां जा रही हो?” हागार ने उत्तर दिया, “मैं अपनी स्वामिनी सारय के पास से भागकर आई हूं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “हे सारै की दासी हागार, तू कहाँ से आती और कहाँ को जाती है?” उसने कहा, “मैं अपनी स्वामिनी सारै के सामने से भाग आई हूँ।” |
अब्राम की पत्नी सारय को कोई सन्तान नहीं हुई थी। उसके पास एक मिस्री दासी थी। उसका नाम हागार था।
अब्राम ने हागार के साथ सहवास किया और वह गर्भवती हुई। जब हागार ने देखा कि वह गर्भवती है तब अपनी स्वामिनी को तिरस्कार की दृष्टि से देखने लगी।
परमेश्वर ने बालक के रोने की आवाज सुनी। परमेश्वर के दूत ने स्वर्ग से हागार को पुकारा और उससे कहा, ‘हागार, तुझे क्या हुआ है? मत डर, जहाँ तेरा बालक पड़ा है वहाँ से परमेश्वर ने उसकी आवाज सुनी है।
जब एलियाह ने इस स्वर को सुना, तब उन्होंने अपनी चादर से मुख को ढक दिया। वह गुफा से बाहर निकले, और उसके द्वार पर खड़े हो गए। उनको एक आवाज़ सुनाई दी। आवाज ने पूछा, ‘एलियाह, तू यहाँ क्या कर रहा है?’
वहाँ वह एक गुफा में आए, और वहीं ठहर गए। तब प्रभु का वचन एलियाह को सुनाई दिया। प्रभु ने उनसे पूछा, ‘एलियाह, तू यहाँ क्या कर रहा है?’
गेहजी भीतर गया और अपने गुरु के सम्मुख खड़ा हुआ। एलीशा ने उससे पूछा, ‘गेहजी, तू कहां गया था?’ उसने उत्तर दिया, ‘आपका सेवक कहीं नहीं गया था।’
यदि शासक तुमसे नाराज हो तो तुम अपना स्थान मत छोड़ो। क्योंकि धैर्य गंभीर अपराध भी सुधार देता है।
बूढ़े मनुष्य ने अपनी आँखें ऊपर उठाईं। उसने नगर-चौक में एक यात्री को देखा। बूढ़े मनुष्य ने उससे पूछा, ‘तुम कहाँ से आए हो और कहाँ जा रहे हो?’
अब, महाराज, मेरे स्वामी, अपने सेवक की यह बात ध्यान से सुनें : यदि प्रभु ने आपको मेरे विरुद्ध उकसाया है, तो प्रभु एक भेंट स्वीकार करे। परन्तु यदि उकसाने वाले मनुष्य हैं, तो वे प्रभु के सम्मुख अभिशप्त हों! उन्होंने मुझे आज निकाल दिया है जिससे मैं प्रभु की पैतृक-सम्पत्ति का हिस्सेदार न बनूं। उन्होंने मुझसे कहा, “जा, अन्य देशों के देवताओं की पूजा-आराधना कर!”