प्रभु ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, ‘मैं यह देश तेरे वंश को दूँगा।’ अत: अब्राम ने प्रभु के लिए, जिसने उन्हें दर्शन दिया था, वहाँ एक वेदी बनाई।
उत्पत्ति 15:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु ने उसी दिन अब्राम के साथ विधान का संबंध स्थापित किया। उसने कहा, ‘मैं तेरे वंश को यह देश, अर्थात् मिस्र देश की नदी से महानदी फरात तक की भूमि देता हूं, पवित्र बाइबल इस तरह उस दिन यहोवा ने अब्राम को वचन दिया और उसके साथ वाचा की। यहोवा ने कहा, “मैं यह प्रदेश तुम्हारे वंशजों को दूँगा। मैं मिस्र की नदी और बड़ी नदी परात के बीच का प्रदेश उनको दूँगा। Hindi Holy Bible उसी दिन यहोवा ने अब्राम के साथ यह वाचा बान्धी, कि मिस्र के महानद से ले कर परात नाम बड़े नद तक जितना देश है, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसी दिन यहोवा ने अब्राम के साथ यह वाचा बाँधी, “मिस्र के महानद से लेकर परात नामक बड़े नद तक जितना देश है, नवीन हिंदी बाइबल उसी दिन यहोवा ने अब्राम से यह कहकर वाचा बाँधी, “मिस्र की नदी से लेकर फरात महानदी तक की जितनी भूमि है, सरल हिन्दी बाइबल और उसी दिन याहवेह ने अब्राम से एक वाचा बांधी और कहा, “मैं तुम्हारे वंश को मिस्र के नदी से लेकर फरात महानदी तक दूंगा, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसी दिन यहोवा ने अब्राम के साथ यह वाचा बाँधी, “मिस्र के महानद से लेकर फरात नामक बड़े नद तक जितना देश है, |
प्रभु ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, ‘मैं यह देश तेरे वंश को दूँगा।’ अत: अब्राम ने प्रभु के लिए, जिसने उन्हें दर्शन दिया था, वहाँ एक वेदी बनाई।
तीसरी नदी का नाम दजला है, जो असीरिया देश की पूर्व दिशा में बहती है। चौथी नदी का नाम फरात है।
स्वर्ग का प्रभु परमेश्वर मुझे पितृगृह और मेरी जन्मभूमि से निकालकर लाया है। उसने मुझसे कहा था; उसने मुझसे यह शपथ खाई थी, “मैं यह देश तेरे वंश को दूंगा।” वही प्रभु परमेश्वर अपने दूत को तुम्हारे मार्ग-दर्शन के लिए भेजेगा कि तुम मेरे पुत्र के लिए वहीं से वधू लाओ।
मैं तेरे वंश को आकाश के तारों के सदृश असंख्य बनाऊंगा, और उन्हें ये सब देश प्रदान करूँगा। पृथ्वी के समस्त राष्ट्र तेरे वंश द्वारा मुझसे आशिष प्राप्त करेंगे;
वह तुझे और तेरे साथ तेरे वंशजों को अब्राहम की आशिष प्रदान करे, जिससे तू अपने प्रवास के उस देश पर अधिकार करे, जिसे परमेश्वर ने अब्राहम को दिया था।’
जो देश मैंने अब्राहम और इसहाक को दिया था, वह तुझे भी दूँगा। मैं वह देश तेरे पश्चात् तेरे वंश को भी प्रदान करूँगा।’
यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा, ‘मेरी मृत्यु निकट है। किन्तु परमेश्वर तुम्हारी सुध लेगा, और तुम्हें इस देश से निकाल कर उस देश में ले जाएगा, जिसकी शपथ उसने अब्राहम, इसहाक और याकूब से खाई थी।’
‘मेरा परिवार निस्सन्देह परमेश्वर के विश्वास में सुदृढ़ है। परमेश्वर ने मेरे साथ स्थायी विधान स्थापित किया है, जो सब प्रकार से व्यवस्थित और अटल है। वह मेरे सब कल्याणप्रद कार्यों को, मेरी सब इच्छाओं को निस्सन्देह पूर्ण करेगा।
जब रहोब का पुत्र और सोबाह राज्य का राजा हदद-एजेर फरात नदी के समीप अपना राज्य-विस्तार करने गया, तब दाऊद ने उसे पराजित कर दिया।
सुलेमान फरात नदी से पलिश्ती देश तक तथा मिस्र देश की सीमा तक आने वाले समस्त राज्यों पर शासन करता था। ये राज्य उसको कर देते थे। ये उसके जीवन-भर उसके अधीन बने रहे।
जब सोर देश के राजा हीराम ने यह सुना कि लोगों ने सुलेमान को उसके पिता के स्थान पर राजा अभिषिक्त किया है, तब उसने उसके पास राजदूत भेजे; क्योंकि वह दाऊद के जीवन भर उसका मित्र था।
उस विधान को कभी नहीं भूलना जो उसने अब्राहम के साथ स्थापित किया था; उस शपथ को जो उसने इसहाक के साथ खाई थी।
उसने पूर्व दिशा में मरुस्थल के प्रवेश-द्वार तक फरात नदी की इस ओर भी निवास किया था; क्योंकि गिलआद प्रदेश में उनके पशुओं की संख्या बहुत बढ़ गई थी।
राजा सुलेमान ने उस समय सात दिन तक यात्रा-पर्व मनाया। पर्व में हमात घाटी की सीमा से मिस्र देश की बरसाती नदी तक के इस्राएलियों का विशाल जन-समूहएकत्र हुआ।
हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिव्वी और यबूसी जाति के बचे हुए लोग, जो इस्राएली जाति के नहीं थे,
राजा सुलेमान फरात नदी से लेकर पलिश्तियों के देश तक के राजाओं पर राज्य करता था। उसके राज्य की सीमा मिस्र देश की सीमा तक फैली हुई थी।
यरूशलेम में शक्तिशाली राजा भी हुए हैं, जिन्होंने फरात नदी के समस्त पश्चिमी प्रदेश पर राज्य भी किया है। उनको उपहार, कर और चुंगी दी जाती थी।
तूने उनके हृदय को अपने प्रति विश्वासी पाया था, अत: उनसे विधान स्थापित किया, कि तू उनके वंशजों को कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, यबूसी और गिर्गाशी कौमों का देश प्रदान करेगा। प्रभु, तूने अपना यह वचन पूरा किया; क्योंकि तू धर्मी है।
‘जब प्रभु तुझे कनानी जाति के देश में ले आए जिसकी शपथ उसने तुझसे और तेरे पूर्वजों से खाई थी, और जब वह देश तुझे दे
परमेश्वर ने उनका कराहना सुना। उसे अब्राहम, इसहाक और याकूब के साथ स्थापित अपने विधान का स्मरण हुआ।
‘जब मेरा दूत तेरे आगे जाकर तुझे अमोरी, हित्ती, परिज्जी, कनानी, हिव्वी और यबूसी जातियों के देश में पहुँचाएगा, और मैं उन्हें मिटा डालूंगा
मैं मिस्र-निवासियों के हाथ से उन्हें मुक्त करने के लिए, इस देश से निकालकर उन्हें एक अच्छे और विशाल देश में, ऐसे देश में जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं, अर्थात् कनानी, हित्ती, अमोरी, परिज्जी, हिव्वी और यबूसी जातियों के देश में ले जाने के लिए उतर आया हूं।
अपने सेवक अब्राहम, इसहाक और इस्राएल को स्मरण कर, जिनसे तूने स्वयं अपनी शपथ खाई थी, और उनसे कहा था, “मैं तुम्हारे वंश को आकाश के तारों के सदृश असंख्य करूँगा। मैं यह समस्त देश, जिसकी प्रतिज्ञा मैंने की थी, तेरे वंश को प्रदान करूँगा। वे उस पर सदा अधिकार रखेंगे।” ’
‘जो आज्ञा मैं आज तुझे देता हूँ, उसका पालन करना। देख, मैं तेरे सम्मुख से अमोरी, कनानी, हित्ती, परिज्जी, हिव्वी और यबूसी जातियों को निकाल दूँगा।
मैं तेरे सम्मुख से राष्ट्रों को निकालकर तेरे सीमान्तों को विस्तृत करूँगा। जब तू वर्ष में तीन बार अपने प्रभु परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित होने के लिए जाएगा तब कोई भी व्यक्ति तेरी भूमि का लालच नहीं करेगा।
मैंने उनके साथ अपना विधान स्थापित किया कि मैं उनको कनान देश प्रदान करूंगा, जिसमें वे प्रवासी होकर निवास करते थे।
मैं तुम्हें उस देश में लाऊंगा, जिसे अब्राहम, इसहाक और याकूब को प्रदान करने के लिए मैंने शपथ खाई थी। मैं तुम्हें उसे प्रदान करूंगा कि तुम्हारा उस पर अधिकार हो। मैं प्रभु हूं।” ’
उस दिन प्रभु फरात नदी से मिस्र की बरसाती नदी तक अन्न को फटकेगा; तब तुम, ओ इस्राएलियो, अनाज के दाने के समान एक-एक व्यक्ति इकठ्टे किए जाओगे।
मेरी ओर कान दो, और मेरे पास आओ। मेरी बात सुनो, ताकि तुम्हारा प्राण जीवित रहे। तब मैं दाऊद के प्रति अपनी अटूट करुणा के कारण तुम्हारे साथ शाश्वत विधान स्थापित करूंगा।
तूने उनको यह देश दिया था। तूने इस्राएलियों के पूर्वजों से यह शपथ भी खाई थी कि तू उन को ऐसा देश देगा, जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं।
‘मैं उन के साथ शाश्वत विधान स्थापित करूंगा ताकि मैं उनकी भलाई निरन्तर करता रहूं। मैं उनके हृदय में अपने लिए भक्ति की भावना डालूंगा जिससे वे मेरी ओर से मुंह न मोड़ लें।
तो मैं याकूब, इसहाक और अब्राहम के साथ स्थापित किये गये अपने विधान को स्मरण करूंगा, मैं तुम्हारी भूमि को स्मरण करूंगा।
किन्तु मैं उनके पूर्वजों के साथ स्थापित अपने विधान को स्मरण करूंगा, जिनको मैं विभिन्न जातियों की आंखों के सामने मिस्र देश से बाहर निकाल लाया था कि मैं उनका परमेश्वर होऊं। मैं प्रभु हूं।’
तुम्हारी सीमा-रेखा असमोन से मिस्र की बरसाती नदी की ओर जाएगी, और भूमध्यसागर में समाप्त होगी।
इस देश में परमेश्वर ने उन्हें विरासत के रूप में पैर रखने को भी जगह नहीं दी; किन्तु उसने प्रतिज्ञा की कि मैं यह देश तुम्हारे अधिकार में और तुम्हारे पश्चात् तुम्हारे वंश के अधिकार में कर दूंगा, यद्यपि उस समय अब्राहम के कोई सन्तान नहीं थी।
जिस-जिस स्थान पर तुम्हारा पैर पड़ेगा, वह तुम्हारा होगा। तुम्हारी सीमा निर्जन प्रदेश से लबानोन, और फरात नदी से पश्चिमी सागर तक होगी।
‘जब तेरा प्रभु परमेश्वर अपने वचन के अनुसार तेरी सीमा को बढ़ाएगा, और तू कहेगा, “मैं मांस खाऊंगा” , क्योंकि तू मांस की इच्छा करता है, तो तू जितना चाहे, उतना मांस खा सकता है।
यदि तेरा प्रभु परमेश्वर तेरे देश की सीमा बढ़ाएगा, जिसकी शपथ उसने तेरे पूर्वजों से खाई थी, और तुझे यह सारा देश प्रदान कर देगा, जिसको देने का वचन उसने तेरे पूर्वजों को दिया था,
प्रभु ने उनसे कहा, ‘यही है वह देश जिसके विषय में मैंने अब्राहम, इसहाक और याकूब से यह शपथ खाई थी : “मैं यह देश तुम्हारे वंशजों को दूंगा।” मैंने तुझे इसके दर्शन करा दिए। पर तू स्वयं वहां नहीं जा सकेगा।’
‘जब तेरा प्रभु परमेश्वर तुझको उस देश में पहुंचा देगा, जिस पर अधिकार करने के लिए तू वहाँ जा रहा है, तब वह अनेक राष्ट्रों को भगा देगा। वह तुझसे अधिक महान और शक्तिशाली सात जातियों को-हित्ती, गिर्गाशी, एमोरी, कनानी, परिज्जी, हिव्वी और यबूसी को, तेरे सम्मुख से निकाल देगा।
शान्ति का परमेश्वर, जिसने शाश्वत विधान के रक्त द्वारा भेड़ों के महान् चरवाहे, हमारे प्रभु येशु को मृतकों में से पुनर्जीवित किया,
मिस्र देश की सीमा पर शीहोर नदी से उत्तर में एक्रोन नगर-राज्य की सीमा के अन्तर्गत का भूमि-भाग कनानी जाति का देश माना जाता था। पलिश्ती जाति के पांच सामन्त गाजा, अश्दोद, एश्कलोन, गत और एक्रोन नगरों में रहते थे।) और दक्षिण में अव्वी जाति का प्रदेश।
यह अस्मोन को पार करती हुई, मिस्र की बरसाती नदी के किनारे-किनारे होती हुई भूमध्यसागर तक जाती थी। यहाँ सीमा-रेखा समाप्त हो जाती थी। यह यहूदा-कुल के भूमि-क्षेत्र की दक्षिणी सीमा थी।
मैंने उसे तुरहीधारी छठे स्वर्गदूत से यह कहते सुना: “महानदी फरात के पास बँधे हुए चार दूतों को खोल दो।”