उसने भवन के सबसे भीतरी भाग में देवदार के तख्तों से एक कक्ष निर्मित किया। यह फर्श के छत की कड़ियों तक नौ मीटर ऊंचा था। उसने इस कक्ष को, पवित्र अन्तर्गृह ‘परम पवित्र स्थान,’ बनाया।
इब्रानियों 9:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दूसरे परदे के पीछे का कक्ष परमपवित्र-स्थान कहलाता था। पवित्र बाइबल दूसरे परदे के पीछे एक और कक्ष था जिसे परम पवित्र कहा जाता है। Hindi Holy Bible और दूसरे परदे के पीछे वह तम्बू था, जो परम पवित्रस्थान कहलाता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) दूसरा, परदे के पीछे वह तम्बू था, जो परमपवित्र स्थान कहलाता है। नवीन हिंदी बाइबल दूसरे परदे के पीछे तंबू का वह भाग था जो परम पवित्र स्थान कहलाता था। सरल हिन्दी बाइबल दूसरे पर्दे से आगे जो तंबू था, वह परम पवित्र स्थान कहलाता था, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और दूसरे परदे के पीछे वह तम्बू था, जो परमपवित्र स्थान कहलाता है। (निर्ग. 26:31-33) |
उसने भवन के सबसे भीतरी भाग में देवदार के तख्तों से एक कक्ष निर्मित किया। यह फर्श के छत की कड़ियों तक नौ मीटर ऊंचा था। उसने इस कक्ष को, पवित्र अन्तर्गृह ‘परम पवित्र स्थान,’ बनाया।
तत्पश्चात् पुरोहित प्रभु की विधान-मंजूषा को उसके स्थान पर, मन्दिर के पवित्र अन्तर्गृह-परम पवित्र स्थान − में, करूबों के पंखों के नीचे लाए।
राजा ने मध्यवर्ती परदे को नीले, बैंगनी और लाल रंग के सूती वस्त्रों से बनाया, और परदे पर करूबों के चित्र काढ़ दिए।
वह मंजूषा को निवास-स्थान के भीतर लाए। उन्होंने अन्त:पट को लटकाया और साक्षी-मंजूषा को अन्त:पट की आड़ में किया, जैसी प्रभु ने मूसा को आज्ञा दी थी।
प्रभु इसी पर्वत पर उस आवरण को नष्ट कर देगा, जो समस्त जातियों पर छाया हुआ है; वह उस परदे को हटा देगा, जो सब राष्ट्रों पर पड़ा हुआ है।
उसने मध्यभाग के सामने अन्तर्गृह की लम्बाई नापी। उसकी लम्बाई दस मीटर और चौड़ाई दस मीटर निकली। उसने मुझे बताया, ‘यह महा पवित्र स्थान है।’
जब पड़ाव प्रस्थान करेगा तब हारून तथा उसके पुत्र मिलन-शिविर के भीतर जाकर अन्त:पट उतारेंगे, और उससे साक्षी-मंजूषा को ढक देंगे।
उसी समय मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फट कर दो टुकड़े हो गया। पृथ्वी काँप उठी। चट्टानें फट गयीं।
वह आशा हमारी आत्मा के लिए एक सुस्थिर एवं सुदृढ़ लंगर के सदृश है, जो परदे के उस पार स्वर्गिक मन्दिरगर्भ में पहुँचता है,
किन्तु केवल महापुरोहित, वर्ष में एक ही बार, पिछले कक्ष में वह रक्त लिये प्रवेश करता था, जिसे वह अपने और प्रजा के दोषों के लिए प्रायश्चित के रूप में चढ़ाता था।
इस प्रकार पवित्र आत्मा यह दिखलाना चाहता है कि जब तक शिविर का अगला कक्ष खड़ा है, तब तक परमपवित्र-स्थान का मार्ग खुला नहीं है।